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विशाखापट्टनम मे गैस रिसाव से 8 मरे, हजार से अधिक अस्पताल में भर्ती

आबादी से दूर बने ऐसे खतरनाक कारखाने
पालिमर इंडस्टी के आसपास के अनैक गांवों को खाली कराया गया
प्यारा उतराखण्ड डाट काम  
आज 7 मई की सुबह 3 बजे आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के बेंकटअपुरम गांव में स्थित एल जी पालिमर इंडस्ट्री के रसायन प्लांट से  जहरीली गैस के रिसाव होने से 8 लोगों की दर्दनौंक मौत हो गयी व हजार से अधिक पीडित लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस गैस के रिसाव होते समय लोेग गहरी नींद में सोये हुए थे।आस पास क्षेत्रों के लोगों की आंखों में जलन, सांस लेने में तखलीफ  होने से लोग इस तीखी गंध वाले गैस से चिल्लाने लगे। इसके साथ गैस व दहशत से कई लोग सड़कों लडखडा  कर गिर गये। कई लोग अपने घरों में ही बेहोश हो गए। इस इलाके के लोगों के शरीर पर लाल चकत्ते भी पड़ने लगे।  आनन फानन ने लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस गैस रिसाव के कारण इस दुर्घटना वाले क्षेत्र के तीन किलो मीटर वाले क्षेत्र के 5 गांवों को आनन फानन में खाली कराया गया। इसका फैलाव निकटवर्ती 20 गांवों में भी होने लगा, इससे वहां पर बचाव व राहत कार्य में तेजी लायी जा रही है।
प्रधानमंत्री ने सूचना मिलते ही इस दुर्घटना पर गहरा दुख प्रकट करते हुए तुरंत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बोर्ड की बैठक बुला कर इस समस्या के निदान के लिए प्रभावी कदम उठाने का आदेश दिया। इसके साथ पीड़ित क्षेत्र में पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम पहुंच कर बचाव कार्य जारी रखे हुए है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन रेड़डी ने भी इस दुर्घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए राहत व बचाव कार्य में तेजी लाने का आदेश दिया।
इस घटना पर गहरा शोक प्रकट करते हुए अमेरिका में भारतीय समाजसेवी हरेन्द्र सिंह मेदेती ने गांवों के आसपास ऐसीे संवेदनशील कारखानों को खोलने की इजाजत देना प्रशासन की गंभीर लापरवाही का प्रतीक है। सरकार को अपनी जिम्मेदारी को समझते हुएु इस प्रकार के खतरनाक कल कारखानों का मानवीय निवास हरगिज नहीं बनाने चाहिए। इसलिए देश के हितों की प्रशासन द्वारा जानबुझ कर की गयी उपेक्षा भविष्य में न हो, सरकार को इस बात का सबसे पहले ध्यान देना चाहिए। इस प्रकरण की जांच की जानी चाहिए और हर हाल में गुनाहगार को सजा मिलनी चाहिए।

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