गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर समारोह में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शहीद हंगपन दादा को मरणोपरांत को अशोक चक्र से सम्मानित किया. उनकी पत्नी चेसन लवांग ने राष्ट्रपति से अशोक चक्र हासिल किया. हंगपन दादा जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए 27 मई 2016 को शहीद हो गए थे
उनकी वीरता के सबूत
-उन्होंने तीन आतंकियों को मौत के घाट उतारा, जबकि एक को गंभीर रूप से घायल किया था
12500 फीट की ऊंचाई पर हुआ था एनकाउंटर, जब कुछ आतंकी सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे
उस समय हंगपन दादा 35 राष्ट्रीय राइफल्स में सेवारत थे
उनका जन्म 2 अक्टूबर 1979 को अरुणाचल प्रदेश के बोदुरिया गांव में हुआ था
उन्होंने 1997 में पैराशूट रेजीमेंट से सेना में सेवा की शुरुआत की थी