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सुरक्षा बलों ने ढेर किया 12 लाख रूपये ईनामी जम्मू कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन के सरगना खुंखार आतंकी रियाज नायकू

आतंक की जड़ व आका पाकिस्तान पर अंकुश लगाये बिना मात्र प्यादों के सफाये से नहीं लगेगा आतंक पर अंकुश

देवसिंह रावत

सुरक्षा बलों को आज 6 मई को उस समय बहुत बडी कामयाबी मिली जब उसने 12 लाख रूपये ईनामी हिज्बुल मुजाहिद्दीन के जम्मू कश्मीर सरगना रियाज नायकू को पुलवामा के अवंतीपुरा में कई घण्टों चली लम्बी मुठभैड़ में मार गिराने में सफलता मिली।

हिजबुल मुजाहिद्दीन के प्रमुख रियाज नायकू के सफाये के बाद जम्मू कश्मीर पुलिस के आई जी विजय कुमार ने 7 मई को एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में ऐलान किया कि रियाज नायकू के सफाया के लिए किये गये सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान में रियाज नायकू सहित तीन बडे आतंकी सहित 4 आतंकियों का सफाया किया गया। यह सफल अभियान कश्मीर में आतंकियों की कमर तोड़ने वाला है। सुरक्षा बलों ने लश्कर के पाकिस्तानी आतंकी हैदर का भी सफाया  किया।  जम्मू कश्मीर पुलिस के आई जी के अनुसार यह सभी आतंकी अभियान पाकिस्तान ने अपनी खाल बचाने के लिए जम्मू कश्मीरी अवाम का प्रतिरोध दिखाने के नाम पर हिजबुल व लश्कर को कश्मीर में नया नाम टीआरएफ दिया। परन्तु सुरक्षा बलों ने उसको पूरी तरह से बेनकाब कर दिया। इसके लिए सुरक्षा बलों के निशाने पर 6 महीने से रियाज नायकू था। जिसको विश्वसनीय सूचना मिलने पर पुलवामा जनपद स्थित उसके गांव बेगपोरा में उस समय घेरा जब वह अपनी माॅ से मिलने के लिए आया। 5 मई को सुरक्षा बलों ने रियाज नायकू के गांव को घेर लिया। इसके साथ कश्मीर में दूरभाष व इंटनेटी सेवा बंद कर दी गयी। 24 घण्टे चली इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने रियाज नायकू वाले मकान को उडा दिया। इन खुंखार आतंकियों को घेरे जाने व मारे जाने की खबर से बौखलाये आतंकियों के गूर्गों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया। जिसका सुरक्षा बलों ने पथराव करने वालों के मंसूबों को भी विफल कर दिया। 

इसके साथ सरकार ने साफ किया कि अब आतंकियों का शव उसके परिवार को नहीं सोंपा जायेगा। अपितु परिवार की उपस्थिति में ही इसको दफन कर दिया जायेगा। क्योंकि जिस प्रकार कश्मीर में आतंकी गूर्गे आतंकियों के जनाजे में हजारों की संख्या में सडकों पर उतरते है उससे आतंकबाद को ही बढ़ावा व मजबूती मिलती है।
सुत्रों के अनुसार सुरक्षा बलों को इस बात की पुख्ता सूचना मिली थी कि  दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में बेगपुरा इलाके में हिज्बुल मुजाहिद्दीन का जम्मू कश्मीर प्रमुख खुंखार आतंकी रियाज नायकू अपने साथियों से साथ है। इस इलाके को सुरक्षा बलों द्वारा घेरे जाने के बाद आतंकवादियों और सुरक्षाबलों  शुरू हो गयी। इसकी निगरानी लगातार की जा रही थी। खुंखार आतंकी रियाज नायकू के ढेर किये जाने से पूरे कश्मीर में आतंकियों की आशाओं में भारी बज्रपात हुआ।
वह जिस घर में था उसे आईईडी से उड़ा दिया गया। इस मुठभेड़ के चलते पुलवामा सहित कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। ेमोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गयी। पुलिस को कई बार चकमा दे कर भागने वाले इस खूंखार आतंकी रियाज नायकू कीे सुरक्षा बलों को विगत एक दशक से इसकी तलाश थी। अपनी मां से मुलाकात की लालशा से ही वह बेगपुरा गांव में सुरक्षा बलों की एक सोची समझी रणनीति में ऐसा फंसा की इस बार वह बच नहीं पाया। यह हिजबुल के पूर्व प्रमुख बुरहान वानी का चेहता था और आतंकियों के बीच बुरहान वानी की तरह काफी कुख्यात रहा। गणित का अध्यापक रहा रियाज नायकू भी आतंकी सरगना पाकिस्तान के झांसे में फंस कर एक शिक्षक से आतंकी बन गया। वह बुरहान वानी की आतंकी टीम का एक अहम सदस्य था। पढ़ा लिखा होने के कारण वह युवाओं के मनों में कश्मीर की आजादी व भारत के विरोध का जहर निरंतर भरता रहता। बुरहान वानी की मौत के बाद हिजबुल ने जम्मू कश्मीर की कमान रियाज नायकू को ही सोंपी। वह न केवल कश्मीर में युवाओं से सीधे संबाद करने के लिए मस्जिदों का दुरप्रयोग करता था अपितु वह इनके मन में जहर भरने के लिए फेसबुक सहित इंटरनेटी माध्यमों का खुल कर दुरप्रयोग करता था। वह दक्षिणी कश्मीर के 6 जनपदों में नायकू की गहरी पकड थी। इसी पकड़ के चलते सुरक्षा बलों ने इसके उपर 12 लाख रूपये का ईनाम भी रखा था। आज के दिन वह आतंक का सबसे बडा चेहता चेहरा था। उसकी मौत से बुरहान वानी की मौत की तरह आतंकियों में उबाल आने की संभावना को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने ठोस कदम उठाये है।
इस सप्ताह जिस प्रकार हंदवाडा में कई आतंकी मुठभैड में अनैक जांबाजों की शहादत का दंश देश ने झेला था। देश की जनता को इस बात का आक्रोश था कि बार बार आतंक के दंश द्वारा जो घाव पाकिस्तान भारत के सीने को जख्मी कर रहा है उसका ठोस इलाज भारतीय हुक्मरानों को अब करना ही होगा। देश ने कर्नल आशुतोष शर्मा से लेकर जांबाज दिनेश के घरवालों के आंसूओं का सैलाब देखा। देश हर दिन होने वाली इस शहादत को अब देश सहन नहीं कर सकता। भले ही देश के कई खबरिया चैनल इस खूंखार आतंकी की मौत को हंदवाडा में आतंकियों द्वारा मारे गये भारतीय जांबाजों की कायराना हत्या का बदला बता रहे थे। परन्तु यह बात साफ है कि मात्र आतंकियों के सफाया  किये जाने से कश्मीर में आतंकबाद का सफाया नहीं होना वाला । इसके लिए देश के हुक्मरानों को आतंक के खिलाफ अपनी रणनीति पर आमूल परिर्वतन करना होगा। अब तक हमारा पूरा ध्यान कश्मीर से आतंकियों के सफाया पर ही केंद्रीत रहा। हम लश्कर, जैश सहित अनैक आतंकियों को ढेर करते रहे और उनके मारे जाने पर पाकिस्तान उनके स्थान पर दूसरे आतंकियों को आसीन करता रहा। यह अंतहिन श्रंखला है। जाकिर मूसा हो या बरियाज नाइकू हो या बुरहान वानी हो या अहमद भट्ट या क्वारी यासीर या सज्जाद नवाब डार या हारून वानी या अबू कासीम आदि यह एक अंतहिन श्रंखला है। इस लिए सरकार को चाहिए कि वह इस आतंकी पैड की शाखायें व पत्ते रूपि आतंकियों का खात्मा करने में अपना समय नष्ट करने के बजाय इसका समूल नष्ट करने के लिए इसकी जड़डों का ही विनाश किया जाय। तभी यह आतंक के पैड़ का खात्मा होगा।

इस समस्या पर बहुत ही गंभीरता से चिंतन मंथन के बाद साफ हो गया कि जहां एक तरफ पूरा विश्व चीन विषाणु कोरोना से फैली महामारी से त्रस्त है।  6 मई को इस महामारी से संसार के 212 देशों में करीब 3751951  लोग पीडित है और लगभग  259355 लोग मौत के मुंह में समा गये है।भारत में भी इस महामारी से 1695लोग मारे गये। पाकिस्तान में भी 526 लोग मारे गये है। पूरे संसार में सड़क, वायु व जल परिवहन बंद है। कल कारखाने सहित पूरा संसार थम सा गया है। इस महामारी से भयाक्रांत लोग अपने अपने घरों में सहमें हुए है। पूरी दुनिया में लोग एक दूसरे का सहयोग कर रहे है। भारत ने पाकिस्तान सहित संसार के सवा सौ  से अधिक देशों को इस बीमारी से मुक्ति के लिए दवा,चिकित्सक उपकरण व मुंह नाक पटियां मानवीय आधार पर बांट रहा है।
ऐसी वैश्विक त्रासदी में भी संसार के दो देश पाकिस्तान व उसका आका चीन  ऐसे घोर हैवानियत वाले कृत्य कर मानवता को शर्मसार कर रहे है। 3 मई की सुबह जैसे ही यह खबर आयी कि जम्मू कश्मीर के हंदवाडा इलाके में सुरक्षा बलों ने एक घर में घुस कर घरवालों को बंधक बनाने वाले आतंकियों में हुई मुठभैड में भारतीय सेना का एक कर्नल,एक मैजर सहित 5 जांबाज शहीद हो गये। इस मुठभेड़ में कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज सूद, नायक राजेश और लांस नायक दिनेश के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस के उप-निरीक्षक शकील काजी भी शहीद हो गए। शहीद हुए कर्नल आशुतोष शर्मा 21 राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडिंग अधिकारी थे तथा उन्हें कश्मीर में दो बार वीरता पदक से सम्मानित किया जा चुका था।
इस घटना से दो दिन पहले भी अनैक जांबाज, पाक पोषित आतंक से जुझते हुए शहीद हो गये। यही नहीं उसके ही दो दिन के अंदर आतंकियों ने हंदवाडा में केन्द्रीय सुरक्षा बल के 3 जवानों को मौत के घाट उतार दिया। इस प्रकार कश्मीर में इस पखवाडे कई जवान शहीद हो गये।
ऐसे वैश्विक त्रासदी में भी भारत पर निरंतर सीधे व आतंकी हमले कर रहे पाकिस्तान के इस प्रकार के  भारतद्रोही कृत्यों को भारत सरकार क्यों नजरांदाज कर रही है। भारत सरकार को चाहिए था कि तुरंत पाकिस्तान को आतंकी देष घोषित करके उससे सभी प्रकार के संबंध तत्काल तोड़ कर उसे ऐसा करारा सबक सिखाना चाहिए कि जिससे भयाक्रांत पाकिस्तान फिर भारत पर आतंकी हमले करने की हिम्मत तक न कर सकते।  पाकिस्तान को ठीक उसी प्रकार का जवाब की ही भाषा समझ में आती है जिस प्रकार इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान को बंगलादेश जैसा सबक सिखाया। देश को आशा थी कि वर्तमान मोदी सरकार भारत की संसद से लेकर सेना शिविरों से लेकर मुंम्बई में आतंकी हमला करने के लिए कुख्यात पाकिस्तान को ऐसा करारा सबक सिखाने का काम करेंगे जिससे पाकिस्तान फिर भारत की तरफ आंख उठा कर देखने की हिम्मत तक न कर सके।
भारत को समझ लेना चाहिए कि वर्तमान में पाकिस्तान पूरी तरह से चीन के शिकंजे में जकडा हुआ है। वह समय समय पर पाकिस्तान को भारत पर आतंकी हमले करने के लिए उकसाता रहता है। इस कोरोना प्रकरण में जबसे भारत ने चीन द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने के नापाक षडयंत्र पर अंकुश लगाया। तब से चीन बुरी तरह से तिलमिलाया है। वह अब पाकिस्तान को भारत पर सीधे व आतंकी हमले करने के लिए उकसा रहा है। चीन कितना अमानवीय व क्रू्रर है यह कोरोना महामारी के प्रकरण से पूरे विश्व में उजागर हो गया।
चीन ने जिस धूर्तता से अपने देश में बुहान में उपजे इस कोरोना विषाणु से विश्व को सजग करने के बजाय गुमराह करने का कृत्य किया, वहीं उसके नापाक षडयंत्र को उसने अपनी धूर्तता से खुद ही कर दिया। जिस प्रकार उसने बुहान से पूरे विश्व को जोडे रखा। जिस प्रकार उसने इस महामारी के बाद चिकित्सा उपकरण पूरे विश्व से खरीद कर अपने यहां भण्डारन किया। उसके बाद जब यह बीमारी चीन के सहयोग से पूरे विश्व में फैली तो उसने पूरे विश्व में इन्हीं चिकित्सा उपकरणों को दुनिया भर में भारी किमतों में बेचा।
यही नहीं जब पूरा विश्व इस चीनी महामारी से त्रस्त रहा तो उस समय चीन, ताइवान व जापान से लगी अपनी सीमा पर युद्धाभ्यास के साथ छोटे परमाणु परीक्षण करने पर उतारू रहा। इन सबसे चीन के मंसूबे खुद ही उजागर हो गये। ऐसे समय में पाकिस्तान द्वारा बार बार भारत पर सीधे व आतंकी हमले करने के पीछे एक ही बात मजबूती से समाने आती है कि वह चीन की शह पर भारत में आतंकी हमले कर रहा है। यही नहीं भारत में जो वर्षों से आतंकवाद सर उठा रहा है, नागरिकता कानून के खिलाफ भारत में हुए हिंसक प्रदर्शन के पीछे भी  आतंकी पाकिस्तान ही खलनायक की तरह खडा है।
ऐसे में भारत सरकार को चाहिए कि वह हैवान पाकिस्तान को, करारा सबक सिखाये भारत, पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करके सभी संबंध तोड़ देना चाहिए था। इसके लिए भारत को अपने देश के हितों की रक्षा कैसे की जा सकती । इसके लिए इजराइल, चीन, अमेरिका व रूस से सीख लेनी चाहिए । परन्तु भारत सरकार को यह काम संसद पर हुए हमले के तुरंत बाद कर देना चाहिए था। परन्तु वह मुम्बई, पठानकोट, उडी व कश्मीर आदि में पाकिस्तानी आतंक का मुंहतोड़ जवाब नहीं दे पाया। पुलवामा हमले के बाद भी भारत सरकार ने पाकिस्तान को आतंकी देश घोषित करके, उससे सभी संबंध तोड कर उसको बंग्लादेश जैसा सबक सिखाना चाहिए था परन्तु पुलवामा हमले के उतर में दिये गये जवाब से भी आतंकी पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं सीख पाया।

हाॅ भारत सरकार ने पाकिस्तान को दिये गये मित्र राष्ट्र का दर्जा जरूर हटाया। परन्तु उसको आतंकी देश घोषित करने व उससे सभी संबंध तोडने के साथ उसे बंग्लादेश सा सबक नहीं सिखाने से उसके आतंकी मंसूबों पर कोई अंकुश नहीं लग पाया। अब तो पानी सर से बहुत बह गया है। भारत सरकार को भारत को तबाह करने को तुले आतंकी पाकिस्तान को हर हाल में करारा सबक सिखाना चाहिए। अन्यथा हम आये दिन शहीदों को शब्दों की श्रद्धांजलि व पाकिस्तान को कडी चेतावनी देने तक ही सीमित रहेंगे।देश के हुक्मरानों को यह बात समझनी होगी कि जांबाजों का खून पानी नहीं होता और देश की अखण्डता की रक्षा करना सरकार का प्रथम दायित्व है। पाकिस्तान ऐसा हैवान है जो मित्रता की बात नहीं अपितु ताकत की ही भाषा समझता है। इसलिए भारत की रक्षा के लिए पाकिस्तान का आतंकी सर हर हाल में कुचलना चाहिए।

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