उत्तराखंड देश

उत्तराखण्ड से बडे बडे क्षत्रपों को दरकिनारे करके अनिल बलूनी को राज्यसभा भेजा भाजपा आलाकमान ने

अनिल बलूनी सहित 18 नेताओं को भाजपा ने नवाजी राज्यसभा सांसदी

प्यारा उत्तराखण्ड ने प्रमुखता से पहले ही प्रकाशित कर दिया था

राज्य सभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को होगा चुनाव

उत्तराखण्ड से राज्यसभा की एक रिक्त सीट के लिए चल रहे तमाम संभावित दावेदारों के नाम को दरकिनारे करते हुए भाजपा ने उत्तराखण्ड मूल के अनिल बलूनी को अपना प्रत्याशी बना दिया है। भाजपा ने अनिल बलूनी सहित 18 प्रत्याशियों की सूचि जारी कर दी।  इस सूचि में चुनाव समिति ने 18 नामों -का ऐलान इस प्रकार से किया। -उत्तर प्रदेश से जीवीएल नरसिम्हा राव, अशोक वाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकल दीप राजभर, कांता कर्दम, डॉ. अनिल जैन, और हरनाथ सिंह यादव है। वहीं महाराष्ट्र से नारायण राणे व वी मुरलीधरन। राजस्थान से किरोड़ी लाल मीणा व मदन लाल सैनी।   हरियाणा से रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डीपी वत्स। मध्य प्रदेश से अजय प्रताप सिंह और कैलाश सोनी है। वहीं कर्नाटक से राजीव चंद्रशेखर,  झारखंड से समीर उरांव तथा छत्तीसगढ़ से सरोज पांडेय का नाम इस सूचि में है।

बलूनी को राज्यसभा सांसदी से नवाजे जाने की खबर प्यारा उत्तराखण्ड ने दो सप्ताह पहले ही कायस लगा दिया था। जो अक्षरशः सत्य साबित हुआ। भाजपा नेतृत्व उत्तराखण्ड से अपने विश्वसनीय व भाजपा मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी को राज्यसभा भेजने का मन बना चूका है। इस आशय की खबर 11 मार्च की सांयकाल खबरिया ऐजेन्सी एनआई ने जारी की।

अनिल बलूनी को भले ही उत्तराखण्ड भाजपा के बडे क्षत्रप के भीतरघात के कारण कोटद्वार विधानसभा चुनाव में पराजय का सामना करना पडा होतमाम अटकलों पर परन्तु अब भाजपा के आलाकमान व भाजपा प्रमुख से अपने करीबी सम्बंधों के कारण राज्यसभा सीट पर वे सहजता से आसीन हो गये। हालांकि इसी सीट पर दावेदारों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के नाम के साथ भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, व कैलाश विजय वर्गीया का नाम ही नहीं अपितु प्रदेश भाजपा के बडे क्षत्रप भी खुद व अपने परिजनों के लिए कोशिश कर रहे थे। परन्तु 9 व 10 मार्च को देश में समाजसेवा में तेजी से उभरा हंस फाउंडेशन की प्रमुख मंगला माता का नाम की अटकलें रही। परन्तु किसी भी राजनीति में न उतरने की मंशा को भांप कर भाजपा नेतृत्व ने अपने करीबी अनिल बलूनी को राज्यसभा भेजने का निर्णय लिया।
अनिल बलूनी के अलावा जिन तीन अन्य नामों पर सहमति मानी जा रही है उनमें हरियाणा के प्रभारी डा अनिल जैन, सरोज पाण्डे व जीवीएल नरसिंहा राव का नाम तय माना जा रहा है।
वेसे प्यारा उत्तराखण्ड पहले से ही अनिल बलूनी को सबसे प्रबल दावेदार के रूप में मान रहा था। हमने यह खबर चुनाव आयोग के इन सीटों की रिक्त होने के दिन से ही प्रकाशित कर रखी है।

जैसे ही चुनाव आयोग ने 23 फरवरी को उत्तराखण्ड की एक सीट सहित 15 राज्यों की राज्य सभा की रिक्त हो रही 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव कराने का शंखनाद किया। वेसे ही इन सीटों के प्रबल दावेदारों में अपनी मजबूत किलेबंदी के लिए कमर कस ली। उत्तराखण्ड में कांग्रेस के राज्य सभा सांसद महेन्द्र सिंह महरा के स्थान पर विधानसभा में अभूतपूर्व बहुमत से सत्तारूढ़ भाजपा का प्रत्याशी ही राज्यसभा की सांसदी से नवाजा जायेगा। भाजपा के केन्द्रीय उपाध्यक्ष व उत्तराखण्ड प्रभारी श्याम जाजू व भाजपा के केन्द्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी को उत्तराखण्ड से भाजपा के प्रबल दावेदार के रूप में  चर्चाओं में है।

हालांकि उत्तराखण्ड की एक राज्यसभा सीट पर दावेदारों की लम्बी सूचि है। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा, मोहन सिंह ग्रामवासी,उत्तराखण्ड प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तीरथ रावत के अलावा संघ से जुडे अनैक वरिष्ठ स्वयं सेवियों के नाम चर्चा में रहे। परन्तु चाय पार्टी व चेम्पियन प्रकरण के बाद विजय बहुगुणा की दावेदारी कमजोर हुई। वहीं पूर्व अध्यक्ष तीरथ को गढवाल लोकसभा सीट से उतारने का आश्वासन दिया जा चूका है। भाजपा की राजनीति के मर्मज्ञों को आशा है कि भाजपा नेतृत्व जाजू या बलूनी में से एक को राज्यसभा में आसीन करेगा। राज्य सभा सांसद कौन बनेगा यह तो 12 मार्च को तय हो जायेगा। परन्तु संभावित प्रत्याशियों की दावेदारी की चर्चा जोरों पर है।
इन 58 सीटों के लिए होने वाले चुनावी दंगल में उतरने वाले उम्मीदवारों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 12 मार्च रखी गई है। मतदान 23 मार्च को होंगे और 23 मार्च को ही मतगणना होगी। इन 58 सीटों पर आसीन सांसदों का कार्यकाल इसी साल 2018 के अप्रैल -मई में खत्म होगी।
चुनाव आयोग के ऐलान के साथ इन  सीटों पर चुनावी दंगल में उतरने के लिए पहले से कमर कस चूके प्रत्याशियों ने अपनी उम्मीदवारी मजबूत करने के लिए अपनी रणनीति को अंजाम दे रहे है।
.महेन्द्र सिंह महरा के स्थान पर राज्य सभा सांसद बनेगे क्या जाजू या बलूनी या राज्यसभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होंगे।
राज्यसभा की 58 रिक्त होने वाले सांसदों में  रविशंकर प्रसाद, धर्मेंद्र प्रधान, जेपी नड्डा, थावरचंद गहलोत और रामदास अठावले जैसे मोदी सरकार के केन्द्रीय मंत्री भी है।
रिक्त होने वाले 58 सीटों में सबसे अधिक 10 सीटें उत्तर प्रदेश से है। महाराष्ट्र और बिहार से छह-छह सीटें, बंगाल व मध्य प्रदेश में पांच -पांच सीटें, कर्नाटक व गुजरात में चार चार सीटे, ओडिशा आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, व राजस्थान में तीन तीन सीटें, झारखण्ड में दो तथा उत्तराखण्ड, हिमाचल, छत्तीसगढ़ व हरियाणा की एक एक सीटें रिक्त हुई। इन चुनावों के बाद राज्य सभा में भाजपा निरंतर मजबूत हो जायेगी।

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