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फिल्म को चर्चित व सफल बनाने के लिए क्या देश के अमन चैन से जानबुझ कर किया गया खिलवाड!

कोन देगा सजा, दो टके के लिए जानबुझ कर देश के अमन चैन व शांति से खिलवाड़ कराने वाले गुनाहगारों को?

तमाम  धरना प्रदर्शन व विरोध के बाबजूद फिल्म निर्माता लीला भसाली की विवादस्थ फिल्म ‘पदमावत’ ने पहले ही दिन करोड़ों रूपये का व्यापार करने में सफल रही। आने वाले दिनों में यह आने वाले दिनों में भी करोड़ों की दौलत बटोरेगी।  पर लोगों के दिलों दिमाग में यह सवाल क्रोध रहा है कि जब फिल्म में राजपूत समाज के खिलाफ कुछ नहीं है तो यह विरोध क्यों हो रहा है। इसके पीछे षडयंत्र को बेनकाब करता है

क्या पदमावत फिल्म को चर्चित व विवादस्थ बना कर सफल बनाने के लिए देश की शांति व छवि भंग करने का षडयंत्र जानबुझ कर किया गया? यह आशंका देश के प्रबुद्ध लोगों के दिलो दिमाग में क्रोंध रहा है। आज बर्चस्व व सफल होने के लिए अंध प्रचार के हथकण्डों का प्रयोग  बडे व्यापारिक घराने, कारपोरेट, फिल्म निर्माता, कंपनियां व राजनैतिक दल करते हैं उससे इन आशंकाओं को बल मिल रहा है।

(क) फिल्म को चर्चित व विवादस्थ बनाने के लिए अफवाह फैलायी गयी कि पदमावती व खिलजी के बीच फिल्मांकन किया गया

(ख) इस फिल्म को सफल बनाने के लिए अपने देश के साथ अपने आन मान शान के लिए सदियों से कुर्वान होने वाले राजपूत समाज को भी हथियार बनाया गया। फिल्म के बारे में फैलायी गयी अफवाह से आक्रोशित राजपूत समाज की करणी सेना को फिल्म चलाने से पहले फिल्म दिखाने के आश्वासन को जानबुझ कर न दिखा कर विवाद को हवा दिया गया।

(ग)-इस फिल्म को चर्चित करने के लिए जानबुझ कर छदम प्रदर्शन कराया गया।

(घ)-इस फिल्म को चर्चित करने के लिए खबरिया चैनलों को ढाल बनाया गया।
सबसे हैरानी वाला सवाल यह है कि फिल्म निर्माता ने अपने वादे के अनुसार फिल्म को विरोध करने वाले करणी सेना के ध्वजवाहकों को फिल्म नहीं दिखाना।  जबकि इस निर्माता ने जिन लोगों ने इसका विरोध नहीं किया उनको प्रचार पाने के लिए फिल्म को दिखा कर यह प्रचार कराया कि यह फिल्म अच्छी है। इसमें कुछ ऐसा नहीं कि जो विरोध करने वालों की भावनाओं को आहत करे या देश के इतिहास को विकृत करे। परन्तु जानबुझ कर किये गये दुष्प्रचार से आहत व आक्रोशित हो कर देशव्यापी विरोध करने वालों को इस फिल्म को नहीं दिखाया गया। इसके पीछे एक ही कारण रहा कि विवाद जारी रहे। जितना विवाद होगा उतना लोगों को ध्यान इस फिल्म की तरफ जायेगा और फिल्म सफल होगी। अधिक धन बटोरेगी। परन्तु इस कारण देश का अमन चैन व छवि खराब हो इससे इस फिल्म के जुडे लोगों को इससे कोई लेना देना नहीं रहा। जबकि हर नागरिक का दायित्व होता है देश व समाज के अमन चैन को बनाये रखना।  इससे साफ है यह विवाद जानबुझ कर उत्पन्न किया गया। वह भी मात्र व्यापारिक सफलता के लिए। भले ही दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह स्टार वाली  इस पदमावत फिल्म से भले ही इन कलाकारों व फिल्म निर्माता के मालामाल होने के मंसूबे पूरे हो जाय परन्तु इससे देश को कितना नुकसान हुआ इसका भान इन लोगों को नहीं है। देश को ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाने का काम करना चाहिए। सबसे बडा प्रश्न यह है कि देश की जनता की भावनाओं को भडका कर देश के अमन चैन व शांति पर ग्रहण लगाने वाले गुनाहगारों को कौन देगा सजा?इस विवाद में अपनी राजनैतिक रोटियां सेकने वाले राजनैतिक दलों की कारस्तानी देश के अमन चैन को ग्रहण लगाने वाले खलनायकों की तरह ही धृर्णित रही।

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