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गुलाम देशों के खेल “क्रिकेट” की दल दल में आकंठ फंसा भारत कब खेलेगा विश्व कप फुटबॉल जैसी सबसे लोकप्रिय खेल प्रतियोगिता ?

 

अर्जेंटीना व फ्रांस सहित 32 देशों ने फुटबाल के मैदान में लहराया अपना परचम और हम विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश होने के बाबजूद बेशर्मी से ताली बजाने वाले ही बने रहे 

 

देवसिंह रावत

 

भले ही 18 दिसम्बर 2022 को कतर में विश्व फुटबाल प्रतियोगिता अर्जेंटीना ने फ्रांस को एक बहुत ही रोमांचकारी मेच में परास्त कर जीत ली। पूरी दुनिया के अरबों लोगों को इस प्रतियोगिता ने अपने आगोश में लिया था। इंटनेट व टीवी के द्वारा पूरे विश्व के अरबों लोग इस खेल को निरंतर देख रहे थे। इस प्रतियोगिता की महता इसी बात से उजागर होती कि इसमें भले ही फ्रांस उप विजेता रहा परन्तु इस खेल का ऐसी प्रतिष्ठा व जनून पश्चिमी जगत सहित शेष दुनिया में है कि फ्रांस के राष्ट्रपति स्वयं इस प्रतियोगिता के एक विशिष्ट दर्शक की तरह कतर में खेले जा रहे स्टेडियम में समापन समारोह के समापन के सहभागी रहे। इस खेल का सीधा प्रसारण हो रहा था। भारतीयों में भी इस खेल का ऐसा जनून है कि प्रधानमंत्री मोदी व विपक्षी नेता राहुल गांधी भी इस प्रतियोगिता के विजेता अर्जेंटीना को बधाई देने वाले संसार के सेकडों नेताओं के कतार में सम्मलित हो गये। परन्तु 783 करोड़ जनसंख्या वाले विश्व के प्रबुद्ध लोगों व खेल प्रेमियों के दिलों दिमाग में एक ही सवाल रह रह कर क्रोंध रहा था कि 3600 करोड रूपये ईनाम की इस विश्व की सबसे लोकप्रिय प्रतियोगिता में आखिर 140 करोड़ जनसंख्या वाला भारत विश्व की 32 टीमों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज क्यों नहीं करा पाया? कभी विश्व गुरू व सोने की चिडिया की अमिट छाप दुनिया के दिलो दिमाग में छोडने वाला भारत जो अब संसार की चोथी बडी अर्थव्यवस्था व महाशक्ति होने की हुंकार भर रहा हो, वह विश्व के सबसे लोकप्रिय खेलों में अपना परचम लहराने के बजाय गुलाम देशों के खेल क्रिकेट की दल दल में आकंठ फंस कर विश्व के सबसे लोकप्रिय खेल में फिसड्डी साबित हो कर बेशर्मी से ताली बजाने वाला क्यों बना हुआ है?
जहां 3600 करोड़ रूपये के ईनामी विश्व के सबसे बडे इस लोकप्रिय खेल फुटबाल विश्व प्रतियोगिता में भाग लेने वाली 32 टीमों में भी भारत अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाया। वहीं इस दिशा में कड़े प्रयास करने के बजाय भारत मात्र 45.67 करोड़ रूपये ईनामी अंग्रेजों के गुलाम रहे डेढ दो दर्जन देशों में खेले जाने वाले क्रिकेट की दल दल में देश की खेल प्रतिभाओं को नष्ट कर रहा है? क्या यह गुलामी के मोह में एक स्वाभिमानी देश के लिये अपनी भाषायें, अपना नाम, स्वाभिमान व खेल सब जमीदोंज कर गुलामी से मुक्त होने के बावजूद बेशर्मी की गुलामी में ही डूबे रहना शर्म की बात नहीं है?
एक तरफ फुटबॉल पूरे विश्व का प्रतिनिधित्व करता है वही क्रिकेट केवल ब्रिटेन के गुलाम देशों का खेल बना हुआ है। हालांकि फुटबॉल का जन्म दाता चीन माना जाता है। जो आज विश्व की सबसे लोकप्रिय प्रतियोगिता में कहीं नजर नहीं आता। ऐसा विश्वास किया जाता है कि फुटबॉल का जन्म दूसरी शताब्दी में चीन में हान राजवंश के समय में हुआ। बाद में फुटबॉल का खेल वहां से एशिया , अमेरिका लातिन अमेरिका से होता हुआ यूरोप में लगभग 12 वीं शताब्दी में पहुंचा।यह इंग्लैंड में सबसे पहले लोकप्रिय हुआ। इसी के चलते कई चाटुकार इंग्लैंड को ही आधुनिक फुटबॉल का जन्मदाता भी मानते हैं। इंग्लैंड में फुटबॉल का खेल क्रिकेट से भी पहले से खेला जा रहा है.क्रिकेट के खेल का इतिहास 16 वीं शताब्दी से आज तक विद्यमान है, अंतरराष्ट्रीय मैच 1844 के बाद खेला गया, हालांकि अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट 1877 से प्रारम्भ हुए। इंग्लैंड के गुलाम रहे देशों में खेला जाने वाला यह खेल इंग्लैंड में ही विकसीत हुआ ।

भारत के लिए शर्मनाक बात यह है कि विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक देश भारत जो विश्व जनसंख्या का सातवें हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है । परन्तु विश्व के सबसे लोकप्रिय खेल में उसका नम्बर 32 वां भी नहीं है। वह गुलामी से मुक्त होने के इन 75 सालों में इस प्रतियोगिता में भाग लेने योग्य भी खिलाडियों की टीम भी खडी नहीं कर सका। प्रतियोगिता जीतना तो रही दूर की बात भारत इस प्रतियोगिता में 32वें पायदान पर भी खडे होने की प्रतिभा तैयार नहीं कर पाया। दुनिया के इस लोकप्रिय व दौलत की भरमार करने वाली इस खेल प्रतियोगिता में फ्रांस को हराकर अर्जेंटीना ने जीता विश्व कप फुटबॉल प्रतियोगिता जीती। इस प्रतियोगिता में विजय कुल 3600 करोड़ों रुपए की राशि की पुरस्कार बांटे गये। जिसमें विजेता को मिली 348 करोड, उपविजेता फ्रांस को मिले 248 करोड़, तीसरे स्थान पर 223 करोड़, चौथे स्थान पर 207करोड़, 5-8वें स्थान पर रहने वालों को 140 करोड़,9-16वें स्थान पर रहने वालों को 108 करोड़,17-32 वें स्थान वालों को 74 करोड़ रुपये प्रदान किये गये ।

हालांकि संसार में सबसे अधिक इनामी प्रतियोगिताओं के खेलों में सबसे अधिक पुरस्कार की राशि यूइफए चैंपियन लीग फुटबॉल 10.6हजार करोड़ रू, फॉर्मूला वन मोटर स्पोर्ट्स 6.5 हजार करोड़ रु व विश्व कप फुटबॉल3.6 हजार करोड़ रू है।

वहीं गुलाम देशों के खेल क्रिकेट की बीस आवरों की विश्व कप प्रतियोगिता जिसे टी-20 विश्वकप क्रिकेट प्रतियोगिता के नाम से जाना जाता है। इस साल 2022 में आस्ट्रेलिया में सम्पन्न हुई इस टी-20 विश्व कप प्रतियोगिता में कुल 5.6 मिलियन डालर यानि भारतीय रूपये में 45.67 करोड़ रही। इसमें विजेता को 13 करोड़ रूपये मिले और प्रतियोगिता में पराजित टीम को 6.5 करोड़ रूपये मिले। वहीं सेमी फाइनल में हारने वाली टीमों को 3.26 करोड़ रूपये, सुपर 12 में प्रत्येक मैच जीतने वाली टीम को 33.62 लाख रूपये दिये । सुपर 12 से बाहर होने वाली प्रत्येक टीम को 57.09लाख रूपये मिले। पहले दोर के हरेक मेच जीतने वाली टीम को 33.62 लाख रूपये मिले। इसके साथ पहले दौर से बाहर होने वाली प्रत्येक टीम को 33.62 लाख रूपये प्रदान किये गये।
एक महिने तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में 16 टीमों ने भाग लिया। इसमें सेमी फाइनल में हारने वाली टीम को 4 लाख अमेरिकी डालर मिले। वहीं सुपर 12 से बाहर होने वाली 8 टीमों को 70-70 हजार अमेरिकी डालर का ईनाम राशि दी गयी।
दूसरी तरफ केवल इंग्लैंड की गुलाम रहे देशों में खेले जाने वाले क्रिकेट खेल में पांच दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता, एक दिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता व T20 क्रिकेट प्रतियोगिता के रूप में विख्यात है। एक दिवसीय विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता में इनामी राशि, आईपीएल में ईनाम राशि टी-20 विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता की ईनामी राशि व कुल ईनाम क्रिकेट प्रतियोगिता में कुल ईनामी राशि क्रिकेट का सबसे बडा ईनामी प्रतियोगिता
क्रिकेट विश्व कप वनडे क्रिकेट की सबसे प्रतिष्ठित प्रतियोगिता है। हर चार साल पर होने वाली ये प्रतियोगिता वर्ष 1975 में इंग्लैंड से शुरू हुई। फुटबॉल की तुलना में क्रिकेट में बहुत कम इनाम मिलता है।

वहीं फुटबॉल प्रतियोगिताओं में जहां हजारों करोड़ रूपए का इनाम होता है वही क्रिकेट की सबसे अधिक इनाम वाली प्रतियोगिता आईपीएल 2022 के विजेता को 20करोड़ रू, उप विजेता को 13 करोड रू, तीसरे स्थान पर 7 करोड़ व चोथे स्थान पर 6.5 करोड़ रूपये का पुरस्कार दिया गया।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को 11.86 करोड रूपये, उप विजेता को 5.86 करोड़ रूपये प्रदान किये जाते है। तीसरे स्थान परर रहने वाली टीम को 3.3करोड रूपये, चोथे स्थान वाली टीम को 2.5करोड़ रूपये, पांचवें स्थान वाली टीम को 1.46करोड रूपये व शेष बाकी 4 टीमों को 73-73 लाख रूपये मिलते। इस प्रतियोगिता में 9 टीमें भाग लेगी।

हालांकि विश्व में 206 देश आईओसी द्वारा मान्यता प्राप्त है। संयुक्त राष्ट्र संघ के 193 देश हैं। जबकि अबकाजिया, कोसोवो और ताइवान जैसे देश संयुक्त राष्ट्र के सदस्य नहीं हैं।

वहीं विश्व कप फुटबॉल संगठन “फीफा” में 211 को मान्यता देता है, जिसमें 206 में से कई शामिल हैं, लेकिन इसमें इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड के साथ-साथ फरो आइलैंड्स और जिब्राल्टर जैसे देश भी शामिल हैं।

विश्व प्रसिद्ध फुटबॉल के सबसे बड़ा आयोजक “फेडरेशन इंटरनेशनेल डी फुटबॉल एसोसिएशन (फीफा) की
स्थापना 1930 में हुई। इसमें
कुल दल (टीम) 32 भाग लेती हैं अब तक विश्व में सबसे अधिक
सफल टीम ब्राजील ने 5 बार विजेता रहा। वही अर्जेंटीना व फ्रांस भी सफल टीमों में शामिल रहे।

इंग्लैंड के गुलाम देशों से यह क्रिकेट अब 105 देशों में फैल गया है। इनमें से केवल 12 पूर्ण सदस्य हैं। पूर्ण सदस्य भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, जिम्बाब्वे, अफगानिस्तान, आयरलैंड, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश हैं।

वहीं फुटबॉल विश्व कप 2022 में 32 देश भाग लेने वाले देशों के नाम
एलजीरिया
अंगोला
अर्जेंटीना
ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रिया
बेल्जियम
बोलीविया
बोस्निया और हर्जेगोविना
ब्राजिल
बुल्गारिया
कैमरून
कनाडा
चिली
चीन
कोलंबिया
कांगो डीआर (जैरे )
कोस्टा रिका
कोटे डी आइवर
क्रोएशिया
क्यूबा
चेकिया
डेनमार्क
इक्वेडोर
मिस्र
एल साल्वाडोर
इंगलैंड
फ्रांस
जर्मनी
घाना
यूनान
हैती
होंडुरस
हंगरी
आइसलैंड
इंडोनेशिया
ईरान
इराक
आयरलैंड
इजराइल
इटली
जमैका
जापान
कुवैट
मेक्सिको
मोरक्को
नीदरलैंड
न्यूजीलैंड
नाइजीरिया
उत्तरी आयरलैंड
उत्तर कोरिया
नॉर्वे
पनामा
परागुआ
पेरू
पोलैंड
पुर्तगाल
कतर
रोमानिया
रूस
सऊदी अरब
स्कॉटलैंड
सेनेगल
सर्बिया
स्लोवाकिया
स्लोवेनिया
श्री लंका
दक्षिण अफ्रीका
दक्षिण कोरिया
स्पेन
स्वीडन
स्विट्जरलैंड
जाना
त्रिनिदाद और टोबैगो
ट्यूनीशिया
टर्की
संयुक्त अरब अमीरात
यूक्रेन
उरुग्वे
अमेरीका
वेल्स।

जहां क्रिकेट में ब्रैडमैन,सचिन व धोनी आदि को क्रिकेट का बेताज बादशाह रहे। वहीं पेले, माराडोना,मेसी, क्रिस्टियानो रोनाल्डो,एम्बाप्पे आदि अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में अपना परचम लहराने के लिए विख्यात रहे।

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