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राजधानी गैरसैण आदि राज्य गठन की जनाकांक्षाओं को रौंदने से कैसे बनेगा शहीदों व आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड, मुख्यमंत्री जी

राज्य स्थापना दिवस  के अवसर पर गैरसेंण विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री धामी ने लिया  राज्य गठन के शहीदों व आंदोलनकारियों के सपनों का उत्तराखंड बनाने का संकल्प 

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उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 9 नवंबर को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व उनकी सरकार ने राज्य स्थापना दिवस के कई कार्यक्रमों में सम्मलित होकर जहां राज्य गठन बलिदानी व आंदोलनकारियों को नमन किया वही प्रदेश सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लिया।

दिन भर के व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड राज्य गठन की जन आकांक्षाओं  के प्रतीक राजधानी गैरसैण में  निर्मित उत्तराखंड की एकमात्र विधानसभा भवन परिसर में पहुंचकर राज्य स्थापना दिवस के दिन बलिदानियों व आंदोलनकारियों को नमन किया।

मुख्यमंत्री बनने के बाद जिस प्रकार से पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड की जनता की प्रमुख मांग राजधानी  गैरसैण की उपेक्षा की, उससे उत्तराखंड का आम प्रबुद्ध जनमानस व आंदोलनकारी बेहद आहत और निराश है। वे बार-बार प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कस कर उनको डबल इंजन की सरकार का आश्वासन याद दिलाते हैं।

इस पर तीव्र प्रतिक्रिया करते हुए वरिष्ठ आंदोलनकारी व संसद के समक्ष 6 साल तक अखंड धरना देने वाले उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देव सिंह रावत ने इसे मुख्यमंत्री द्वारा अपनी भूल सुधारने का सराहनीय कदम बताया श्री रावत ने कहा  कि शायद 2024 के लोकसभा चुनाव में जनादेश हासिल करने के लिए जनता की इसी आहत भावनाओं को मरहम लगाने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में तमाम व्यस्त कार्यक्रमों के बावजूद गैरसैण की तरफ रुख किया। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर देहरादून में दिए गए अपने संदेश में राज्य बलिदानियों व आंदोलनकारियों के सपनों  का उत्तराखंड बनाने  का जो संकल्प लिया वहां बहुत सराहनीय है परंतु मुख्यमंत्री धामी सहित उत्तराखंड के राजनेताओं को नहीं भूलना चाहिए कि गैरसैण राजधानी बनाने मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा देने मूल निवास व भू कानून बनाने, युवाओं को रोजगार देने सुशासन आदि राज्य गठन की जनाकांक्षाओं को साकार करने के लिए  आंदोलनकारियों ने राव मुलायम सरकारों की माननीय जुल्मों को भी सह कर उत्तराखंड राज्य गठन करने के लिए सरकार को मजबूर किया था। इंजन आकांक्षाओं को साकार किये बिना न बलिदानों का सपना पूरा हो सकता है  व न उत्तराखंड खुशहाल राज्य बन सकता है। उत्तराखंड की 22 सालों की सरकारों ने उत्तराखंड राज्य गठन की जन आकांक्षाओं को जिस प्रकार से निर्ममता से रौंदा है।उससे शहीदों व आंदोलनकारियों की सपनों चकनाचूर हो रखे हैं। प्रखर आंदोलनकारी श्री रावत ने आशा प्रकट की कि डबल इंजन की सरकार के तहत पुष्कर सिंह धामी अगर शहीदों कि सपनों का उत्तराखंड बनाना चाहते हैं, तो वह तुरंत राजधानी गैरसेण व भू कानून-मूल निवास कानून  आदि की आज ही घोषणा करके इस अपने संकल्प को पूरा करें। अन्यथा उनकी गिनती हुई अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह उत्तराखंड गठन की जन आकांक्षाओं को रौदने वाले मुख्यमंत्री के रूप में ही होगी।

उल्लेखनीय है कि 9 नवंबर 2022 राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी एवं विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने गैरसैण स्थित विधानसभा परिसर भराडीसैंण में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लगभग 11736 लाख रूपये की 28 योजनाओं का लोकार्पण एवं लगभग 4948 लाख की 22 योजनाओं का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने टैक्सी स्टैंड गैरसैंण से स्टेडियम होते हुए गढ़वाल मंडल विकास निगम तक इंटरलॉकिंग टाइल्स द्वारा मोटर मार्ग के निर्माण, पर्यटन विकास मेला मेहलचौरी के लिए दो लाख की धनराशि तथा कृषि उद्यान एवं पर्यटन विकास मेला गैरसैंण के लिए भी 2 लाख की धनराशि देने की घोषणा की। इस दौरान जिला सूचना कार्यालय चमोली द्वारा प्रकाशित जनपद की ‘‘विकास पुस्तिका’’ का विमोचन भी किया गया।

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है। आज हमारा प्रदेश उनके मार्गदर्शन में विकास के विभिन्न आयामों को छू रहा है। आज उत्तराखंड में हर जगह विकास के कार्य देखने को मिल रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड के सुदूर क्षेत्रों को भी विकास की मुख्य धारा से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय उत्पादों एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी ने 21 अक्टूबर 2022 को देश के प्रथम गांव माणा में हमारे राज्य के उत्पादों की सराहना करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे अपनी यात्रा में जितना व्यय करते हैं, उसका कम से कम 5 प्रतिशत स्थानीय उत्पादों को क्रय करने पर व्यय करें। इसका निश्चित रूप से लाभ हमारे प्रदेश को मिलेगा। सीएम ने कहा कि वर्तमान में जारी भर्ती कैलेण्डर के अनुसार 7 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। जल्द ही 19 हजार पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।

विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी भूषण ने कहा कि 22 साल के सफर में उत्तराखंड ने सफलता के कई मुकाम हासिल किए। उन्होंने कहा कि राज्य निर्माण से लेकर उत्तराखण्ड दृढ़ता पूर्वक विकास के रास्ते पर कदम आगे बढ़ा रहा है। यह उत्तराखण्ड वासियों के दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है जल्दी ही हमारा प्रदेश विकास के नए-नए सोपान तय करेगा। उन्होंने कहा कि हमें प्रदेश के लिए जीना है, काम करना है, इस भावना के साथ किये गये छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े नतीजे ला सकते हैं। उन्होंने कहा कि निष्ठा और ईमानदारी के साथ रोज के कामकाज करते हुए भी प्रत्येक व्यक्ति राज्य की उन्नति में योगदान दे सकता है।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस दौरान कार्यक्रम में उपस्थित रही सभी महिला समूहों को अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से प्रोत्साहन राशि के रूप में 5- 5 हजार रुपए देने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि राज्य में पलायन को रोकने के लिए प्रभावी योजनाओं का क्रियान्वयन होने से रोजगार के नए अवसर युवाओं को पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पर्यटन एवं उद्योगों की अपार क्षमताएं हैं जो कि प्रदेश के विकास में मील के पत्थर साबित हो रही हैं।

इस अवसर पर कर्णप्रयाग विधायक  अनिल नौटियाल, रूद्रप्रयाग विधायक  भरत चौधरी, जिलाधिकारी हिमांशु खुराना, पुलिस अधीक्षक  प्रमेन्द्र डोभाल, सीडीओ डा. ललित नारायण मिश्र, संयुक्त मजिस्ट्रेट श्री दीपक सैनी एवं अन्य वरिष्ठ जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक, स्थानीय जनता, स्कूली बच्चे आदि मौजूद रहे।

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