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देश ने दी अपने जांबाज सेना नायक जनरल बिपिन रावत को अश्रुपूर्ण विदाई

अपनी बिलक्षण सैन्य कौशल से भारत को महाशक्ति बनाकर चीन व  पाकिस्तान की आंखों में किरकिरी बने जनरल बिपिन रावत व उनकी धर्मपत्नी मधुमिता रावत सहित 11 जांबाज हेलीकप्टर दुर्घटना में शहीद
देवसिंह रावत-
भारत के 138 करोड़ लोगों ने भारत के जांबाज भारत के पहले सेना नायक (सीडीएस) व पूर्व सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को अश्रुपूर्ण विदाई दी। उनका पार्थिक शरीर इसी दुर्घटना में उनके साथ शहीद हुए उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत का पार्थिक शरीर उनके दिल्ली निवास 3 कामराज मार्ग में लाया गया। दिल्ली में ही पूरे सैन्य सम्मान के साथ जनरल रावत को अश्रुपूर्ण विदाई दी गयी। उनके निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, विपक्षी नेताओं, मुख्यमंत्रियों सहित तीनों सेना ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राष्ट्र को स्तब्ध करने वाली एक सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटना में इसी सप्ताह 8 दिसम्बर 2021 को तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर में जनरल रावत और उनकी पत्नी समेत कुल 13 लोगों की मौत हो गयी थी।  भारतीय वायु सेना ने बताया है कि इस हेलिकॉप्टर में कुल 14 लोग सवार थे, जिनमें से 13 की मौत हो गई है। इस दुर्घटना में जहां देश ने अपना कुशल व जांबाज सेना नायक जनरल बिपिन रावत व उनकी धर्मपत्नी मधुलिका रावत को खोया वहीं उनके साथ इस दुर्घटना में ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर, ले.कर्नल एच सिंह, विंग कमांडर पीएस चैहान, स्क्वेडर  लीडर के सिंह, जूनियर वारंट आफिसर दास, जूनियर वारंट आफिसर ए प्रदीप,हवलदार सतपाल, नायक गुरूसेवक सिंह, नायक जितेंद्रं,लास नायक विवेक, व लाइस नायक एस टेजा भी इस दुर्घटना में शहीद हो गये। इसमं एकमात्र जीवित सह संचालक केप्टन वरूण सिंह का चिकित्सालय में इलाज चल रहा है और पूरा देश उनकी सलामती की प्रार्थना कर रहे हैं।
उतराखण्ड प्रदेश के पौड़ी गढ़वाल जिले में गांव सैण बमरौली ग्रामसभा सैन्य परिवार में 16 मार्च 1958 जन्में जनरल बिपिन रावत के पिता भारतीय सेना के उप प्रमुख ले. जनरल लक्ष्मण सिंह रावत थे। जनरल बिपिन रावत के  दादा त्रिलोक सिंह रावत आजादी से पहले सेना के जांबाज सुबेदार थे।बिपिन रावत की शिक्षा सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला से हुई। दिसम्बर 1978 को भारतीय सैन्य अकादमी से उत्तीर्ण होने के बाद जनरल बिपिन रावत अपने पिता की तरह ही 11वीं गोरखा राइफल्स से जुडे।
आज 63 वर्ष की आयु मे शहीद हुए जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के निधन शोकाकुल परिवार में दोनों बेटियां कीर्तिका व तारिणी है। कीर्तिका शादी के बाद मुम्बई में रहती है। वहीं तारिणी  दिल्ली उच्च न्यायालय में अधिवक्ता है।
खतरों से खेलना जनरल रावत की आदत में सुमार था। सेवा निवृत के बाद वे अपने गांव में ग्रामीण युवाओं के लिए विशेष कार्य करना चाहते थे। उन्हें अपने प्रदेश उतराखण्ड से गहरा लगाव था। सेवानिवृत के बाद वे दिल्ली के बजाय देहरादून में बसने की तैयारी भी कर दी थी।  साल 2019 में जनरल बिपिन रावत ने इच्छा जताई थी कि वह सेवानिवृति  के बाद अपने पैतृक गांव में ही रहेंगे। उनका ननिहाल उतरकाशी के परमार परिवार में था। उनका ससुराल मध्य प्रदेश में था।
जनरल रावत 31 दिसंबर 2016 से 1 जनवरी 2017 तक भारत के 26 वें थल सेना प्रमुख रहे। उनकी प्रतिभा, समर्पण, कुशलता, वीरता व अदम्य साहस को देखते हुए ही प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें भारत की तीनों सेनाओं का प्रथम सेना नायक बनाया। 31 दिसंबर 2019 को भारत का पहला सेना नायक (सीडीएस) नियुक्त किया गया था उन्होने भारत को महाशक्ति बनाने की दिशा में कई ठोस कदम उठाये, जिससे वे चीन व पाकिस्तान की आंखों की किरकिरी बन गये थे। जिस बेबाकी व निर्भिकता से वे भारत के हितों पर कुठाराघात करने वाले चीन, पाकिस्तान व आतंकियों की भारत विरोधी षडयंत्रों को विफल कर रहे थे, उससे भारतीय जनमानस में वे एक जांबाज सेना नायक के रूप में छा गये थे। उनके निधन से राष्ट्र को गहरा सदमा लगा। पूरा देश उनको अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। देश को गर्व है अपने जांबाज सेना नायक पर। जिसने राष्ट्र के दुश्मनों को उसी की भाषा में जबाब देने का साहस करके भारत के दुश्मनों के मनोबल को तोडने का सराहनीय कार्य किया। ऐसे जांबाज को भारत सदा याद करेगा।

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