Pauri उत्तराखंड देश

अधूरा रह गया CDS बिपिन रावत का पत्नी संग रिटायरमेंट अपने गांव में जिंदगी बिताने का सपना

हेलिकॉप्टर क्रैश में पत्नी संग CDS रावत का निधन से अधूरा रह गया रिटायरमेंट के बाद मधुलिका संग अपने गांव में जिंदगी बिताने का सपना।

साल 2019 में जनरल बिपिन रावत ने इच्छा जताई थी कि वह रिटायरमेंट के बाद अपने पैतृक गांव में ही रहेंगे। एक बार सेवानृवित हो जायेंगे तो गॉव में आने जाने के लिए अच्छी सड़क हो जाय और एक और हमारी यहाँ उच्च शिक्षा हो जाय यहाँ इंजनियरिंग कॉलेज हो जाय ताकि यहाँ से कोई पलायन न कर सके | वे 2004 में अपने मामा ठाकुर बीरेंद्र पाल सिंह परमार के साथ थाती गांव आए थे। उसके बाद 2019 में उन्हें ननिहाल आने का मौका मिला था। उन्होंने गांव के छोटे-बड़े बच्चों और बुजुर्गों से मुलाकात कर रिटायरमेंट के बाद थाती गांव में ही रहने की बात कही थी।

CDS बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में गांव सैण बमरौली ग्रामसभा के है। देहरादून में जनरल बिपिन रावत का घर भी बन रहा था। वे थलसेना के प्रमुख रहे। रिटायरमेंट से एक दिन पहले ही उन्हें देश का पहला चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाया गया था। लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत के बेटे बिपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ था। उनका परिवार कई पीढ़ियों से सेना को अपनी सेवाएं देता आया है. बिपिन रावत, सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला, और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकसला के छात्र थे. उन्हें दिसंबर 1978 को भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से 11वें गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था, जहां उन्हें ‘स्वॉर्ड ऑफ़ ऑनर ‘से सम्मानित किया गया था। और आज 63 वर्ष की आयु मे दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इस दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई।

 

About the author

pyarauttarakhand5