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अलविदा जननेता रामविलास पासवान!

छह प्रधानमंत्रियों के मंत्रीमण्डल में मंत्री रहे 74 वर्षीय पासवान का 8 अक्टूबर को हुआ निधन

देश के दलित,उपेक्षित, शोषित व वंचित समाज के अग्रणी नेता रामविलास पासवान को आज देश के राष्ट्रपति श्री कोविद व प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित कर अंतिम विदाई दी। भारतीय भाषाओं के ध्वजवाहक रहे दिवंगत पासवान के अंतिम संस्कार के लिए उनके परिजन उनके पार्थिक देह को दिल्ली से बिहार ले गये। वहां शनिवार 10 अक्टूबर को उनका अंतिम संस्कार होगा। देश के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का निधन 8अक्टूबर को दिल्ली में एक पखवाडे की अस्वस्थता के बाद हुआ। 74 वर्षीय रामविलास पासवान के निधन की खबर सुन कर पूरे देश में शोक छा गया। लम्बे समय तक देश की सर्वाधिक सरकारों में केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के निधन पर राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री सहित सभी राजनैतिक दलों ने गहरा शोक प्रकट किया। अक्टूबर को निधन भारतीय दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वे लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष एवं राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार में केन्द्रीय मंत्री भी हैं। वे सोलहवीं लोकसभा में बिहार के हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते थे।वह 9 बार लोकसभा सांसद तथा 2 बार राज्यसभा सांसद रहे हैं।

श्री पासवान जी पिछले 32 वर्षों में 11 चुनाव लड़ चुके हैं और उनमें से नौ जीत चुके हैं। इस बार उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा लेकिन इस बार सत्रहवीं लोकसभा में उन्होंने मोदी सरकार में एक बार फिर से उपभोक्ता मामलात मंत्री पद की शपथ ली। श्री पासवान जी के पास छः प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने का अनूठा रिकॉर्ड भी है। पहली बार पासवान, वीपी सिंह, दूसरी बार.एचडी देवेगौड़ा तीसरी बार इंद्र कुमार गुजराल चोथी बार .अटल बिहारी वाजपेयी, पांचवी बार मनमोहन सिंह तथा छटी व सातवीं बार .नरेंद्र मोदी की सरकार में कबीना मंत्री रहे।
आम जनता के नेता रहे राम विलास पासवान जी का जन्म 5 जुलाई 1946 को बिहार के खगरिया जिले के शाहरबन्नी गाँव के एक अनुसूचित जाति परिवार हुआ। उन्होंने 1960 के दशक में राजकुमारी देवी से शादी की। 2014 में उन्होंने खुलासा किया कि लोकसभा नामांकन पत्रों को चुनौती देने के बाद उन्होंने 1981 में उन्हें तलाक दे दिया था। उनकी पहली पत्नी राजकुमारी से उषा और आशा दो बेटियां हैं। 1983 में, अमृतसर से एक एयरहोस्टेस और पंजाबी हिन्दू रीना शर्मा से विवाह किया। उनके पास एक बेटा और बेटी है। उनके बेटे चिराग पासवान एक अभिनेता से बने राजनेता हैं। उनका बेटा चिराग ही कुछ सालों से उनकी राजनैतिक विरासत का वाहक है। चिराग पासवान लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख हैं। वे राजग के सदस्य हैं परन्तु बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी अलग से चुनाव लड रही है। छह प्रधानमंत्रियों के साथ लगातार मंत्री रहे रामविलास पासवान आम जनता के नेता रहे। वे दलित सेना के संस्थापक भी रहे। इसके साथ पुलिस की सेवा से जुडने के बजाय उन्होने राजनीति को अपने जीवन की राह बनायी। संघर्षशील पासवान को आपातकाल के खिलाफ जय प्रकाश नारायण के जनांदोलन में जो पहचान मिली उसका फल विश्वनाथ प्रताप सिंह ने उनको अपने मंत्रीमण्डल में सम्मलित कर उनको सबल किया। उसके बाद वे निरंतर सत्तासीन रहे। सरकारें आयी व गयी। परन्तु पासवान सदा मंत्री बने रहे। लम्बे समय से उनका दिल्ली निवास 12 जनपथ रोड़ रहा। जो अब पासवान के निधन के बाद उनकी रिक्तता अवश्य महसूस करेगा।

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