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विकास की अपार संभावनाएं हैं आध्यात्म व वीरों की देवभूमि उत्तराखंड में – मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र

   मुम्बई   मेें इंडिया टूूडे के कॉन्क्लेव  को

मुम्बई (प्याउ)।मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 21 सितम्बर को मुम्बई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में प्रतिभाग किया। उन्होंने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के विभिन्न सत्रों में उत्तराखंड के सौंदर्य, योग व आध्यात्म वेलनेस तथा निवेश की संभावनाओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने अपने सम्बोधन में विशेषकर निवेशकों को उत्तराखण्ड में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने निवेशकों से अपील करते हुए कहा कि आप यहां निवेश के लिए आएंगे तो आपको आध्यात्मिक शांति की अनुभूति होगी, आप स्वस्थ मुस्कराहट के साथ वापस लौटेंगे। शान्ति और मुस्कुराहट हमारे राज्य के सबसे बड़े USP हैं।
काॅन्क्लेव में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि सन् 2000 में झारखण्ड, छत्तीसगढ़ सहित उत्तराखण्ड राज्य भी अस्तित्व मंे आया। इन 19 वर्षों के सफर में अन्य राज्यों की तुलना में उत्तराखण्ड ने तेजी से विकास किया है। प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 1,98,738 रूपए हो गयी है। उन्हांेने कहा कि उत्तराखंड में समुद्र और रेगिस्तान को छोड़कर प्रकृति अपने हर रूप में मौजूद है। यहां झील, झरना, बर्फीली चोटियां, नीला साफ आकाश, जंगल, बाघ, एडवेंचर योग व आध्यात्म सब कुछ मौजूद है। उत्तराखण्ड को न केवल प्रकृति ने खुबसूरत बनाया है बल्कि यहां का परिश्रमी मानव संसाधन जो देवभूमि एवं वीरभूमि के साथ ही अपनी ईमानदारी के लिए विशेष पहचान रखता है। वो राज्य आज सम्भावनाओं का राज्य है।
उन्होंने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रदेश में पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। आॅल वेदर रोड चारो धाम के लिए विकसित की जा रही है साथ ही रेल कनेक्टीविटी के कार्य में भी तेजी आयी है। प्रदेश के विकास को नयी पहचान दिलाने हेतु एयर कनेक्टीविटी, रेल व रोड कनेक्टीविटी के साथ ही अब इसमें चैथा आयाम रोपवे कनेक्टीविटी को भी जोड़ा गया है। जिस तरह से उत्तराखण्ड में पर्यटक बढ़ रहे हैं हम यह कह सकते हैं कि उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश के रूप में तेजी से विकसित हो रहा है। हमारे यहां देश विदेश से पर्यटक आते हैं, पर्यटक आध्यात्मिक सुख के लिए भी आते हैं तथा योग की राजधानी ऋषिकेश में योग के लिए भी आते हैं। उन्होंने कहा कि वैलनेस टूरिज्म पर भी राज्य आगे बढ़ रहा है। आगामी अप्रैल माह मे प्रदेश में वैलनेस समिट भी आयोजित होना है जिसके लिए आप सभी आमंत्रित है। उत्तराखण्ड में माउंटेनियरिंग, रिवर राफ्टिंग, ट्रैकिंग, केम्पिंग, पैराग्लाईडिंग, माउंटेन बाईकिंग आदि की बहुत सम्भावनाएं हैं। हम 13 जिलों में 13 नए थीम बेस्ड डेस्टीनेशन विकसित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में तमाम उद्योग स्थापित किये गये हैं, जिनमें आॅटो एवं फार्मा उद्योग काफी तेजी से बढ़ा है। राज्य सरकार की नीति, निवेश को प्रोत्साहित करने की है। पिछले वर्ष अक्टूबर में प्रदेश में पहली बार ‘डेस्टीनेशन उत्तराखण्ड’ के नाम से इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया था।
उन्होंने निवेशकों से अपील करते हुए कहा कि आप यहां निवेश के लिए आएंगे तो आपको यहां बेहतर जलवायु, प्रभावी सिंगल विंडो सिस्टम, बेहतर शांति व कानून व्यवस्था, इन्वेस्टर्स फ्रेंडली सिस्टम के साथ ही श्रम असंतोष की कोई समस्या नही होगी। प्रदेश में पर्यटन, वैलनैस, आर्गेनिक कृषि, क्लीन एनर्जी, आई.टी. सहित सर्विस सेक्टर में असीमित सम्भावनाएं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवेश को बढ़ाने हेतु नई नीतियां बनाकर और पुरानी नीतियों में आवश्यक संशोधन कर निवेश के अनुकूल वातावरण बनाया गया है। हमने संशोधित सौर ऊर्जा नीति 2018 जारी की है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में शांति व कानून व्यवस्था दूसरे राज्यों से बेहतर है। पहले उत्तराखण्ड के दो पुलिस थानों, नैनीताल के वनभूलपूरा थाना व देहरादून की ऋषिकेश कोतवाली ने देश के शीर्ष दस थानों में जगह बनाई है। इसके बाद पिथौरागढ़ जिले में स्थित मुन्स्यारी थाने ने भी देश के टाॅप टैन थानों में अपनी जगह बनाई है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म इंडस्ट्रीज का आकर्षण भी काफी बढ़ा है। गत वर्ष राज्य में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश के फिल्म निर्माताओं द्वारा जो सुझाव दिये गये थे, उन्हें शामिल करते हुए फिल्म नीति 2019 लागू की गई। इसके साथ ही मुम्बई में आयोजित कार्यक्रम में फिल्म जगत की बङी हस्तियों से संवाद कर उन्हें उत्तराखंड में फिल्म शूटिंग के लिए आमंत्रित किया गया था। फलस्वरूप वर्ष 2017 से अभी तक लगभग 200 फिल्मों, धारावाहिक, डाक्यूमेंट्री आदि की शूटिंग की गई है। जिनमें डिस्कवरी चैनल पर प्रसारित होने वाला कार्यक्रम मेन वर्सेज वाईल्ड आदि कई बड़े नाम भी शामिल है।
हमने फिल्म निर्माताओं की सुविधाओं के दृष्टिगत आकर्षक फिल्म नीति लागू की है। बड़ी संख्या मे दक्षिण के फिल्मकार भी राज्य के प्रति आकर्षित हुए हैं। उत्तराखण्ड का सौन्दर्य फिल्मों के अनुकूल है। यहां का शांत माहौल, अपनत्व व भाई चारा फिल्म निर्माताओं को पसन्द आया है।

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