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श्रीलंका में इस्लामी इस्टेट की खौपनाक दस्तक है भारत सहित दक्षिण एशिया के देशों के लिए एक बडे खतरे की घंटी

खुंखार आतंकी संगठन इस्लामिक इस्टेट ने ली श्रीलंका पर भीषण आतंकी हमले की जिम्मेदारी

न्यूजीलैंड में मस्जिदों पर हुए हमले का बदला लेने के लिए आतंकियों ने किया श्रीलंका में आत्मघाती हमला -श्रीलंका सरकार

दिल्ली (प्याउ )।  21 अप्रैल को श्रीलंका में भीषण आतंकी हमले से पूरे विश्व को स्तब्ध करके 321 लोगों को मौत के घाट उतारने वाली घटना की जिम्मेदारी आखिरकार 2 दिन बाद विश्व के सबसे खुंखार आतंकी संगठन इस्लामिक इस्टेट (आईएस) ने ले ली। विश्व की सबसे प्रतिष्ठित समाचार ऐजेन्सी रॉयटर्स ने अमाक न्यूज एजेंसी के हवाले से इस खबर की पुष्टि की। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी इस्लामी इस्टेट द्वारा लेने से साफ हो गया
कि विश्व का सबसे खुंखार आतंकी संगठन इस्लामी इस्टेट भारत के द्वार श्रीलंका में अपना अड्डा बना चूका है। हालांकि इस खुंखार आतंकी संगठन के झंडे कश्मीर में आतंकी संगठनों द्वारा लहराये जाते रहे। परन्तु भारत से चंद 100 किमी दूरी पर स्थित श्रीलंका में विश्व के सबसे खुंखार आतंकी संगठन इस्लामी स्टेट द्वारा अपनी खौपनाक उपस्थिति  न केवल श्रीलंका के लिए अपितु भारत सहित श्रीलंका, बांग्लादेश,नेपाल,मालदीव, व भूटान जैसे दक्षिण एशिया के देशों के लिए सबसे बडे खतरे की घंटी है।

खासकर भारत के लिए जहां देश के अधिकांश राजनैतिक दल अपने निहित स्वार्थो व पदलोलुपता में अंधे होकर बेशर्मी से तुष्टिकरण कर देश की सुरक्षा से खिलवाड करते हैं। देश की सुरक्षा के नाम पर केवल बयानबाजी करते है। भारत में आतंक से तबाही करने में दशकों से लगे पाकिस्तान व भारत में तबाही मचा रहे पाकिस्तानी प्यादों पर अंकुश लगाने के लिए ईमानदारी से ठोस कदम उठाने में सभी सरकारें नकाम रही है। 

हालांकि पाकिस्तान जो विश्व में इस्लामिक इस्टेट, तालिबान सहित तमाम इस्लामी आतंकियों का अभ्यारण पहले से है। परन्तु श्रीलंका में इस्लामिक आतंकी इस्टेट की खौपनाक उपस्थिति भारत के लिए सबसे बडी चुनौती है।
वहीं दूसरी तरफ श्रीलंका सरकार ने भी 21 अप्रैल को श्रीलंका में हुए भीषण आतंकी हमले को न्यूजीलेंड के मस्जिदों पर हुए हमले का बदला लेने के लिए इस्लामी आतंकियों का कृत्य बताया। श्रीलंका पर हुए इस आतंकी हमले के  लिए श्रीलंका सरकार ने  नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) को गुनाहगार मानते हुए उस पर  प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव भी रखा। श्रीलंका के रक्षा राज्य मंत्री रूवन विजेवार्डेने ने इस आतंकी हमले के बाद 23 अप्रैल को बुलाये गये  संसद के आपात सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तक की गयी जांच जांच के बाद यह तथ्य उजागर हुए कि ईस्टर के मौके पर 21 अप्रैल को देश के गिरजाघरों और पंचतारा होटलों में हुए विस्फोटों को स्थानीय इस्लामी कट्टरपंथियों ने अंजाम दिया था। श्रीलंका के मंत्री ने संसद के आपात सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सभी आत्मघाती हमलावर  श्रीलंकाई नागरिक थे जिनका विदेशी इस्लामी  आतंकियों से सम्पर्क था। ईस्टर के दिन श्रीलंका में 8 आत्मघाती हमलों से पूरे विश्व को स्तब्ध करने वाली तबाही में 38 विदेशियों सहित 321 लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी और सैकडों घायल हो गये। इस हमले में 10 भारतीय भी मारे गये।
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने कहा कि श्रीलंका में हुए खौपनाक आतंकी हमले में विदेशी आतंकियों के सम्मलित होने के तथ्य उजागर होने के बाद विश्व से आतंकियों के मंसूबों को जमीदोज करने के लिए सहयोग चाहते हैं।

प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे ने ससद के आपात सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक आतंकवाद श्रीलंका पहुंच गया है। पूरे विश्व ने जिस प्रकार से इस आतंक हमले के खिलाफ श्रीलंका का समर्थन किया उससे श्रीलंका मजबूती से आतंकियों के नापाक इरादों को जमीदोज कर देगी। प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका ने 2009 में तीन दशक से चल रहे लिट्टे के आतंक को जमीदोज किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 21 अप्रैल को हुए श्रीलंका में आतंकी हमले में कुछ ही मुसलमान सम्मलित है अधिकांश मुसलमान इस आतंक के खिलाफ है। इस भीषण आतंकी हमले को रोक पाने में असफल रही विक्रमसिंघे की सरकार को कटघरे में खडा करते हुए  विपक्ष के नेता महेंदा राजपक्षे  सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। श्री राजपक्षे ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान किसी की इस प्रकार के आतंकी हमला करने की हिम्मत नहीं जुटा सकता था।
राज्य मंत्री रूवन ंने बताया कि ये विस्फोट न्यूजीलैंड की मस्जिदों में की गई गोलीबारी का बदला लेने को किये गये थे। गौरतलब है कि 15 मार्च को न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च की दो मस्जिदों में हुए हमले में 50 लोगों की मौत हुई थी।  श्रीलंका के राज्य मंत्री ने कहा कि श्रीलंका में हुए आतंकी हमले से पहले खुफिया तंत्र ने ऐसी  आशंका प्रकट करते हुए सरकार को सजग किया था कि , श्रीलंका में इस्लामी कट्टरपंथी संगठन के सदस्य ने क्राइस्टचर्च हमले के बाद सोशल मीडिया पर ऐसे संदेश दिये थे जिससे प्रतीत हो रहा था कि श्रीलंका में वे इसका बदला ले सकते हैं।

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