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राजधानी गैरसैंण घोषित करके उतराखण्ड के हितों व मोदी की ताजपोशी मजबूत करने के बजाय दर्जाधारियों पर खजाना लुटा रही त्रिवेन्द्र सरकार

गैरसैंण राजधानी न बनाकर उतराखण्ड सहित देश की तीन दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों में भाजपा को मजबूती दे कर मोदी की पुन्न ताजपोशी पर ग्रहण लगा रहें हैं त्रिवेन्द्र रावत
 
देहरादून (प्याउ)। एक तरफ चंद महिने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव 2019 में हर हाल में फतह करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी व उनकी सरकार देश में  अनारक्षित वर्ग के गरीबों के लिए दस प्रतिशत आरक्षण का सौगात देने सहित अनैक जनहित के कार्य करके देश की जनता को भाजपा के पक्ष में करने के लिए दिन रात पसीने बहा रही है। वहीं मोदी के नाम पर उतराखण्ड प्रदेश की सत्ता में आसीन भाजपा की त्रिवेन्द्र सरकार इस चुनावी समर की बेला में भी उतराखण्ड राज्य गठन की जनांकांक्षाओं व चहंुमुखी विकास के प्रतीक गैरसैंण राजधानी घोषित करके उतराखण्ड की 5 लोकसभा सीटों सहित देश की तीन दर्जन से अधिक लोकसभा सीटों में भाजपा व मोदी की ताजपोशी को मजबूती प्रदान करने का काम करने  बजाय प्रदेश सरकार के दर्जाधारी मंत्रियों पर खजाना लुटाने का कृत्य कर रहे है।
जहां मकर संक्रांति के पावन पर्व पर भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहक उतराखण्ड व देश की राजधानी दिल्ली सहित देश विदेश में डेढ़ करोड़ उतराखण्डी उतरैणी/मकरेणी के महोत्सव मनाने में जुटे है। ऐसे पावन पर्व में उतराखण्डी जनमानस को यादगार सौगात देने के बजाय त्रिवेन्द्र सरकार ने  निगमों और बोर्डो आदि में नियुक्त दर्जाधारी अपने चेहते नेताओं को सौगात देने का काम कर रही है। त्रिवेन्द्र सरकार जहां प्रदेश की आम जनता के हित का काम करके भाजपा व मोदी की पुन्न ताजपोशी को मजबूती प्रदान करने का श्रेष्ठ काम करने के बजाय अपनी संकीर्ण, अलोकतांत्रिक व्यवहार से न केवल प्रदेश में भाजपा के समर्थकों को निराश कर रहे हैं वहीं मोदी समर्थक जनता को भी आक्रोशित करके मोदी की मेहनत व आशाओं पर ग्रहण लगा रहे है। सबसे हैरानी की बात है कि मोदी के समर्थन की वजह से मिले जनादेश से प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने राजधानी गैरसैंण घोषित करके प्रदेश की सेवा व मोदी के विश्वास की रक्षा करने का दायित्व निर्वहन करने के बजाय अपने निहित स्वार्थ व संकीर्णता में नीरो बन कर गैरसैंण राजधानी बनाने सहित सभी सभी जनांकांक्षाओं को रौंदने का आत्मघाती कृत्य कर रहे हैं। इनके कृत्यों से  मोदी जी की आशाओं व मेहनत पर ग्रहण ही लग रहा है।
त्रिवेन्द्र सरकार ने 14 जनवरी को निगमों, आयोगों और परिषदों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सलाहकार या फिर मंत्री और राज्यमंत्री का दर्जा स्तर पर नियुक्त भाजपा नेताओं के मानदेय-भत्तों में बढोतरी करने ऐलान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की हरी झण्डी के बाद गोपन विभाग ने जारी किया। अब मंत्री स्तर वाले दर्जाधारियों को मानदेय 15 हजार की बजाय अब प्रतिमाह बीस हजार रूपये मिलेगा। ये माननीय अब अधिकतम 20 दिन की यात्रा भत्ता अर्जित करेंगे। मंत्रीस्तर के दायित्वधारी एक माह में मुख्यालय से 20 और राज्यमंत्रीस्तर के दर्जाधारी 15 दिन की यात्रा ही कर सकेंगे। इसके लिए रोजाना 700रूपये यात्रा भत्ता मिलेगा।
राज्यमंत्री स्तर पर मिलेंगे रू 15 हजार। राज्यमंत्री स्तर के दायित्वधारी को अब प्रतिमाह 15000 रूपये मानदेय मिलेगा। पहले उन्हें 11000 रूपये मिलता था। बाकी दायित्वधारियों को अब 13000 मानदेय दिया जायेगा। सरकारी कार की सुविधा न होने पर सभी को प्रतिमाह 50हजार रूपये मिलेंगे। इसमें वाहन चालक और पेट्रोल, डीजल के साथ ही वाहन के रख रखाव का खचे भी शामिल है।
त्रिवेन्द्र सरकार की मेहरवानी मंत्री स्तर के दायित्व धारियों को बरसी। इनको पहले जहां मानदेय  15000 रूपये मिलते थे उसे 5000 रूपये बढाकर 20000रूपये मिलेंगे। बाहन  सुविधा को 40 हजार से बढाकर 50000 कर दी गयी। यात्रा किराया 500 से बढा कर 700 रूपये कर दिये गये। आवास सुविधा को दस हजार से बढाकर 15 हजार की दी गयी। वहीं  सहायक के लिए 15000 रूपये को यथावत रखा गया।यही नहीं त्रिवेंद सरकार राजधानी गैरसैण बनाना तो रही दूर विधानसभा  भवन गैरसैण  में बजट अधिवेशन का आयोजन करने के बजाय बलात देहरादून में ही कर रही है ।

सबके  बाबजूद प्रदेश की जनता को अब भी आशा है प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उतराखण्ड के इन जनहितों पर कुठाराघात करने वाले नेताओं को लोकशाही का सम्मान करके प्रदेश की जनांकांक्षाओं व विकास के प्रतीक राजधानी गैरसैंण बनाने का फरमान करेंगे।

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