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प्रधानमंत्री मोदी की तरह जनमानस पर पकड रखने वाले हरीश रावत की फल पार्टियों में उमडे लोग पर विरोधियों को लगी मिर्ची

नये साल में दिल्ली, देहरादून व रूद्रपुर में दी उतराखण्डी फलों की पार्टी में उमडे लोग पर विरोधियों को लगी मिर्ची

उतरायणी/मकरैणी की बधाई देते हुए दिल्ली के गढवाल भवन दिल्ली में परोसी नींबू व गुड की चाय पार्टी

नई दिल्ली(प्याउ)। प्रधानमंत्री मोदी की तरह आम जनमानस की नब्ज पहचानने वाले कांग्रेसी दिग्गज नेता हरीश रावत द्वारा दिल्ली, देहरादून व रूद्रपुर में जनमानस को दी गयी फलों की पार्टियों में जहां लोगों ने उतराखण्डी फलों, गुड की चाय, पकोडों का लुफ्त उठाया वहीं विरोधियों को ऐसे आयोजनों से भी बडी मिर्ची लगी। ऐसा नहीं कि हरीश रावत ने पहली बार ऐसे आयोजन किये हो। वह विगत कई वर्षो से सत्ता में रहे हो या विपक्ष में वे समय समय पर आम पार्टी, चाय पार्टी व उतराखण्ड भोजन की पार्टियों का आयोजन करते रहे। श्री रावत का इन पार्टियों के आयोजन के पीछे उतराखण्डी फलों, खाद्यान्नों व पहनावे इत्यादि को बढावा देकर उतराखण्डी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ लोगों को अपने गांव खलिहान से जोड़ना ही है। परन्तु विरोधी आरोप लगा रहे है कि वे मात्र अपनी राजनीति को चमकाने के लिए ऐसे आयोजन करते है और सत्तासीन रहने पर वे उतराखण्ड के हित के ठोस कार्य नहीं कर पाये। वहीं समर्थक सवाल करते हैं उतराखण्ड के इतने नेता हैं एक भी नेता आम जनता से हरीश रावत की तरह कभी अपने यहां चाय पानी तक नहीं बुलाता है। जनता के सुख दुख में शरीक तक नहीं होता। जनतंत्र में जनता से दूरी रखने वाले जनप्रतिनिधी व जनसेवक कैसे हो सकते है। हरीश रावत की पार्टी में केवल उनके समर्थक,या कांग्रेस के लोग ही भाग नहीं लेते अपितु उनके आयोजनों में कांग्रेस के घोर विरोधी दल भाजपा, आप सहित अन्य दलों के आम लोगों भी बडे उत्साह से भाग लेते है।
इन्हीं समर्थन व विरोधों के गहमागहमी मेें एक नजर डाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के जनवरी माह के उन आयोजनों पर जिन्होने उनके विरोधियों को मिर्ची लगा दी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव पूर्व मुख्यमंत्री  हरीश रावत द्वारा 7 जनवरी को  देश की राजधानी दिल्ली के गढ़वाल भवन में एक ’उत्तराखंडी फ्रूट ,फल चटनी नींबू सनी और गुड चाय पार्टी ’का आयोजन किया गया । इस आयोजन पार्टी के बारे में जानकारी देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के सिपाहेसलार हरिपाल रावत ने बताया कि 7 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली के गढ़वाल भवन में एक ’उत्तराखंडी फ्रूट ,फल चटनी नींबू सनी और गुड चाय पार्टी ’का आयोजन किया गया ।जिसमें उत्तराखंड के विभिन्न जिलों से लाए गए फलों का सेवन दिल्ली के सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीति कार्यकर्ताओं और लेखकों कलाकारों और सामाजिक संगठनों के लोगों के बीच उत्तराखंडी फलों के प्रचार प्रसार के लिए किया गया कार्यक्रम का सफल आयोजन हुआ। जिसमें अल्मोड़ा की बाल मिठाई बागेश्वर के नींबू हरिद्वार का गुड ,कीवी ,संतरे ,केले ,बोर ,पहाड़ी पकोड़े, गन्ने ,और माल्टा का विशेष प्रबंध किया गया था ।
आयोजक के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने संबोधन में सभी लोगों को उत्तरयणी और नववर्ष की बधाई देते हुए ,कहा इस तरह के आयोजन हम पिछले कई वर्षों से करते आए हैं। जिसमें उत्तराखंडी भोजन, वस्त्रों ,परिधानों ,और आभूषण से लोगों को रूबरू कराना है ।कार्यक्रम में उत्तराखंडी महिलाएं अपनी पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुई और उन्होंने अपने ढोल दमावो तथा पहाड़ी वाद्य यंत्रों के साथ पहाड़ी नृत्य का आयोजन भी किया । हजारों की तादाद में शामिल हुए लोगों ने ’निंबू सनी और गुड चाय पार्टी ’का आनंद उठाया। इस अवसर पर गढ़वाल हितेषी सभा और गढ सलान विकास समिति और अन्य संगठनों का विशेष सहयोग रहा ।कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर राज्य सभा सांसद प्रदीप टम्टा दिल्ली के पूर्व सांसद श्री महाबल मिश्रा के अलावा सैकड़ों की तादाद में सामाजिक राजनीतिज्ञ लेखक पत्रकार कलाकार संगीतकार और गीतकार कारों ने भी भाग लिया । इसमें राजसभा सांसद प्रदीप टम्टा, पूर्व सांसद महाबल मिश्रा, ंपकज निगम ,संजय चैधरी,  सहित बडी संख्या में उतराखण्डी समाज के पत्रकार, साहित्यकार, रंगकर्मी, समाजसेवी, युवा व महिलाओं ने भाग लेकर उतराखण्डी फलों, गुड की चाय व सदाबहार मिठ्ठाई जलेबी का स्वाद चखा।

वहीं दूसरी तरफ 1 जनवरी को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी महासचिव पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा नव वर्ष के उपलक्ष पर कुमाऊं क्षेत्र के रुद्रपुर के बाद गढ़वाल के देहरादून में एक विशाल उत्तराखंडी भोज का आयोजन किया। जिसमें हजारों की तादाद में लोगों ने उत्तराखंडी व्यंजनों फलो, चटनी ,नमकीन , पकोड़ियों ,पहाड़ी बेर, संतरे ,केले, किनू, अंगूर ,अमरूद, सेब ,गुड चाय ,दूध ,निंबू खटाई, नींबू सानी ,भांग नमक , उत्तराखंडी दावत में अल्मोड़े के लहसुन और धनिये के नमक के साथनींबू की सन्नी के साथ-साथ पहाड़ी माल्टे भगवानपुर हरिद्वार का गुड और कीवी भी थे । कीवी न्यूजीलैंड का विश्व प्रसिद्ध फल है, अब हमारे उत्तराखंड में भी बड़े पैमाने पर पैदा हो रहा है। ज्ञात रहे यह आयोजन उत्तराखंडी फलों व्यंजनों भोज आभूषणों और वस्तुओं के प्रचार प्रसार के लिए प्रतिवर्ष किया जाता है जिसका मकसद उत्तराखंड में गरीबी और पलायन को रोकना है।
इस अवसर पर हरीश रावत ने अपने संबोधन में कहा कि जिस दिन प्रदेश वासी और देशवासी हमारे प्रवासी भाई सप्ताह में 2 दिन पहाड़ी व्यंजन और हर महा एक पहाड़ी वस्त्र और वर्ष में एक बार पहाड़ी आभूषण खरीदेंगे उसी दिन उत्तराखंड से गरीबी और पहन खत्म हो जाएगा ।और हमारे इन परिधानों का प्रचार-प्रसार दुनिया में होगा।
इस कार्यक्रम में उनके साथ पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री ले जनरल टीपीएस रावत, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, राजकुमार मंत्री प्रसाद नैथानी, विधायक हरीश धामी, पूर्व विधायक ललित फर्सवान, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनशोला, कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, गरिमा दोसानी, परिणीति बडोनी, शांति रावत, रेनू नेगी, कमलेश रमन, ममता, सविता पवार, अनुराधा तिवारी, पूरन सिंह रावत भी थे। कार्यक्रम में पहाड़ी और नेपाली गीतों के कार्यक्रम भी पेश किए गए।

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