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काले हिरणों का शिकार मामले में अदालत ने दी सलमान को जमानत, 5 साल की सजा


  1. 5 सह अभियुक्तों सैफ अली खान, तब्बू और सोनाली बेंद्र को न्यायमूर्ति देव कुमार खत्री की अदालत ने बरी


जोधपुर के न्यायालय ने 2 अक्टूबर 1998 के काले हिरणों की हत्या के मामले में दिया महत्वपूर्ण फेसला

 

 

जोधपुर (प्याउ)।काले हिरण की हत्या के आरोप में 5 साल की जेल की सजा भोग रहे सलमान खान को मिली 50000रू की जमानत।
काले हिरण की हत्या के आरोप में 5 साल की जेल की सजा भोग रहे देश के विख्यात फिल्म अभिनेता सलमान खान को 7 अप्रैल 2018 को जोधपुर के सेशंस कोर्ट के जज रवींद्र जोशी ने जमानत दे दी। गौरतलब है कि 6अप्रैल को इस मामले में सुनवायी कर रहे जज रवींद्र जोशी का तबादला होने के बाद भी इस मामले की सुनवायी की। 7 अप्रैल को सत्र न्यायाधीश रविंद्र कुमार जोशी और सलमान को सजा सुनाने वाले सीजेएम देव कुमार खत्री के बीच चेम्बर में बातचीत होने की भी खबर है। सलमान खान को सजा होने के बाद जोधपुर के केन्द्रीय कारागार में केदी 106 नम्बर से सजा भोग रहे है। जिस बैरक में सलमान खान सजा काट रहे हैं वहीं आशा राम भी सजा भोग रहे हैं। सलमान को जमानत 3 बजे के बात मिलने के कारण 7 अप्रेल को ही सलमान के बाहर आने पर कायश लगाया जा रहा है। क्योंकि जमानत का आदेश सांय 6 बजे से पहले न्यायालय में पंहुचने पर ही सलमान जेल से रिहा हो पायेंगे। नहीं तो सलमान को सोमवार तक जेल में बंद रहना पडेगा। 5 अप्रैल को जोधपुर की अदालत ने  सलमान खान को काले हिरणों की हत्या के दो दशक पुराने मामले में दोषी ठहराते हुए 5साल की सजा दी। बाकी 5 सह अभियुक्तों सैफ अली खान, तब्बू और सोनाली बेंद्र को न्यायमूर्ति देव कुमार खत्री की अदालत ने बरी कर दिया है। सलमान खान को 5साल की सजा दी गयी। 3 साल से उपर की सजा होने पर तत्काल जमानत नहीं मिल सकती है।  
इससे बाॅलीवुड  को सेकडों करोड़ रूपये का नुकसान होगा। सलमान व सह कलाकारों की कई फिल्में निर्माणाधीन है। सलमान के मामले में सजा होने से आम आदमियों का न्याय पालिका पर विश्वास बढ़ गया। अभी तक अनैक मामलों में सलमान खान के न्यायालय की लम्बी प्रक्रिया में बरी होने से लोगों के मन में यह विश्वास बन सा गया कि मजबूत लोग कानून की आंखों में अपने प्रभाव से धूल झोंक सकता है और कानून केवल गरीब आदमियों के लिए होता है। ऊंची पंहुच वाले लोग न्यायालय की देहरी से आसानी से बच जाते है।
2 अक्टूबर 1998 को बिश्नोई गांव के लोगों ने सलमान खान और हम साथ साथ हैं के उनके सैफ अली खान, तब्बू और सोनाली बेंद्रे सह कलाकारों के खिलाफ काले हिरणों के शिकार का केस दर्ज कराया। न्यायालय में गांव वालों ने आरोप लगाया कि सितंबर 1998 की रात को  उस समय सलमान खान व सभी आरोपी कलाकार ‘हम साथ साथ हैं’ फिल्म की शूटिंग के दौरान की है। आरोप है कि  सैफ अली खान, तब्बू और सोनाली बेंद्रे के साथ सलमान खान ने राजस्थान में जोधपुर के पास कणकणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार किया। आरोप है कि घटना वाली रात को ये सारे कलाकार जिस जिप्सी में सवार हो कर शिकार करने को वहां गये थे उस जिप्सी को खुद सलमान खान ही चला रहा था। इन्होने हिरणों का झुंड पर गोली चला करं दो हिरणों को मार दिया।  गोली की आवाज सुनते के बाद लोगों ने जब इनका पीछा किया तो ये शिकारी बने कलाकारों ने दोनों मारे गये हिरणों को छोड कर भाग गये।
1998 को दर्ज इस मामले की सुनवाई अदालत ने 28 मार्च 2018 को पूरी हो गयी थी। 5 अप्रेल को जोधपुर की अदालत इस मामले में फैसला सुनाना तय किया था।  सलमान खान और अन्य के खिलाफ शिकार के कुल 3 मामले (दो चिंकारा और दो काले हिरण का शिकार) और आर्म्स ऐक्ट का एक मामला दर्ज किये गये थे। पर सलमान को घोड़ा फार्म हाउस और भवाद गांव चिंकारा शिकार केस में हाई कोर्ट ने बरी कर दिया था। आर्म्स ऐक्ट के केस में भी सलमान पिछले साल बरी हो गए। हिरणों की हत्या के मामले में सलमान खान व अन्य आरोपियों की मुश्किलें तब और बढ़ गयी जब विश्नौई समाज ने इन हिरणों को न्याय दिलाने के लिए कमर कसी। इस मामले में जैसे ही गायब हुए गवाह हरीश दुलानी  पुन्न सामने आने से सलमान खान व अन्य आरोपियों की मुश्किलें बढ़ गयी है।
फेसले आने से पहले ही कायश लगाया जा रहा था अगर इस मामले में सलमान को सजा होगी तो उन्हें कम से कम 1 से 6 साल तक की सजा हो सकती है। यह मामला दर्ज होने के बाद 12 अक्टूबर 1998 को  सलमान खान को विलुप्तप्राय जानवरों के शिकार के आरोप में गिरफ्तार किया गया, लेकिन उन्हें तुरंत जमानत भी मिल गई।  ट्रायल कोर्ट ने 2006 में वन जीव सुरक्षा कानून के तहत चिंकारा शिकार के केस में सलमान को  5 साल की सजा व 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।
इस मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील करने पर चिंकारा शिकार मामले व आर्म्स ऐक्ट के केस में भी सलमान को बरी कर दिया।
परन्तु 2012 में राजस्थान उच्च न्यायाल की बेंच ने काले हिरण के शिकार मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए। इसके बाद मामले में ट्रायल की राह खुली।राजस्थान सरकार ने उच्च न्यायालय के सलमान की सजा को रद्द करने के आदेश के खिलाफ याचिका को स्वीकार करते हुए  2014 में  सर्वोच्च न्यायालय ने सलमान खान को नोटिस जारी किया।
इस मामले में एक और घटनाक्रम सामने आया जब 2016 राजस्थान उच्च न्यायालय ने सबूत न होने के कारण घोड़ा फार्म हाउस और भवाद गांव चिंकारा शिकार केस में सलमान खान को बरी कर दिया।
राजस्थान सरकार ने दस साल से लापता चश्मदीद गवाह हरीश दुलानी के सामने आये पर उच्च न्यायाल के इन फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील की।  राजस्थान सरकार की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई को त्वरित ढंग से करने के राजी हो गया।

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