दुनिया

चीन की दादागिरी की हवा निकालेगा भारत, जापान व अमेरिका का गठजोड़

बुलेट रेल के एक लाख करोड़ रूपये के सौदे से नहीं सामरिक गठबंधन से आशंकित चीन

भले ही जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे 13 सितम्बर को भारत की दो दिवसीय यात्रा को व्यापार जगत बुलेट रेलगाड़ी के महत्वपूर्ण सौंदे को अमली जामा पहनाने की दृष्टि से देख रहे है। दुनिया के तमाम बडे देश इसको व्यवसायिक सम्बंधों से कहीं आगे के सम्बंधों की तरफ भारत व जापान के बढ़ते कदम देख रहे है। खासकर चीन व पाक में जापान व भारत के बीच बढ़ते सम्बंधों को चीन के खिलाफ एक गठजोड़ की तौर पर देखा जा रहा है। खासकर जब भारत व चीन के सम्ंबध तनावपूर्ण है। वहीं दूसरी तरफ उत्तर कोरिया व अमेरिका के बीच बेहद तनावपूर्ण सम्बंध है। इन दोनों मामलों में चीन तटस्थ नहीं रह सकता। इसलिए चीन, भारत व जापान सम्बंधों के बढ़ते कदमों के पीछे अमेरिका का चीन के खिलाफ षडयंत्र ही मान रहा है। भारत के अमेरिकी मित्र देशों से बढ़ते हुए सम्बंधों को देख कर रूस भी आशंकित है। ऐसी खबरें आ रही है कि भारत व अमेरिका के गठजोड़ से नाराज रूस भी चीन व पाक को संरक्षण दे सकता है। कुल मिला कर चीन को इस बात का अहसास हो चूका है कि अब भारत को 1962 की तरह डपटा व हडपा नहीं जा सकता। इसका नजारा वह भारत चीन सीमा पर लगे भूटान प्रकरण से बखुबी से देख चूका है। इसलिए अब चीन भारत से बहुत ही सोच समझ कर ही पंगा लेगा।

अहमदाबाद में ही जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक लाख करोड़ रुपये के महात्वाकांक्षी अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट की आधारशिला 14 सितम्बर को रखेंगे।  इसके अलावा दोनों नेता दो जापानी इंडस्ट्रियल पार्क्स के लॉन्च में भी शामिल होंगे। इसके अलावा वे साबरमती रिवरफ्रंट पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय बुद्धिस्ट फेस्टिवल के उद्गाटन समारोह में भी हिस्सा लेंगे। परन्तुजापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे 13 सितम्बर को भारत पंहुचे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकाल तोड़ते हुए एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया। मोदी ने अबे और उनकी पत्नी अकई के साथ खुली जीप में एक भव्य रोड शो किया।
जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक लाख करोड़ रुपये के महात्वाकांक्षी साबरमती -अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट की आधारशिला रखने के अलावा दोनों नेता दो जापानी इंडस्ट्रियल पार्क्स के लॉन्च में भी शामिल होंगे। इसके अलावा वे साबरमति रिवरफ्रंट पर आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय बुद्धिस्ट फेस्टिवल के उद्गाटन समारोह में भी हिस्सा लेंगे। अहमदाबाद में बुलेट ट्रेन को अंतिम रूप दे दिया गया है। 14 सितम्बर को इसकी नींव जापान के प्रधानमंत्री व भारत के प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से रखेंगेे। इसके लिए पूरा साबरमती-अहमदाबाद दुल्हन की तरह सजाया गया है। भले ही विश्व में कई दशक पहले बुलेट रेल चल चूकी है पर भारत जहां अभी सामान्य रेल ही आम जनता के लिए एक सपना बनी हुई है। वहां भारत में मोदी जी ने तमाम किन्तु परन्तु की परवाह न करते हुए जापान से यह समझोता करके 2022 तक इस बुलेट रेल को भारत में दौडाने का संकल्प ले लिया है। इस बुलेट रेल को बनाने के लिए चीन भी हाथ पांव मार रहा था, परन्तु देश की सुरक्षा व इस रेल की गुणवता को देख कर प्रधानमंत्री मोदी ने जापान को इस सपने का साकार करने का दायित्व सौंपा। जिसे जापान की कुशल इंजीनियर मेट्रो रेल की तरह समय पर पूरा करेंगें।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अहमदाबाद में समीक्षा बैठक कर बुलेट ट्रेन प्रॉजेक्ट की प्रगति और डेडिकेट फ्रेड कॉरिडोर कॉर्पोरेशन का जायजा ले चूके है। साबरमती -अहमदाबाद से मुम्बई तक की 508 किमी लम्बे रेलमार्ग पर यह गोली की गति से चलने वाली यह बुलेट रेल 320 किमी की गिित से चलेगी।
वहीं  इंडस्ट्रियल पार्क के लिए लगभग 1500 करोड़ रुपये का निवेश तय हो चुका है और 22 अन्य प्रॉजेक्ट्स के लिए भी निवेश आने की संभावना है। गुजरात सरकार ने साणंद के नजदीक खोरज में 800 हेक्टेयर जमीन जापान इंडस्ट्रियल पार्क  के लिए नोटिफाई की है जिससे 20,000 करोड़ का निवेश आने की उम्मीद है।
शिंजो अबे के दौरे के वक्त गुजरात सरकार अपनी तरह के पहले अंतरराष्ट्रीय बुद्धिस्ट फेस्टिवल की मेजबानी भी करेगी। इसके जरिए गुजरात, भारत और दुनिया की बुद्ध से जुड़ी विरासत को दर्शाया जाएगा।
भले ही बुलेट रेल का सौदा एक लाख करोड़ रूपये का है परन्तु चीन सहित दुनिया की नजरें जापान व भारत के बीच मजबूत हो रहे सामरिक गठबंधन से है। जिसकी आशंका से चीन व पाक पहले से ही आशंकित है।ं

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