उत्तराखंड

नहीं रहे हिंदी रामायण के रचियता छम्मी लाल ढौडियाल

नई दिल्ली (प्याउ)। उत्तराखण्ड में दशकों से हो रही लोकप्रिय रामलीला का मंचन जिस जिस हिंदी रामायण(नाटय मंचन) के आधार पर होता है उसके रचियता छम्मीलाल ढ़ौडियाल का निधन की खबर सुन कर दिल्ली सहित पूरे उत्तराखण्ड में शोक छा गया। छम्मीलाल ढ़ौडियाल द्वारा लिखी रामायण की गूज न केवल उत्तराखण्ड में ही नहीं अपितु दिल्ली, लखनऊ, राजस्थान, मुम्बई, गुजरात सहित कई शहरों में उत्तराखण्डी समाज में अधिकांश छम्मीलाल ढौडियाल द्वारा लिखी नाटय मंचन से ही रामलीला का मंचन होता है।
दिवंगत छम्मीलाल ढौडियाल के आकस्मिक निधन की सूचना देते हुए कवि दिनेश ध्यानी ने बताया छम्मी लाल ढौंडियाल जी का निधन दिल्ली में बिगत २३ अप्रैल २०१७ हुआ।  दिवंगत छम्मी लाल ढौंडियाल जी पौड़ी गढ़वाल जिले के ग्राम ढौण्ड के मूल निवासी थे और दिल्ली में अपने बच्चो के पास आरके पुरम सेक्टर – ३ में रहते थे। उनकी तैरहवीं 4 मई को सम्पन्न  होगी।

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