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प्रधानमंत्री संग्रहालय की प्रमुख विशेषताए

14दिसम्बर 2023, दिल्ली से पसूकाभास

प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन 14 अप्रैल, 2022 को माननीय प्रधानमंत्री द्वारा किया गया था। यह इमारत भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के योगदान को मान्यता देता है और दिखाता है कि कैसे हमारे लोकतंत्र ने समाज के हर वर्ग और स्तर के नेताओं को राष्ट्र के लिए योगदान देने का अवसर प्रदान किया है। यह दो भवनों में फैला एक नया डिजिटल संग्रहालय है। बिल्डिंग 1 में पुरानी तीन मूर्ति इमारत, श्री जवाहरलाल नेहरू की गैलरी, संविधान गैलरी, तोशखाना और श्री जवाहरलाल नेहरू की निजी शाखा शामिल है। बिल्डिंग 2 श्री लाल बहादुर शास्त्री से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह तक के बाद के प्रधानमंत्रियों के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक सुधारों के साथ-साथ व्यक्तिगत जीवन को भी प्रदर्शित करता है। प्रत्येक गैलरी भारत के प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनके द्वारा किए गए योगदान पर प्रकाश डालती है।

संग्रहालय में लाइट एंड साउंड शो ‘वीरांगनाओं की महागाथा’ नामक कार्यक्रम महाकाव्य के माध्यम से उन बहादुर महिला योद्धाओं की गाथा को प्रदर्शित करता है जिन्होंने देश के गौरव को बनाए रखने के लिए प्रयास किया। ‘नव्या की उड़ान’ नामक एक अन्य कार्यक्रम आगंतुकों को पिछले 75 वर्षों में अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की तकनीकी प्रगति की एक झलक देता है।

प्रधानमंत्री संग्रहालय ‘अनुभूति’ नामक एक आगंतुक सहभागिता क्षेत्र से सुसज्जित है, जहां आगंतुक ‘प्रधानमंत्री के साथ सेल्फी’, ‘प्रधानमंत्री के साथ चलो’, ‘प्रधानमंत्री का पत्र’ और वास्तुशिल्प और देश के तकनीकी चमत्कारों को प्रदर्शित करने वाली एक आभासी हेलीकॉप्टर सवारी का विकल्प चुन सकते हैं। आगंतुक उस प्रधानमंत्री को चुन सकते हैं जिसके साथ वे सहभागिता क्षेत्र में शामिल होना चाहते हैं। आगंतुक विज़न 2047 फीडबैक वॉल पर अपना प्रेरणादायक संदेश दर्ज करा सकते हैं और साथ ही ‘यूनिटी चेन’ में समूह में एक बड़ी दीवार पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं। संग्रहालय में लोगों के सुचारू आवागमन के लिए गोल्फ कार्ट और व्हील चेयर, गाइड/ऑडियो गाइड, कैफेटेरिया और एक स्मारिका दुकान भी है।

यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति, पर्यटन और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री  जी. किशन रेड्डी ने आज राज्यसभा में दी।

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