दुनिया

दुनिया में छाये विश्व युद्ध के खतरे को कम करने में नकाम रही  सेन फ्रांसिको में हुई  अमेरिका व चीन की शिखर बैठक

गाजा युद्ध, ताइवान व युक्रेन युद्ध पर अपने अपने तर्को पर डटे रहने के कारण बेनतीजा रही सेन फ्रांसिस्को शिखर बैठक

देवसिंह रावत
गाजा युद्ध के कारण विश्व पर मंडरा रहे विश्व युद्ध के बादलों के बीच दो गुटों में बंटे विश्वके दो बडे नेता अमेरिका  के सेन फ्रांसिको में 16नवम्बर 2023 को हुई चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग व अमेरिका के राष्ट्रपति जो वाइडेन के बीच शिखर बैठक। इस बैठक पर पूरी दुनिया की नजरें लगी हुई थी दुनिया को आशा थी कि चीन व अमेरिका के बीच होने वाली शिखर बैठक से गाजा युद्ध, युक्रेन युद्ध व ताइवान तनाव के कारण खतरे में घिरी मानवता को कुछ राहत मिलेगी। परन्तु शिखर बैठक के बाद अपने अपने खुंटों व हितों में डटे दोनों महाशक्तियों की मंशा में कोई अंतर नहीं आया। इससे दुनिया बेदह निराश हुई।इस बैठक में जहां अमेरिका के राष्ट्रपति जो वाइडेन ने कहा अमेरिका एक चीन की नीति पर वचनबद्ध है। हम ताइवान में चुनाव का सम्मान हो।  हमास के खात्मे के साथ गाजा में युद्ध विराम होगा। 7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर हैवानियत भरा हमला  किया। महिला बच्चों व बुजुर्गो को निर्ममता से मार कर इजरायल को अपनी सुरक्षा करने के लिये युद्ध करने के लिये विवश किया।  हमास फिर दुबारा ऐसा हमला न कर सके, इसके लिये उसका खात्मा जरूरी है।  इसी लिये अमेरिका इजरायल के साथ खडा है। वहीं अमेरिका यह उपदेश देते नजर आया कि युद्ध से दुनिया में विनाश ही होता है।
चीन से  कहा कि वह ईरान की अरब देशों को भडकाये व उकसाने वाली कार्यवाही पर अंकुश लगाये। साथ में अमेरिका ने उतर कोरिया की गतिविधियां भी विश्व  के लिये खतरा उत्पन्न करता है। अमेरिका ने दक्षिणी चीन सागर व हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की गतिविधियों के कारण बढ रहे तनाव को भी अंकुश लगाने को कहा।

वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा अमेरिका ताइवान के चीन में विलय का समर्थन करे। ताइवान की आजादी का समर्थन न करे अमेरिका। गाजा में युद्ध तत्काल रूकना चाहिये। हमास व फिलिस्तीन अलग मुद्दे है। युक्रेन का मुद्दा बात चीत से सुलझाये। इसके साथ चीन ने जोर देकर कहा कि उतर कोरिया की चिंताओं का भी निराकरण किया जाना चाहिये, उस पर भी अमेरिका को ध्यान देना  चाहिये। इसके साथ चीन ने अमेरिका को आश्वस्थ किया कि चीन कभी अमेरिका को पछाडने के लिये काम नहीं कर रहा है।
ताइवान को हथियार न दे अमेरिका। चीन व अमेरिका के संबंधों में ताइवान सबसे अहम मुद्दा है। इस लिये अमेरिका चीन पर लगाये प्रतिबंध हटाओ। चीन को दबाने की कोशिश न करे।

About the author

pyarauttarakhand5