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जनहित व देशहित में समर्पित पत्रकारों का दमन लोकशाही पर कुठाराघात, पर देश के दुश्मनों के गुर्गो पर कडा अंकुश है जरूरी

न्यूजक्लिक खबरिया संस्थान पर पुलिस  की छापामारी प्रकरण 

देवसिंह रावत

आज 4 अक्टूबर 2023 की सांयकाल जैसे ही मै प्रेस क्लब से घर वापसी केे लिये बाहर निकला तो प्रेस क्लब के प्रांगण में पत्रकारों का भारी जमवाडा देख कर रूक गया। प्रेस क्लब के बाहर भी पुलिस का भारी जमवाड़ा लगा हुआ था। एक बुजुर्ग पत्रकार ने मुझे इस पूरे प्रकरण पर सावधान भी किया। प्रेेस क्लब आफ इंडिया सहित अनैक संगठन इंटरनेटी समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक पर पुलिस द्वारा की गयी कार्यवाही के विरोध में यहां एकजूट हो रखे थे। वे इसे लोकशाही पर हमला बता रहे थे।
प्रेस क्लब से निकल कर मैं पैदल ही संसद की चैखट जंतर मंतर पर पंहुचा तो वहां पर भी पत्रकारों पर हमले के खिलाफ नागरिक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था जिसमें सम्मलित लोगों का कहना था कि यह सत्ता को सत्य दिखाने वाले पत्रकारों पर हमला है। मै सदा अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाता हॅू। इसीलिये मेरे एक राजनीतिज्ञ मित्र ने कटाक्ष भरे लहजों में कहा कि अभी तक आपने पत्रकारिता पर हुये इस हमले की निंदा नहीं की।
इस प्रकरण पर मेरा साफ मानना है कि जनहित व राष्ट्रहित के लिये समर्पित पत्रकारों का दमन लोकशाही का दमन है । दलीय स्वार्थ के लिये सरकार के जनहित को रौंदने वाले कृत्यों को उजागर करने वालों पर कार्रवाही करना भी लोकशाही पर कुठाराघात है। सरकारों को इस प्रकार की कार्रवाही से बचना चाहिये। परन्तु पत्रकारिता की आड़ में देश विरोधी ताकतों के मोहरे बनने वाले गूर्गो पर कार्रवाही नितांत जरूरी है। खासकर चीन,पाकिस्तान, अमेरिका सहित नाटो देशों के संसाधनों से देश को कमजोर करने के षडयंत्र में सहभागी बनना बहुत ही गंभीर व अक्षम्य अपराध है। सरकार को ऐसे तत्वों के खिलाफ ईमानदारी से जांच कर उन पर कड़ा अंकुश लगाना चाहिये।
वहीं देश के वरिष्ठ राजनेता,स्वतंत्र चिंतक व लेखक ने कहा कि इस छापेमारी के बाद भी संबंधित पत्रकारों ने इस कार्यवाही पर कोई सवालिया निशान नहीं लगाये। इसलिये इसको पत्रकारों पर हमला कहना उचित नहीं है।
आज 4 अक्टूबर को प्रेस क्लब में आयोजित विरोध बैठक में ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया सहित देश के करीब 16 प्रेस संगठनों ने देश के प्रमुख न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर मीडिया के खिलाफ लगातार हो रहे सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग को रोकने की मांग की । इसके साथ इस घटना की निंदा करते हुये कहा कि ‘न्यूजक्लिक’ से जुड़े पत्रकारों एवं लेखकों के घरों पर छापेमारी को लेकर बहुत चिंतित है।ं
वहीं विपक्ष ने इस छापामार कार्रवाही की कड़ी भत्र्सना करते हुये कहा कि इससे साफ हो गया कि प्रधानमंत्री मोदी व उनकी सरकार डरी , घबराई हुई है।वहीं इंटरनेटी समाचार संस्थान द वायर ने कहा कि यह छापामारी स्वतंत्र पत्रकारिता को डराने का प्रयास जारी है।इस बैठक में उपस्थित हुये न्यूज क्लिक के उर्मिलेश, जिनके अवास पर भी कल पुलिस ने छापामारा था ने कहा कि मैं पत्रकारिता के मूल्यों पर कोई समझौता नहीं करूंगा। इस बैठक में अधिकांश वे पत्रकार व समाजसेवी बडी संख्या में उपस्थित थे जो वर्तमान सरकार से बेहद खपा हैं।
उल्लेखनीय है कि कल 03 अक्टूबर 2023 को दिल्ली पुलिस द्वारा इंटरनेटी समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक ’क कार्यालय सहित उसके पत्रकारों के 30 ठिकानों में ताडबतोड़ छापामारी कर इसके 46 कर्मचारियों से घण्टों तक कडी पूछताछ के बाद इस समाचार संस्थान के प्रधान सम्पादक प्रवबीर पुरकायस्थ और एच आर प्रमुख अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया और अन्य को पूछताछ के बाद छोड दिया।न्यूजक्लिक के प्रबीर पुरकायस्थ, एचआर हेड 7 दिन की पुलिस रिमांड पर है। इस खबरिया संस्थान के जिन पत्रकारों के घरों पर छापेमारी हुई है, उनमें वेबसाइट के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ, पत्रकार अभिसार शर्मा, औनिंद्यो चक्रवर्ती, भाषा सिंह, व्यंग्यकार संजय राजौरा, इतिहासकार सोहेल हाशमी शामिल थे। पुलिस ने इस छापामारी में अनैक इंटरनेटी उपकरों , दस्तावेजों आदि को भी जब्त किये। दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी सुमन नलवा ने बताया कि यह कार्रवाइ गैर कानूनी गतिविधियां रोेकथाम अधिनियम के तहत दर्ज मामले को लेकर की गयी। न्यूजक्लिक पर चीन से फंडिग लेने और ‘चीन का एजेंडा’ चलाने का आरोप हैं। इसी लिये यह कार्रवाई गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी यूएपीए के तहत की गई है।
यह विवाद तब सामने आया जब इस साल अगस्त में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में न्यूजक्लिक वेबसाइट पर आरोप लगाया कि भारत में चीन समर्थक प्रचार के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के करीबी और अमेरिकी करोड़पति नेविले रॉय सिंघम से कथित तौर पर धन प्राप्त किया। इस खबर में यह भी खुलासा किया गया कि सिंगमा चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के समर्थक हैं और वो ‘चीन के प्रॉपेगैंडा को फैलाने के लिए वहां की सरकार के साथ मिल कर काम करते हैं। न्यूजक्लिक ने इन आरोपों को पूरी तरह नकार दिया । हालांकि वर्तमान सरकार सालों से न्यूजक्लिक पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाती रही, पर इस खुलासे के बाद इस साल अगस्त से न्यूज क्लिक वेबसाइट की जांच तेज कर दी थी ।इसी मामले में अगस्त को न्यूजक्लिक और इसके पत्रकारों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत के मामले दर्ज किए गए थे.न्यूजक्लिक पर साल 2021 में भारत के वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े मामले की जांच करने वाली संस्था प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने छापा मारा। 2020 में लद्दाख में चीन के कलुषित कृत्यों से आक्रोशित भारत ने चीन के खिलाफ कडा रूख अपनाते हुये चीनी कंपनियों और ऐप्स आदि पर लगाम लगाने का काम किया।

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