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हिमाचल में मिली हार से सहमा भाजपा नेतृत्व लोकसभा चुनाव 2024 के लिये उतराखण्ड में उठा सकते है बडा कदम!

प्रधानमंत्री मोदी से फिर मिले उतराखण्ड के मुख्यमंत्री धामी!
देवसिंह रावत    
इस सप्ताह फिर  उतराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से  भेंट की। गत माह भी श्री धामी मोदी से मिले थे। पिछली बार  उतराखण्ड प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी प्रधानमंत्री से मिले थे। भले ही मुख्यमंत्री धामी ने अपने ट्वीटर पेज पर इस भेंटवार्ता को एक शिष्टाचार भेंट बताया। परन्तु प्रधानमंत्री मोदी की राजनीति पर गहन नजर रखने वाले राजनीति के समीक्षकों का मानना है कि लगता  है प्रधानमंत्री मोदी उतराखण्ड में कुछ ंबडा कदम उठाने वाले हैं। यह सब 2024 के लोकसभा चुनाव में फिर से भाजपा को सत्तासीन करने का दाव भी हो सकता है। क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी को  भी इस बात का भान है कि भले ही उतराखण्ड में कांग्रेस गुटों में बुरी तरह से विभक्त होने के बाबजूद प्रदेश की धामी सरकार जनता का दिल जीतने में सफल नहीं हुई। इसका सीधा खमियाजा 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के गढ समझे जाने वाले उतराखण्ड में पड़ सकता है। प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा के चुनावी रणनीतिकारों को भले ही उतराखण्ड की जनता पर पूरा भरोसा है परन्तु जिस ढंग से उतराखण्ड के पडोसी  राज्य हिमाचल में प्रधानमंत्री मोदी व भाजपा की तमाम मेहनत व दावों पर हिमाचल की जागरूक जनता ने पानी फेरते हुये भाजपा को हिमाचल के सिहांसन से सत्ताच्युत किया, उससे प्रधानमंत्री मोदी  व भाजपा आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश सरकार से नाखुश उतराखण्ड की जनता की मनोदशा  को भांप कर अभी से उतराखण्ड सहित कमजोर प्रदेशों में मजबूती से कठोर कदम उठा कर संभावित कमजोरी को मजबूती में तब्दील करने के लिये प्रभावशाली राजनैतिक कदम उठा रहे है। इस कदम के तहत जिन प्रदेशों में कमजोर नेतृत्व है वहां मजबूत नेतृत्व कैसे स्थापित किया जाय, इसी दिशा में कदम उठाने के लिये खुद प्रधानमंत्री संभावित विकल्पों पर गंभीरता से चिंतन मंथन कर रहे है।
डेढ घण्टे तक प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस सप्ताह चली वार्ता को भले ही उतराखण्ड के  मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी इसे शिष्टाचार भेंट बता रहे हों। परन्तु राजनीति के जानकार जानते हैं कि कर्नाटक चुनाव  सहित अनैक व्यस्ततम कार्यक्रमों के बीच गत माह भी भेंट कर चूके उतराखण्ड के मुख्यमंत्री धामी से डेढ़ घण्टे तक वार्ता करना, यह साफ संदेश देता है कि प्रधानमंत्री उतराखण्ड में कुछ बडा फैसला ले सकते हैं। भले ही राजनीति के समीक्षक भले ही प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की संभावनाओं को सिरे से नकार दें। यह सवाल उतराखण्ड का रहता तो भाजपा नेतृत्व इतनी कसरत  नहीं करता। वह उतराखण्ड में धामी जैसे पराजित नेतृत्व थोप सकता है। चिलाते रहे उतराखण्ड की जनता। केंद्रीय  नेतृत्व को कहां परवाह होती। केंद्रीय नेतृत्व भाजपा का हो या कांग्रेस का, उन्हे उतराखण्ड की परवाह विगत 23 सालों से रही कहां। इसी लिये तो उतराखण्ड की यह दुर्दशा हुई्र। प्रदेश की जनता 23 सालों से राजधानी गैरसैंण बनाने की मांग कर रही है, ंमुजफरनगर काण्ड के गुनाहगारों को सजा देने की मांग कर रही है। हिमाचल की तर्ज पर भू कानून व मूल निवास की मांग कर रही है। जनसंख्या पर आधारित विधानसभा परिसीमन पर अंकुश लगाने की मांग कर रही है। प्रदेश में अब तक केे मुख्यमंत्रियों व विधानसभाध्यों द्वारा सरकारी नौकरियों की बंदरबांट पर न्याय करने की मांग कर रही है। भर्तियों की लूटबाजारी बंद करने की मांग कर रही है। प्रदेश में अपराधियों व घुसपेठियों पर अंकुश लगाने ेकी मांग कर रही है। अंकिता भण्डारी  के गुनाहगारों को सजा देने की मांग कर रही है। जनता को रौंदने वाले मंत्रियों व विधायकों पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे हैं। परन्तु इस पर न प्रदेश सरकार ध्यान दे रही है व नहीं केंद्रीय नेतृत्व इस पर अपनी कृपादृष्टि ही डाल रहा हैं। जनता का नक्कारें नेतृत्व के रहमोकरम पर  छोड देते हैं।
परन्तु अब यह सारा चिंतन मंथन उतराखण्ड या देश के चहुमुखी विकास  के लिये नहीं अपितु कैसे 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी के नेतृत्व में भाजपा फिर से देश की सत्ता पर काबिज हो। जिस प्रकार से विपक्ष पूरे देश में मोदी नेतृत्व वाली भाजपा को सत्ताच्युत करने के लिये गोलबंदी कर रही है, उसको देखते हुये भले भाजपा के सामने बडा संकट न भी हो पर यह साफ है कि 2024 की चुनावी जंग पहले की तरह आसान नहीं है। खासकर शिवसेना, जदयू,अकाली सहित अनैक राजग गठबंधन के साथी दलों के विद्रोह के बाद भाजपा को अपनी सत्ता को बरकरार रखना पहले की तरह आसान नहीं है। इसलिये भाजपा  एक एक सीट व एक एक राज्य में अपनी संभावित कमजोरी को अभी से दूर कर रही है। उतराखण्ड में आला नेतृत्व के समक्ष यह समस्या  होगी कि उतराखण्ड में किसे लोकसभा चुनाव की बैतरणी को पार लगाने वाला खेवनहार बनायें? सरकार को चाहिये कि प्यादों, जाति व क्षेत्रवाद आदि तमाम दुराग्रहों से उपर उठ कर जनसेवा में अनुभवी व्यक्ति को ही प्रदेश का खेवनहार बनायें। ऐसा नहीं कि भाजपा के पास नेताओं का अभाव है। उनके पास कोश्यारी व महाराज जैसे प्रदेश सहित देश की राजनीति के अनुभवी कद्दावर नेता है। परन्तु भाजपा नेतृत्व को यह ध्यान रखना चाहिये कि जनता की नजरों में नक्कारे  मोहरों को प्रदेश में थोपने से प्रदेश व दल के लिये बेहद घातक साबित होगा।  
उल्लेखनीय है कि इस सप्ताह प्रधानमंत्री से हुई भैंटवार्ता पर टिप्पणी करते हुये प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि उन्होने प्रधानमंत्री मोदी का उत्तराखंड के विकास में उनके मार्गदर्शन और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।  मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी को श्री  केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ धाम का प्रसाद, गंगा तुलसी, गंगोत्री यमुनोत्री,  अलकनंदा और मंदाकिनी का गंगाजल के साथ ही रुद्राक्ष की माला भी भेंट की।डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विकास से सम्बन्धित विभिन्न विषयों पर प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं के बारे में अवगत कराते हुए कहा कि रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आ रहे हैं। जोशीमठ में केंद्र सरकार के सहयोग से राहत कार्य किए जा रहे हैं। वहां स्थिति सामान्य है।  प्रधानंमत्री ने जोशिमठ के संदर्भ में केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग के प्रति आश्वस्त किया।मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से माह अक्टूबरध्नवम्बर 2023 में राज्य में प्रस्तावित इन्वेस्टर समिट के उद्घाटन के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने मानसखण्ड के अन्तर्गत जागेश्वर धाम, ष्आदि कैलाश ध् पार्वती सरोवर ध् ओम पर्वत के दर्शन, लोहाघाट में मायावाती आश्रम की यात्रा के साथ ही सीमान्त जनपद  पिथौरागढ़  में जनसम्बोधन एवं विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास के लिए आने का भी प्रधानमंत्री जी से आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के दिशा-निर्देश में क्षेत्रीय संपर्क  योजना के अर्न्तगत राज्य में वायु सेवाओं में उत्तरोतर वृद्धि हो रही है। मुख्यमंत्री ने राज्य में हवाई सेवाओं के त्वरित विकास हेतु भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य से सम्बन्धित मामलों  के शीघ्र निस्तारण हेतु सम्बन्धित को निर्देशित करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि देहरादून स्थित जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु 243 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है। पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु फीजिबिलिटी सर्वेक्षण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने नैनी सैनी एयरपोर्ट का महानिदेशक नागरिक उड्डयन से लाइसेंस नवीनीकरण, एनटीआरओ से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट के विस्तारीकरण हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र दिलवाए जाने का अनुरोध किया।   देहरादून-पिथौरागढ़ – हिण्डन वायु सेवा और देहरादून हल्द्वानी- पिथौरागढ़ अल्मोड़ा हेलीकॉप्टर सेवा के सुचारू संचालन के लिए संबंधित को निर्देशित करने का आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 5 वर्षों में राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को 5.5 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। पर्यटन कृषि, उद्योग, स्वास्थ्य, शिक्षा एवं सेवा क्षेत्रों में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए  माह अक्टूबर ध् नवम्बर 2023 में राज्य में इन्वेस्टमेंट समिट कराये जाने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री ने उक्त इन्वेस्टमेंट समिट के उदघाटन के लिए माह अक्टूबरध् नवम्बर 2023 में समय दिए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा  विश्व प्रसिद्ध चारधाम की तर्ज पर कुँमाऊ  में मानसखण्ड मन्दिर माला परियोजना प्रारंभ की गयी है। इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना के अन्तर्गत कुँमाऊ मण्डल के महत्वपूर्ण पौराणिक ध् ऐतिहासिक स्थलों को सर्किट से परस्पर जोड़कर लोकप्रियता प्रदान की जायेगी ताकि देश-विदेश से तीर्थयात्री ध् पर्यटकों को यहाँ आने हेतु आकर्षित किया जा सके और उनकी यात्रा सुगम बनायी जा सके। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी से मानसखण्ड के अन्तर्गत जागेश्वर धाम, ष्आदि कैलाश ध् पार्वती सरोवर ध् ओम पर्वत के दर्शन, लोहाघाट में रामकृष्ण मठ के अद्वैत आश्रम की शाखा मायावाती आश्रम की यात्रा के साथ ही सीमान्त जनपद  पिथौरागढ़  में जनसम्बोधन एवं विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास के लिए आने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में शहरी क्षेत्रों के विकास के अन्तर्गत लगभग 5 से 7 नये शहर विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें प्रथम चरण में उधमसिंह नगर के अन्तर्गत किच्छा में स्थित 2000 एकड़ के पराग फार्म में शहर विकसित करने का प्रस्ताव है। इसके लिए आवास और शहरी मामलों के केंद्रीय मंत्रालय (डवभ्न्।) से रू0 1000 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया है। यह ग्रीन फील्ड सिटी  रूद्रपुर से मात्र 15 कि0मी0 दूरी पर स्टेट हाईवे 47 पर अवस्थित होगी। नजदीकी रेलवे स्टेशन पंतनगर होगा। यह आर्थिकी की दृष्टिकोण से अमृतसर- कोलकत्ता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से गुजरेगा। इस प्रस्तावित शहर के समीप 200 से 250 एकड़ का नोलेज पार्क तैयार करने का प्रस्ताव है। इस शहर के विकसित होने पर लगभग 7000 करोड़ का निजी निवेश अपेक्षित है, जिसमें 50 हजार लोगों के रोजगार सृजन के साथ ही लगभग दो लाख लोगों की आवासीय व्यवस्था सम्भावित हैं। मुख्यमंत्री ने इस ग्रीन फील्ड सिटी को विकसित करने के लिए अपेक्षित धनराशि अवमुक्त कराने का अनुरोध भी किया।
उतराखण्ड के मामले में प्रधानमंत्री मोदी क्या कदम उठाते हैं इसका अहसास भले ही मोदी जी ने उतराखण्ड के मुख्यमंत्री धामी को होने ही नहीं दिया होेगा। परन्तु जिस प्रकार आगामी 2024 को होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये भाजपा अपनी तमाम संभावित कमजोरी को मजबूती में बदलने का काम कंर रही है और खुद मोदी जी इस अभियान का नेतृत्व खुद कर रहे है।  उसके बाद देखना है कि प्रधानमंत्री मोदी जी उतराखण्ड की जनता से भले दिन लाने के वादे को कब पूरा करेंगे। परन्तु यह साफ है कि प्रदेश का वर्तमान नेतृत्व प्रदेश की जनहितों को न साकार कर पाया व नहीं प्रदेश की जनता के दिलों में अपनी कोई छाप ही छोडने में सफल रहा। अब निर्णय भाजपा आला नेतृत्व को करना है कि वह जनता की भावना का सम्मान करती है या अपने प्यादों का। इसी पर 2024 लोकसभा चुनाव के परिणाम की राह साफ होगी।

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