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प्रधानमंत्री से राजधानी गैरसैण, भू कानून-मूल निवास आदि उत्तराखंडी जनाकांक्षाओं को साकार करने की गुहार लगाने का साहस क्यों नहीं जुटा पाते हैं उत्तराखंड के अब तक के मुख्यमंत्री, धामी जी?

प्रधानमंत्री मोदी से मिले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम व उत्तराखण्ड राज्य सूचना केन्द्र,

 

मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने 3 अप्रैल 2023 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार द्वारा राज्य के विकास हेतु जमरानी बांध परियोजना की स्वीकृति सहित विभिन्न बाह्य साहयतित परियोजनाओं एवं पूंजीगत परियोजनाओं हेतु विशेष सहायता योजनाओं के लिए व्यापक सहयोग प्रदान करने पर प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री से हुई इस मुलाकात की  प्रेस विज्ञप्ति प्यारा उत्तराखंड समाचार पत्र सहित देश प्रदेश के समाचार पत्रों को प्रमुखता से वितरित की गई। इस मुलाकात की खबर को इस प्रकार से प्रसारित व प्रचारित किया गया कि जैसे मुख्यमंत्री ने कोई ऐतिहासिक काम कर दिया हो।

इस पर त्वरित टिप्पणी करते हुए उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन के प्रमुख आंदोलनकारी व प्यारा उत्तराखंड के संपादक देव सिंह रावत ने गंभीर प्रश्न उठाते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों व केंद्र सरकार से सवाल किया कि आखिर उत्तराखंड के 23 सालों के धामी सहित सभी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री से उत्तराखंड की राजधानी गैरसैण बनाने, हिमाचल की तर्ज पर भू कानून-मूल निवास, जनसंख्या पर आधारित विधानसभा परिसीमन, मुजफ्फरनगर कांड के अभियुक्तों को सजा देने व उत्तराखंड  में सरकारी नौकरियों की मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्षों द्वारा की गई बंदरबांट की सीबीआई जांच करने आदि प्रमुख जन आकांक्षाओं के बारे में टूक फरियाद करने हिम्मत क्यों नहीं उठा पाते हैं? मानवत, देश व प्रदेश के हितों के लिए खुद को बलिदान करने वाले महानायक चंद्र सिंह गढ़वाली व बाबा मोहन उत्तराखंडी जैसे सूरमाओं के वंशज इतने खुदगर्ज क्यों हो गए हैं कि उनकी जुबान पर ताले लग गये हैं?

 

आखिर उत्तराखंड का प्रमुख जनसेवक कहने वाले मुख्यमंत्री जन भावनाओं और राज्य गठन की जन आकांक्षाओं का सम्मान करके साकार  करने का दायित्व क्यों नहीं निर्वाह कर रहे हैं? इसके साथ सवाल यह भी उठता है कि आखिर तमाम खुफिया एजेंसी व संसार का सबसे बड़ा संगठन होने का दावा करने वाली केंद्र सरकार अपने प्रदेश सरकार से जन आकांक्षाओं को साकार करने के लिए निर्देश क्यों नहीं देते हैं?    आखिर केंद्र व राज्य सरकार जनता के प्रति समर्पित होती है या मात्र दल व व्यक्तियों की अहम व स्वार्थों की पूर्ति के लिये?  सरकारों की उदासीनता के कारण आज उत्तराखंड बर्बादी की कगार पर है एक तरफ जहां षड्यंत्र के तहत हल्द्वानी देहरादून इत्यादि शहरों में घुसपैठ कर बसावत की जा रही है, वहीं दूसरी तरफ विकास के नाम पर अंधाधुंध प्रकृति के साथ खिलवाड़ करके जोशीमठ जैसी त्रासदी को आमंत्रण दिया जा रहा है। पलायन की दंश से बेहाल उत्तराखंड में मुख्यमंत्री विधानसभा अध्यक्ष और नौकरशाह इस प्रकार सरकारी नौकरियों की अंधेर बंदरबांट कर रहे हैं उससे उत्तराखंड का आम जनमानस व युवा हताश निराश व आक्रोशित है। प्रदेश की सरकारों ने उत्तराखंड को भ्रष्टाचारियों अपराधियों षड्यंत्रकारियों व घुसपैठियों लिए अभ्यारण बना दिया है।

उल्लेखनीय है कि 3 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी से मिलकर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य को  G20 की तीन महत्वपूर्ण बैठकों का दायित्व दिए जाने पर धन्यवाद देते हुए कहा कि रामनगर में मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के वर्किंग ग्रुप की बैठक सफलतापूर्वक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी को चारधाम यात्राआदि कैलाश और लोहाघाट स्थित मायावती आश्रम के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री  के साथ लगभग एक घंटे तक चली बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा की और  प्रधानमंत्री जी का मार्गदर्शन प्राप्त किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री को मुनस्यारी की शॉलउत्तराखंड में  G20 के सफल आयोजन की कॉफी टेबल बुकएक साल नई मिसाल की कॉफी टेबल बुकमिलेट एवं जागेश्वर धाम की प्रतिकृति भेंट की।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को चमोली के जोशीमठ क्षेत्र में भूधंसाव से प्रभावितों को राहत और विस्थापन कार्यों की जानकारी देते हुए कहा कि  भूस्खलन एवं भू-धसाव हेतु आर्थिक पैकेज रू० 2942.99 करोड़ की आवश्यकता है।  उक्त पैकेज में प्रभावितों को अस्थाई राहत व आवास व्यवस्था हेतु 150 प्री फॅब्रिकेटेड घरों का निर्माणसाइट डेवलपमेंट कार्य प्रभावित भत्ता प्रमुख है। आवासीय एवं व्यवसायिक अवसंरचनाओं के मुआवजेअसुरक्षित जोन में आने वाले परिवारों की जमीनों के मुआवजेप्रभावित व्यक्तियों के स्थायी पुनर्वास एवं भूमि के अधिग्रहण व विकास और प्रभावित विभागीय अवसंरचनाओं की मरम्मत व पुनर्स्थापना का कार्य सम्मिलित है। जोशीमठ के स्थरीकरण तथा पुनर्विकास का कार्य भी किया जाना है।

राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड लैंडस्लाइड मिटिगेशन एण्ड मैनेजमेंट सेंटर स्थापित किया गया हैजो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर भूमि धसाव सुधार एवं प्रबंधन पर सलाह देगा। सेंटर ने जोशीमठ में कार्य करना आरम्भ कर दिया हैइसके द्वारा प्रभावित भू धसावआपदा प्रभावित जोखिम क्षेत्र का रोडमैप तैयार कर दिया गया है

मुख्यमंत्री ने कहा कि जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना के लिए वित्त मंत्रालय द्वारा  आयोजित पब्लिक इन्वेस्टमेंट बोर्ड की बैठक में संस्तुति प्रदान की गई। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से जमरानी बांध बहुउद्देशीय परियोजना की वित्तीय स्वीकृति आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी से भी कराए जाने का अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने हरिद्वार से वाराणसी के लिए वन्दे भारत रेल सेवा शुरू किए जाने का भी आग्रह करते हुए कहा कि इससे श्रद्धालुओं और पर्यटकों को बड़ी सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन के अन्तर्गत आस्ट्रेलिया से 240 मैरीनो भेड़े दिसम्बर, 2019 में आयात की गई थी। इसकी सफलता के आधार पर प्रथम चरण में 500 मैरीनो भेड़ों को आयात करने का प्रस्ताव है जिससे आगामी 3-4 महीनों में लगभग 500 मैट्रिक टन उच्च गुणवत्ता ऊन प्राप्त हो सकती है जो आत्मनिर्भर भारत के अवधारणा के अन्तर्गत भारतीय वस्त्र उद्योग के लिये महत्वपूर्ण है। इसके लिए पशुधन मंत्रालय एवं कपड़ा मंत्रालय से सहयोग अपेक्षित है।

प्रदेश द्वारा स्टेट मिलेट मिशन का वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक  संचालन किया जा रहा है। मिलेट मिशन में 10,000 मै0टन मडुवाकिसानों से खरीद कर पी०डी०एस० के माध्यम से वितरित किया जायेगा। साथ ही झंगोरे की खीर को मिड-डे-मील में सप्ताह में एक बार विद्यार्थियों को उपलब्ध कराया जायेगा । झंगोरारामदाना एवं काकुनी के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी किये जाने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशनदलहन व तिलहन के अन्तर्गत गहत व काला भट्ट फसल के सत्य बीज के प्रयोग की अनुमति प्रदान करने का भी अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नाबार्ड द्वारा 18 हजार पॉलीहाउस की स्थापना हेतु रू0 280 करोड़ की स्वीकृति दी गयी हैइससे लगभग लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। राज्य में सेब उत्पादन को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करने हेतु एप्पल मिशन के अन्तर्गत रू0 35 करोड़ की योजना स्वीकृत की गयी है। उच्च मूल्य वाली फसलों जैसे- कीवी ड्रैगन फ्रूटस्ट्राबेरी आदि को राज्य सरकार द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में मौनपालन के समग्र विकास हेतु  राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन योजना ( NBHM ) के दिशा निर्देशानुसार  रू० 249.529 करोड़ का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित किया गया हैजिसमें कुल अनुदान रू0 203.391 करोड़ केन्द्र सरकार से अपेक्षित है। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव की स्वीकृति के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध करते हुए कहा कि उक्त प्रस्ताव से लगभग 45,000 मौनपालकों को सीधे लाभ पहुंचेगा जबकि प्रदेश के समस्त बागवानों एवं कृषकों को उत्पादन में वृद्धि के माध्यम से अप्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होगा।

ऋषिकेश एम्स का 280 शैय्याओं युक्त सैटेलॉइट सेन्टरऊधम सिंह नगर (कुमांऊ मण्डल) हेतु स्वीकृत है। सी०पी०डब्ल्यूडी कार्यदायी संस्था है। कार्य में त्वरित गति अपेक्षित है।

मुख्यमंत्री ने पिथौरागढ़ के नैनी सैनी हवाई अड्डे में हवाई सेवाओं के संचालन करने तथा हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के दृष्टिगत हवाई अड्डे को भारतीय वायुसेना ( रक्षा मंत्रालय) को हस्तांतरित किए जानें के लिए संबंधित को निर्देशित किए जाने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया।

मुख्यमंत्री ने राज्य में पीएमजीएसवाई –1 & ॥ के समस्त अवशेष 473 कार्यों को पूर्ण करने हेतु मार्च, 2024 तक की अनुमति प्रदान करने पर विचार किए जाने का निवेदन किया। पीएमजीएसवाई के अन्तर्गत राज्य में 150 से 249 की जनसंख्या वाली 407 बसावटें अवशेष हैंजिसमें 3200 किमीलम्बी सड़कों का निर्माण प्रस्तावित हैतथा अनुमानित लागत रू० 2900 करोड़ है। इन बसावटों की स्वीकृति हेतु अनुमति प्रदान किया जाना निवेदित है।

प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत उत्तराखण्ड में अवशेष 25,423 लाभार्थियों हेतु आवास आवंटन का लक्ष्य माह अप्रैल, 2023 में प्राप्त होना आवश्यक हैजिससे इनको माह दिसम्बर, 2023 तक पूर्ण किया जा सके। इससे वर्ष 2024 तक सभी पात्र लाभार्थियों को आवास योजना से संतृप्त किये जाने का लक्ष्य पूर्ण हो जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा देश की अर्थव्यवस्था को  USD  5  Trillion     बनाये जाने का लक्ष्य रखा गया है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने हेतु  “सशक्त उत्तराखण्ड“ मिशन लॉच किया है जिसके अन्तर्गत अगले वर्षो में (2022-2027)  GSDP  रू० 2.75 लाख करोड़ से दोगुना कर रू0 5.5 लाख करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में  McKinsey Global Firm  द्वारा इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु पर्यटनकृषिउद्योगस्वास्थ्य एवं शिक्षा तथा सर्विस सेक्टर में निजी निवेश को आकर्षित करने की फोकस एप्रोच के साथ आधारभूत संरचनाओं के विकास का सामन्जस्य बिठाते हुए रणनीति तैयार की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने राज्य की नई पर्यटन नीति की जानकारी देते हुए कहा कि काशी विश्वनाथ तथा उज्जैन महाकाल कॉरिडोर की भांति हर की पैड़ी हरिद्वार तथा ऋषिकेष कॉरिडोर पर कार्य किया जा रहा है। जनपद चमोली में माणा गांव से कि०मी० की दूरी पर अवस्थित मूसापानी स्थल को नाडावेट (गुजरात) की तर्ज पर विकसित किये जाने हेतु चिन्हित किया गया है।

केदारनाथ धाम और बद्रीनाथ धाम के पुनर्विकास कार्यों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि चारधाम धार्मिक पर्यटन की भांति कुमाऊं क्षेत्र में स्कन्द पुराण में उल्लेखित मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत सर्किट के रूप में 48 मंदिरों तथा गुरूद्वारों को चिन्हित किया गया है। जिसमें प्रथम चरण में 16 मंदिरों का सर्किट बनाने हुये अवस्थापना विकास किया जाना प्रस्तावित है।

राज्य में युवाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार प्रदान करने हेतु मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना बनायी जा रही हैजिसके अन्तर्गत ग्लोबल प्लेसमेंट एजेंसी के माध्यम से युवाओं को विदेशों में विशेषकर जापानजर्मनीयू०के० अमेरिकासिंगापुर आस्ट्रेलिया तथा कनाडा में मुख्य रूप से एल्डर केयरनर्सिंगआतिथ्य सत्कारआयुष ( योगध्यान तथा आयुर्वेद) से संबंधित सेक्टर में आकर्षक पैकेज दिलाया जायेगा।

औद्योगिकी एवं रोजगार को बढ़ावा दिये जाने हेतु नई मैगा एवं इण्डस्ट्रियल पॉलिसीप्राइवेट इण्डस्ट्रियल पार्क पॉलिसी एवं कस्टमाइज पैकेज प्रख्यापित की गयी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अक्टूबर-नवम्बर में इन्वेस्टमेंट समिट प्रस्तावित है।

राज्य में नीति आयोगभारत सरकार की तर्ज पर सेतु “ State Institute for Empowering and Transforming Uttarakhand&SETU“ बनाया जा रहा है। पी०एम० गति शक्ति पोर्टल की तर्ज पर राज्य का पी०एम० गतिशक्ति पोर्टल भी  विकसित किया गया है।  स्टार्ट अप नई पॉलिसी जिसमें अन्य सभी लाभ सहित लगभग रू0 200 करोड़ का वेंचर फंड स्थापित किया गया है।  माननीय प्रधानमंत्री जी की 13 फ्लैगशिप  योजनाओं के अन्तर्गत किसान सम्मान निधिस्वामित्व योजनासॉइल हेल्थ कार्ड में शत-प्रतिशत प्रगति एवं प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण में 94 प्रतिशत की प्रगति प्राप्त कर ली गयी है राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार के सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के विजन के दृष्टिगत सोलर पावर पॉलिसी  लाई गयी है। वर्ष 2027 तक 2500 मेगावाट सोलर ऊर्जा क्षमता को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

                  

 

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