देश

केंद्रीय कृषि मंत्री श्री तोमर ने किया वृहद पूसा कृषि विज्ञान मेले का शुभारंभ

कृषि एवं किसान कल्‍याण मंत्रालय

श्री अन्न” को प्रतिष्ठा प्रदान कर छोटे किसानों की ताकत बढ़ाना प्रधानमंत्री श्री मोदी का उद्देश्य- श्री तोमर

3 दिनी आयोजन में हजारों किसान शामिल, स्टार्टअप के स्टाल व तकनीकी प्रदर्शनी भी

02 मार्च 2023 नई दिल्ली से पसूकाभास

भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय पूसा कृषि विज्ञान मेले का शुभारंभ आज केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किया। मेले में हजारों किसानों के साथ ही वैज्ञानिकगण व स्टार्टअप के उद्यमी भी शामिल हुए हैं। इस अवसर पर श्री तोमर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के माध्यम से दुनियाभर में श्री अन्न का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है, जिसके पीछे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य है कि भारत के 86 प्रतिशत छोटे किसानों की ताकत बढ़ें। दिल्ली में प्रधानमंत्री के पद पर बैठकर भी श्री मोदी को गांवों में रह रहे इन छोटे किसानों की चिंता होती है। मोटा अनाज ये छोटे किसान ही उगाते आए हैं, इन्हें समृद्ध करने के लिए प्रधानमंत्री ने मोटे अनाज को “श्री अन्न” नाम से प्रतिष्ठा प्रदान कर अनेक कार्यक्रमों की आयोजना भी की है।

 

मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि छोटे किसानों के सर्वांगीण हित में अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष प्रधानमंत्री श्री मोदी के चिंतन का परिणाम है, उन्होंने ही भारत सरकार की तरफ से संयुक्त राष्ट्र को यह वर्ष घोषित करने का प्रस्ताव भेजा था। प्रधानमंत्री श्री मोदी 18 मार्च 2023 को दिल्ली में होने वाले वृहद समारोह में अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष की विधिवत् लांचिंग करेंगे, जिसमें दुनियाभर के वैज्ञानिक, अन्य प्रतिनिधि व कई देशों के मंत्री शामिल होंगे। श्री तोमर ने पूसा कृषि विज्ञान मेले की थीम श्री अन्न रखने की सराहना करते हुए कहा कि इस मेले के माध्यम से भी किसानों को काफी लाभ मिलेगा। श्री तोमर ने कहा कि इस बार जी-20 की अध्यक्षता प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत के पास है और उन्होंने इसकी थीम रखी है- “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य”। प्रधानमंत्री की दूरदृष्टि से भारत, दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने की ओर अग्रसर हो रहा है। उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान है, कृषक जितनी तरक्की करेगा, जितना समृद्ध होगा, देश उतनी तरक्की करेगा, उतना समृद्ध होगा, भारत को बढ़ाना है तो किसानों की ताकत बढ़ाना होगी।

श्री तोमर ने कहा कि किसानों के परिश्रम, वैज्ञानिकों की कुशलता व सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण हमारी कृषि दुनिया में अव्वल है। देश में खाद्यान्न व बागवानी एवं सम्बद्ध क्षेत्रों में भरपूर उत्पादन हो रहा है और भारत हर क्षेत्र में अग्रणी अवस्था में आ रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि हमारे देश की खेती और उन्नत हो, इस दिशा में आगे भी सभी मिलकर काम करेंगे। कृषि क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना व समाधान करना सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कृषि क्षेत्र की प्रगति के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), इसके संस्थान व कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के वैज्ञानिकों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि किसानों ने इनके अनुसंधान को खेती में अपनाया, जिसके कारण कृषि उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ी है और इसका फायदा देश की अर्थव्यवस्था को भी मिल रहा है। दुनिया के राजनीतिक मंच पर भारत की साख बढ़ रही है, हमसे अपेक्षा भी बढ़ी है, ऐसे में हम सबकी जवाबदारी और बढ़ जाती है। आज भारत का परिदृष्य बदल गया है, अब भारत मांगने वाला देश नहीं है, बल्कि दुनिया हमसे सहयोग की अपेक्षा करती है।

केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने कहा कि खेती को उन्नत बनाने एवं किसानों के कल्याण के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, 10 हजार नए कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन, 1 लाख करोड़ रु. का कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड जैसी अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं प्रारंभ की है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का भी मिलकर सामना व समाधान करने पर जोर दिया।

श्री तोमर ने प्रगतिशील समर्पित किसानों को पुरस्कार प्रदान किए व प्रकाशनों का विमोचन किया। मेले में प्रमुख तकनीकों की विषयगत प्रदर्शनियां लगाई गई है, वहीं शोध संस्थानों, स्टार्टअप व उद्यमियों के स्टॉल भी लगे है, जिनका श्री तोमर ने अवलोकन किया व पूसा संस्थान के खेत भी देंखे। मेले में गेहूं, सरसों, चना, सब्जियों, फूलों, फलों की महत्वपूर्ण किस्मों का जीवंत प्रदर्शन किया गया है। किसानों, उद्यमियों, इनपुट एजेंसियों के स्टॉल भी है, वहीं किसान परामर्श स्टॉल किसानों की समस्याओं के समाधान में मदद कर रहे हैं। कार्यक्रम में आईसीएआर के महानिदेशक व डेयर के सचिव डा. हिमांशु पाठक, आईएआरआई के निदेशक डा. ए.के. सिंह, डा. रवींद्र पड़ारिया सहित अन्य अधिकारी, वैज्ञानिक एवं बड़ी संख्या में किसानबंधु उपस्थित थे।

**

About the author

pyarauttarakhand5