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संसद की देहरी (प्रेस क्लब आफ इंडिया) से उत्तराखंड महिला मंच द्वारा अंकिता भण्डारी हत्याकाण्ड जांच रिपोर्ट जारी करने से फिर गरमाया अतिविशिष्ट गुनाहगार का मामला

उतराखण्ड महिला मंच ने  जारी की अंकिता भण्डारी हत्या जांच रिपोर्ट

देवसिंह रावत

आज 7 फरवरी को देश की संसद में जहां सरकार देश के सम्मान बढाने के कसीदे पढ़ रही थी तो ठीक उसी समय संसद की देहरी  प्रेस क्लब आफ इंडिया के सभागार में देेश के प्रबुद्ध व महिला सम्मान के लिये काम करने वाली महिला नेत्रियां ‘ देश की महिलाओं के साथ ‘अंकिता भण्डारी’ जघन्य काण्ड करने वाले तथाकथित अतिविशिष्ठ गुनाहगार को बचाने के उतराखण्ड में सत्तासीन भाजपा शासन के नापाक हथकण्डे को उजागर कर केंद्र सरकार के दावों को बेनकाब कर रही थी।  उतराखण्ड महिला मंच की और से प्रेस क्लब में आयोजित अंकिता भण्डारी हत्या की जांच रिर्पोट को सर्वोच्च न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर, एडवा नेत्री जगमति सांगवान, देश में चर्चित वामपंथी नेत्री कविता कृष्णन, पीयूसीएल की कविता श्रीवास्तव, एडवा नेत्री मैंमूना मुल्ला व महिला मंच की तरफ से उमा भट्ट ने जारी किया। इस अवसरपर उमा भट्ट ने आशा व्यक्त की कि महिला संगठनों के इस संयुक्त प्रयास से अंकिता भंडारी के हत्यारों को सजा मिलेगी और राष्ट्रीय स्तर पर महिला अधिकारों के आंदोलन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। महिला मंच की ओर से आयोजित इस प्रेस वार्ता का संचालन मल्लिका विर्दी ने किया।
गौरतलब है कि उतराखण्ड के रिषिकेश में सितम्बर 2022 को पौडी गढवाल के श्रीकोट की निवासी अंकिता भंडारी के गायब होने का मामला सामने आया। वह रिषिकेश से लगभग 12-13 किमी दूर चीला बैराज के निकट स्थित वनंतरा रिजोर्ट में स्वागतकर्मी के पद पर कार्यरत थी। उसके परिजनों द्वारा उसके गुमशुद्दी की रिर्पोट करने पर पुलिस द्वााराा रिपोर्ट दर्ज करने में लगातार आनाकानी कीगई और इस घटना के 72 घण्टे के बाद रिपोर्ट दर्ज हुई। इसके बाद 18 सितम्बर को अंकिता भण्डारी की निर्मम हत्या की जानकारीी सामने आई और यह तथ्य सामने आया कि रिर्जा में मौजूद एक अतिविशिष्ट व्यक्ति विशेष सेवा देने से इंकार किये जााने पर रिजार्ट  के मालिक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों कीी मदद से इस निर्मम हत्या को जंजाम दिया। इस हत्या में शामिल मुख्य आरोपी पुलकित आर्य का पिता विनोद आर्य, भाजपा सरकार में पूर्व दर्जाधारी मंत्री रहा है और वर्तमान में भी उसका सत्ता से सीधा संबंध रहा है। इसलिए शुरूआत से ही इस मामले में प्रशासन और पुलिस की भाूमिका संदिग्ध रही है। घटना के पांच दिन बाद चीला नहर से प्राप्त युवती को जिस तरह से जल्दबाजी में जला दिया गया और घटना स्थल पर बुलडोजर चलाया गया, उससे सबूत नष्ट हो गए और कई सवाल अनसुलझे रह गए। संपूर्ण मामले को देखकर स्पष्ट  है कि एक निर्दोष  युवती की निर्मम हत्या को कमजोर और लचर जांच सबूतों को नष्ट कर हत्यारों को बचाने के प्रयास हो रहे हैं।
इन तथ्यों को देखते हुए उतराखण्ड महिला मंच ने राष्ट्रीय स्तर पर महिला अधिकारों के लिए संघर्षरत संगठनों के नेतृत्वकारी साथियों के सावथ संपूर्ण मामले की जांच कर वास्तविकता को सामने लाने का प्रयास किया। जांच दल में उतराखण्ड, उप्र, दिल्ली, हिमाचल, राजस्थान व कर्नाटक से विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही 30सदस्यीय जांच दल ने अलग-अलग समूहों में बंटकर 27 से 29 अक्टूबर को मृतका के गांव डोब श्रीकोट, पौडी गढवाल, रिषिकेश  में घटना स्थलों, अंकिता के माता पिता व उसके गांव के लोगों से, श्रीनगर में आंदोलन कर रहे जनसंगठनों,  रिषिकेश की कोयल घाटी में चल रहे धरना स्थल में आंदोलनकारियों से मुलाकात, घटना स्थल-वनन्तरा रिसोर्ट व आस पास के होटलों, गंगा भोगपुर के ग्रामीणों के साथ बातचीत की। रिषिकेश का वह स्थान जहां अंकिता को नहर में धक्का दिया गया तथा वो स्थान भी जहां अंकिता का शव मिला, सभी स्थानों का भ्रमण और वहां उपस्थित लोगों से बातचीत की। इस संपूर्णा अभियान में जो तथ्य पाये उन्हे लेकर जांच दल ने विस्तृत रिपोर्ट  तैयार की है।
इस कार्यक्रम में स जांच रिर्पोट को इस उम्मीद के साथ पत्रकार व प्रबुद्धजनों के समक्ष रखा गया कि वे जांच रिपोर्ट में ाअए तथ्यों पर विचार करेंगे।
जांच दल ने पाया कि-
1. इस निर्मम हत्याकांड की जांच के लिए बनी एसआईटी ने इस मामले में जांच में जानबूझकर लापरवाही बरती है। वह दबाव में काम कर रही है। इसलिए इस घटना की निष्पक्ष जांच सीइीआई से करवाई जानी चाहिए। उतराखण्ड उच्च न्यायालय द्वारा इस संबंध में सीबीआई जांच के अनुरोध को ठुकराए जाने के बाद मामले की सीबीआई जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने की तैयारी की जा रही है।2.अंकिता की हत्या के बाद उसकी लांश 5 दिन बाद रिषिकेश  स्थित चीला नहर पर चीला बैराज में बरामद हुई। प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार उसे सरीर में चोट के निशाान थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतका की डूबने से मौत होना बताया गया। लेकिन उसके साथ बलात्कार हुआ या नहीं, किसी तरह की ज्यादती हुई या नहीं, इस बात की जांच नहीं की गई।
3. वनंतरा रिजाॅर्ट , आयुर्वेदिक फैक्टरी के साथ यहां अवैध रूप से चलाया जा रहा था। इस हत्याकांड में एक अति विशिष्ट व्यक्ति की संलग्नता की बात भी बार बार सामने आ रही थी, लेकिन पुलिस ने इस संदर्भ में किसी तरह की जांच करने की जरूरत नहीं समझी। यही नहीं स्थानीय विधायक रेनू बिष्ट के दशारे पर जिस तरह मृतका अंकिता भंडारी के कमरे वाले हिस्से में बुलडोजर चलाया गया, वह स्पष्ट तौर पर साक्ष्य मिटाने की कोशिश थी। लेकिन इस विषय में भी पुलिस-प्रशासन के स्तर पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।4. एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि सभी कार्यस्थलों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशाखा गाइडलाइन लागू किए जाने के निर्देशों के बाबजूद उतराखण्ड में पर्यटन क्षेत्र में इसे लागू नहीं किया गया है। यही नहीं एक दुखद तथ्य यह भाी है कि कई होटल/रिजार्ट  मालिकों, कर्मचारियों को विशाखा गाइडलाइन के विषय में कोई जानकारी नहीं है।
अपनी रिपोर्ट में आये तथ्यों के दृष्टिगत  जांच दल के सदस्यों ने विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों-पुलिस प्रमुख उतराखण्ड, एसआईटी प्रमुख् पी रणुका देवी, अपर सचिव पर्यटक, उप निदेशक पर्यटक, मुख्य सचिव उतराखण्ड, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष से मुलाकात की और अपने ज्ञापन उन्हें सौंपते हुये मांग की गई कि अंकिता की निर्मम हत्या के मामले में बिना किसी प्रभाव के निष्पक्ष  और त्वरित कार्यवाही की जाय तथा इस तरह के मामले आगे न हों इसके लिये ठाोस सुरक्षात्मक उपायों के संबंधित विभागों को निर्देशित किया जाय।
मुख्य सचिव से कार्यस्थल में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित किये जाने की मांग की गई। साथ ही पर्यटन उद्योग में महिलओं की भागीदारी बढाने के विशेष प्रयासों के साथ उन्हें सुरक्षित व सम्मानजनक माहौल देने व सभी सरकारी/गैरसरकारी कार्यस्थलों पर महिला सुरक्षा के लिये विशाखा गाइडलाइन का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाये।

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