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ताइवान प्रकरण में आकंठ घिरा चीन,सीमा के समीप भारत अमेरिका संयुक्त युद्धाभ्यास से बौखलाया

चीन को मुहतोड जवाब देगा भारत
देवसिंह रावत
नई दिल्ली 01दिसम्बर 2022
भारत की चीन से लगी सीमा उतराखण्ड में 19 नवम्बर से भारत व अमेरिका की सेना ने दो सप्ताह तक चलने वाला संयुक्त युद्धाभ्यास शुरू क्या किया कि ताइवान प्रकरण में आकण्ठ घिर चूके चीन बुरी तरह से बौखला गया है। अपनी सीमा के समीप चल रहे भारत अमेरिका  के इस संयुक्त युद्धाभ्यास के 18वें दौर पर तीब्र प्रतिक्रिया करते हुये चीन ने इसे भारत द्वारा चीन के साथ पूर्व में हुये आपसी  समझौते के हनन का आरोप लगाया। चीन के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस सैन्य अभ्यास को भारत व चीन के बीच 1993 व 1996 में हुये समझोते का उल्लंघन बताया। परन्तु भारत को पूर्व में हुये समझौतों का आइना दिखाने वाला चीन भूल गया कि उसने खुद इन दोनों समझोतों को कुछ साल पहले ही भारतीय क्षेत्रों में अतिक्रमण व सैन्य झडप करके पहले ही तोड चूका है। जहां तक रही बात भारत व अमेरिका के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास की तो वह 2004 से हर साल आयोजित की जाती है और यह सेनाओं की क्षमता व चुनौतियों का मुकाबला बेहतर ढंग से करने के लिये किया जाता है। उल्लेखनीय है कि यह युद्धाभ्यास वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब होने से चीन बौखलाया हुआ है। चीन की बौखलाहट का मुख्य कारण इस समय ताइवान प्रकरण में बुरी तरह से अमेरिका व उसके साथियों के क्वाड चक्रव्यूह में फंसने के कारण भी है। यह जग जाहिर है कि चीन ने भारत सहित अधिकांश पडोसी देशों के साथ संबंध तनावपूर्ण हैै। चीन जब भारत विरोधी पाकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास करता है या वह भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय आतंकियों का संयुक्त राष्ट्र में भी बेशर्मी से बचाव कर संरक्षण करता है तो उस समय चीन को भारत के साथ हुये समझौते की याद नहीं आती। उसे तब नहीं दिखाई देता है कि आतंकी देश व आतंकियों का समर्थन करके वह पूरे विश्व के अमन चैन को तबाह कर खुद अपने पैरों में कुल्हाडी मारने का आत्मघाती कृत्य कर रहा है। आज चीन को नीति व पडोसी तब याद आ रहे हैं जब वह अमेरिका के चक्रव्यूह में पूरे विश्व में खुद को अलग थलग पा रहा है। चीन ने दो साल पहले ही भारत की सीमा पर जो अतिक्रमण किया व सैन्य झडप की उसका खमियाजा तो चीन को भोगना ही पडेगा। चीन किसी मुगालते में न रहे कि नेहरू राज के जमाने में उसने जिस प्रकार से भारत के पंचशील रूपि मैत्री प्रस्ताव की आड में जो  विश्वासघात करके जिस प्रकार से चीन ने भारत की हजारों वर्ग किमी भू भाग कब्जा कर रखा है और पाकिस्तान द्वारा हजारों वर्ग किमी हडपे गये भारतीय भू भाग भी चीन ने जो निर्माण कार्य किये उसे भारत कैसे भूल सकता है। देर सबेर भारत अपने भू भाग सहित चीन के भारतद्रोही कृत्यों का मुहतोड जवाब देगा।

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