उत्तराखंड

राजधानी गैरसैण सहित राज्य गठन की जनाकांक्षाओं को साकार करने से ही मजबूत होगी उत्तराखंड की संस्कृति धामी जी

मुख्यमंत्री धामी ने कैणसी बग्वाल/ईगास-बग्वाल को अवकाश की घोषणा  करते हुये नई पीढ़ी से किया लोक संस्कृति और पारम्परिक त्योहारों से जुडने का आवाहन

प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम एवं उत्तराखंड सूचना केंद्र

उत्तराखण्ड के लोकपर्व कैणसी बग्वाल/ ईगास-बग्वाल* को लेकर मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने राजकीय अवकाश की घोषणा की है। यह दूसरा मौक़ा होगा जब उत्तराखण्ड में लोकपर्व ईगास को लेकर अवकाश घोषित किया गया हो। इससे पूर्व पिछले वर्ष भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा ईगास बग्वाल पर राजकीय अवकाश की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईगास बग्वाल उत्तराखण्ड वासियों के लिए एक विशेष स्थान रखती है। यह हमारी लोक संस्कृति का प्रतीक है। हम सब का प्रयास होना चाहिए कि अपनी सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को जीवित रखें। नई पीढ़ी हमारी लोक संस्कृति और पारम्परिक त्योहारों से जुङी रहे, ये हमारा उद्देश्य है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस आह्वान पर त्वरित प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन के वरिष्ठ आंदोलनकारी देव सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा युवाओं सहित नई पीढ़ी से कैणसी बग्वाल आदि लोक पर्व व उत्तराखंडी संस्कृति से जुड़ने का आह्वान स्वागत योग्य है परंतु उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सहित प्रदेश के हुक्मरानों को यह नहीं भूलना चाहिए कि उत्तराखंड के लोगों ने अब तक की शताब्दियों के इतिहास में पहली बार राव मुलायम जैसे उत्तराखंड व भारतीय संस्कृति के विरोधी सरकारों का दमन सहकर भी जिस उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया था, वह किसी तिवारी या धामी आदि को मुख्यमंत्री बनाने के लिए नहीं अपितु भारतीय संस्कृति  उद्गम स्थली उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत व सम्मान की रक्षा के लिए ही गठित किया गया था। इतने बलिदानों को संघर्षों के बाद उत्तराखंड की संस्कृति की रक्षा के लिए जिन जन आकांक्षाओं को साकार करने के लिए उत्तराखंड के लोगों ने  उत्तराखंड राज्य गठन का आंदोलन किया था। उन जन आकांक्षाओं में राजधानी गैरसैण बनाना, मुजफ्फरनगर कांड आदि के गुनाहगारों को दंडित कराना, मूल निवास, हिमाचल सा भू कानून, जनसंख्या पर आधारित विधानसभा की परिसीमन पर अंकुश लगाना व  अपराधियों  भ्रष्टाचारियों अंकुश लगाते हुए सुशासन स्थापित  करना है नी जन आकांक्षाओं को साकार  करके उत्तराखंड की सांस्कृतिक को सम्मान की रक्षा की जा सकती है। परंतु दुर्भाग्य है उत्तराखंड की 22 साल की सरकारों ने पदलोलुपता के कारण निर्ममता से इन जानाकांक्षाओं की उपेक्षा करके उत्तराखंड को भ्रष्टाचारियों और अपराधियों का अभ्यारण बनाकर जनता की आशाओं पर वज्रपात किया है। श्री रावत ने आशा प्रकट की कि मुख्यमंत्री इस दिशा में कार्य कर उत्तराखंड की आशाओं को साकार करने का काम करेंगे।

उल्लेखनीय है कि आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट द्वारा यह जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “आवा! हम सब्बि मिलके इगास मनोला नई पीढ़ी ते अपणी लोक संस्कृति से जुड़ोला। लोकपर्व ‘इगास’ हमारु लोक संस्कृति कु प्रतीक च। ये पर्व तें और खास बनोण का वास्ता ये दिन हमारा राज्य मा छुट्टी रालि, ताकि हम सब्बि ये त्योहार तै अपणा कुटुंब, गौं मा धूमधाम से मने सको । हमारि नई पीढी भी हमारा पारंपरिक त्यौहारों से जुणि रौ, यु हमारु उद्देश्य च।”

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