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केदारनाथ में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 7मरे , शिव की कृपा से बची श्रीमती रतूड़ी की जान

 

प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले बिगड़े मौसम के मिजाज से दिल्ली में हड़कंप

 

प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम

केदारनाथ धाम में आज प्रातः हुई एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में 7 लोगों के मारे जाने की खबर है। इस दुर्घटना के पीछे संभावित कारणों में खराब मौसम भी बताया जा रहा है। सरकार ने इस दुर्घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं ।राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक प्रकट किया और मृतक परिजनों को अपनी संवेदना प्रकट की।
खबरिया संवाद सेवा एएनआई व अन्य सूत्रों के अनुसार यह दुर्घटना घटित हुई।  सूत्रों के अनुसार दुर्घटनागस्त होलीकॉप्टर आर्यन कंपनी का था।
केदारनाथ से लौट रहा हेलिकॉप्टर गरूडचट्टी के पास क्रैश हुआ। आर्यन कंपनी के हेलीकॉप्टर में पायलट समेत 7 लोग सवार थे।
इस दुर्घटना की खबर के बाद प्रधानमंत्री की संभावित 21व 22 अक्टूबर 2022की केदारनाथ और बदरी नाथ धाम की यात्रा की तैयारियों को देखते हुए यात्रा प्रबंध में जुटे अधिकारी भी प्रधानमंत्री की इस यात्रा में बदलते हुए मौसम के कारण चिंतित हैं।
वहीं दूसरी तरफ केदारनाथ धाम में भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचे उत्तराखंड आंदोलनकारी राजेंद्र रतूड़ी की धर्मपत्नी जो अपनी सहेलियों के साथ केदारनाथ धाम में कल से हॉलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध ना होने के कारण बेहद परेशान थी। पहले उन्होंने भी इसी हेलीकॉप्टर सेवा से वापसी का मन बनाया था ।परंतु कारणवश उन्होंने अपनी यात्रा होलीकॉप्टर से करने के बजाय घोड़ों से यात्रा करने के निर्णय लिया। जैसे ही अभी कुछ देर पहले आंदोलनकारी साथी हरि पाल रावत ने इस दुर्घटना की सूचना मुझे दूरभाष पर दी, तो तो मैंने तत्काल अपने मित्र राजेंद्र रतूड़ी से दूरभाष पर बात करके स्थिति का पता किया ।तो उन्होंने यह बताया कि उन्होंने अंतिम समय पर हॉलिकॉप्टर के बजाय घोड़ों से  केदारनाथ धाम से वापसी की यात्रा करने का निश्चय कर दिया था। हालांकि  वह हेलीकॉप्टर से ही केदारनाथ दर्शन करने पहुंचे थे ।परंतु हॉलिकॉप्टर सेवा द्वारा वापसी का प्रबंध न किए जाने के कारण कल दिन भर केदारनाथ में होली कॉप्टर सेवा की प्रबंध के लिए जुटे हुए थे। खुद राजेंद्र रतूड़ी, दिल्ली प्रेस क्लब से अपने सूत्रों के द्वारा किसी भी हॉलिकॉप्टर सेवा से केदारनाथ से वापसी का प्रबंध करने में जुटे हुए थे। भगवान केदारनाथ की असीम कृपा से उनके हेलीकॉप्टर सेवा के बजाय घोड़ों से वापसी के निर्णय के कारण उनको एक प्रकार से जीवन दान मिल गया।
आंदोलनकारी साथी हरिपाल रावत ने बताया कि अधिकांश निजी हेलीकाप्टर सेवाएं जब तक तीर्थ यात्रियों की भारी भीड़ रहती है तभी तक अपनी सेवाएं उपलब्ध कराती हैं जैसे ही भीड़ कम होने बैठ जाती है वह अपनी सेवाएं स्थगित कर देते हैं और इससे यात्रियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है ।उसके बाद यात्रियों के पास केवल सरकारी हेलीकॉप्टर सेवा ही एकमात्र विकल्प बचता है। केदारनाथ जैसे संवेदनशील क्षेत्र में हेलीकॉप्टर सेवा बहुत ही सावधानी से संचालित करनी पड़ती है केदारनाथ त्रासदी 2013 के समय भी बचाव कार्यों में लगा एक होलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

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