उत्तराखंड देश हिमाचल प्रदेश

डबल इंजन की सरकार में उत्तराखंड की दुर्दशा देखकर हिमाचल में कैसे चढ़ेगा भाजपा का जादू?

 

हिमाचल में बजी विधानसभा चुनाव की रणभेरी, 12 नवंबर को मतदान व 8 दिसंबर को होगी मतगणना

 

देव सिंह रावत

भारत की चुनाव आयोग ने भले ही कल 15 अक्टूबर 2022 को हिमाचल विधानसभा के आम चुनाव की रणभेरी बजा कर 12 नवंबर को मतदान व 8 दिसंबर को होगी मतगणना करने का शंखनाद कर दिया हो।परंतु इस चुनावी जंग में ताल ठोक रहे सत्तारूढ़ भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी कई महीनों से हिमाचल प्रदेश की विधानसभा चुनाव में जनादेश अर्जित करने के लिए दिन रात जन जन संपर्क कर अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। यहां भाजपा एक तरफ हिमाचल में उत्तराखंड की तरह फिर से सत्तासीन होने का दावा कर रही है। वही कांग्रेस को पूरा विश्वास है कि हिमाचली की जागरूक जनता और यहां की राजनीतिक परंपरा के अनुसार इस बार कांग्रेस की सरकार बनेगी। यहां भाजपा व कांग्रेस के बीच हो रहे सत्ता के संघर्ष में इस बार आम आदमी पार्टी भी हिमाचल में ताल ठोक रही है परंतु यह सर्वविदित है उत्तराखंड की तरह हिमाचल व गुजरात में आम आदमी पार्टी अपना खाता भी खोलने की स्थिति में नहीं है परंतु आम आदमी पार्टी की उपस्थिति से भाजपा की फिर सत्ता वापसी की राह आसान हो सकती है।

भाजपा भले ही प्रधानमंत्री मोदी सहित भाजपा की तमाम नेता हिमाचल में उत्तराखंड की तरह ही फिर से भाजपा की डबल इंजन की सरकार सत्ता सीन होने का दावा कर रहे हों परंतु हिमाचल की जागरूक जनता, जिसने परमार से लेकर वीरभद्र तक की रहनुमाई में हिमाचल को विकास व खुशहाली की पगडंडी पर चढ़ते हुए देखा। वह अपने पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में भाजपा की डबल इंजन की सरकार के राज में जनता की हो रही दुर्दशा को देखकर भाजपा आला नेताओं के लुभाने वाले बयानों पर विश्वास करने को रत्ती भर भी तैयार नहीं है।
प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि अब हिमाचल वाले हक नहीं मांगते, दिल्ली में हक जताते हैं और हमें आदेश देते हैं। जनता-जनार्दन के इस आदेश को मैं अपना सौभाग्य समझता हूं।

हिमाचल की जनता इस बार रिवाज बदल कर फिर से भाजपा को चुनने का मन बना चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पूरे विश्वास से कहा कि पहले लोगों का कहना था- ‘पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी, पहाड़ के काम नहीं आती।’
आज के नए भारत में ‘पहाड़ का पानी, पहाड़ की जवानी, पहाड़ की विकास की यात्रा को आगे बढ़ा रहे हैं।’
हिमाचल वासियों को आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जितने विकास कार्यों का उपहार, हिमाचल को एक दौर में मिलता है,
उतना पहले की सरकारों के समय कोई सोच भी नहीं सकता था।
पिछले 8 वर्षों में पूरे देश के पहाड़ी क्षेत्रों में, दुर्गम इलाकों में, जनजातीय क्षेत्रों में तेज विकास का एक महायज्ञ चल रहा है।अटकाना, लटकाना, भटकाना और भूल जाना, ये हमारा रास्ता नहीं है।
हम निर्णय करते हैं, संकल्प करते हैं, पूर्ति करते हैं और परिणाम भी लाकर दिखाते हैं।
पहले की सरकारों ने देवभूमि की जनता की आंखों में सिर्फ धूल झोंकी, रत्ती भर भी काम नहीं किया।
हिमाचल में रेल सेवा का विस्तार और उसको आधुनिक बनाने के लिए डबल इंजन सरकार लगातार काम कर रही है।

भारतीय जनता पार्टी को केंद्र शासित राज्यों तक सत्तासीन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भाजपा के चाणक्य आला रणनीतिकार अमित शाह ने हिमाचल_में_फिर_भाजपा के अभियान के तहत जोर देकर कहा कि
हिमाचल प्रदेश में एक नया रिवाज बनने जा रहा है,
एक बार भाजपा, बार-बार भाजपा।
हिमाचल प्रदेश में एक नया रिवाज बनने जा रहा है, एक बार भाजपा, बार-बार भाजपा।

कोई नई बात नहीं है, पहाड़ी के उस ओर उत्तराखंड में कांग्रेसी कहते थे, रिवाज है, अब हमारी बारी है।
लेकिन कोई रिवाज नहीं चला, दो तिहाई ब​हुमत के साथ भाजपा की सरकार बनी।

देवभूमि हिमाचल में भाजपा की प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनना तय है।”
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री शाह ने सिरमौर, हिमाचल प्रदेश में ‘हाटी आभार रैली’ को संबोधित किया।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हाटी समुदाय को मोदी जी ने अनुसूचित जनजाति का दर्जा देकर 55 वर्षों के संघर्ष को समाप्त कर दिया।
मोदी जी आपकी तकलीफ समझते हैं, क्योंकि वर्षों तक उन्होंने यहां संगठन का काम किया है।वो हमेशा कहते हैं, हिमाचल मेरा है।

भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष जेपी नड्डा जिनकी नजर दशकों से हिमाचल के मुख्यमंत्री के पद पर लगी है वह हुंकार भरते हैं कि भाजपा में आज लोक सभा में 302 एमपी हैं।
राज्य सभा में 92 सांसद हैं, हमारे 1,395 विधायक हैं।
देश के 18 राज्यों में राजग की सरकार है, जिसमें 12 में पूर्ण बहुमत से भाजपा सरकार है।

चुनाव आयोग द्वारा जारी की गई सूचना के अनुसार 12 नवंबर को हिमाचल की सभी विधानसभा चुनाव क्षेत्रों में मतदान होगा । इसकी मतगणना लंबे समय बाद यानी गुजरात चुनाव में मतदान के बाद 8 दिसंबर को मतगणना की जाएगी। 17 अक्टूबर को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन प्रारंभ होगा। 25 अक्टूबर को नामांकन की अंतिम तिथि है।
68 सदस्यीय हिमाचल विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 8 जनवरी 2023 तक है। इस विधानसभा चुनाव के लिए हिमाचल के 13 जिलों में 5507261 मतदाता हैं। पहली बार मतदाता बने 18 वर्षीय युवाओं की संख्या 186681 का है। 80 साल से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 122087 है।
इस विधानसभा चुनाव के लिए 7881 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। ग्रामीण मतदान केंद्रों की संख्या 7235 है। तथा शहरी मतदान केंद्र 646 हैं। हिमाचल विधानसभा के 48 विधानसभा क्षेत्र सामान्य, 17 अजा व 3 अजजा के लिए आरक्षित हैं।
अब 12 नवंबर को हिमाचल की जनता यह फैसला करेगी कि किस के सर पर वह हिमाचल का ताज पहनायेगी। अगर विधानसभा चुनाव में भाजपा विजय होती है तो मुख्यमंत्री कोन बनेगा, धूमल होंगे या जय राम। जनता इसी दुविधा में रहेगी। वहीं अगर कांग्रेस जीतती है तो सर्वमान्य नेता वीरभद्र की अनुपस्थिति में कॉन्ग्रेस उनकी धर्मपत्नी को मुख्यमंत्री बनाएगी या किसी और को। कांग्रेस के पास वीरभद्र सा मजबूत चेहरा ना होने से भारतीय जनता पार्टी को लाभ मिल सकता है। वहीं चुनाव प्रचार में कांग्रेस का केंद्रीय कमान के अनिर्णय की स्थिति में कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इन सभी सवालों का जवाब मतदान के बाद होने वाली मतगणना के परिणामों से ही ज्ञात होगा।

About the author

pyarauttarakhand5