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भारत विरोधी अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र को ध्वस्थ करने के लिए मोदी बना सकते है आरिफ खान को राष्ट्रपति!


राष्ट्रपति चुनाव की अधिसूचना जारी, ,18 जुलाई को मतदानए 21 जुलाई को मतगणना व 25 जुलाई को शपथ ग्रहण

देवसिंह रावत

आज जैसे ही भारत के चुनाव आयोग ने नये राष्ट्रपति के चयन के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी की। वैसे ही देश विदेश के जागरूक राजनेताओं के साथ आम भारतीय जनमानस के मन में एक ही प्रश्न बार बार उठा कि कोन होेगा भारत का नया राष्ट्रपति । देश की वर्तमान स्थिति पर गहरी नजर रखने वाले व मोदी की राजनीति को भांपने वाले मर्मज्ञों को मानना है कि इस बार किसी मुस्लिम को देश का राष्ट्रपति बनाया जा सकता है। भले ही वर्तमान उप राष्ट्रपति नायडू, आडवाणी, आनंदी बहन पटेल आदि का नाम चर्चा में है। इसमें संभव है कि केरल के वर्तमान राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का नाम वर्तमान विश्व के ताजा घटनाक्रम के अनुसार सबसे उपयुक्त नजर आता है। जिस षडयंत्र के तहत पाकिस्तान सहित भारत विरोधी ताकतें भारत को मुस्लिम विरोधी सिद्ध करने के लिए इन दिनों हाय तोबा मचा रहे है। उस षडयंत्र का मुंहतोड जवाब देने के लिए मोदी जी की तरकश में इस समय इस्लाम के मर्मज्ञ व वरिष्ठ राजनेता आरिफ मोहम्मद खान से बेहतर हैं।
भारत के नये राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज 9 जून 2022 को भारत चुनाव आयोग ने शंखनाद किया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 3 बजे आयोजित इस विशेष प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव ने राष्ट्रपति चुनाव के कार्यक्रम जारी किया। इसके अनुसार 15 जून 2022  राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन शुरू किया जायेगा। नामांकन भरने की अंतिम तिथि 29 जून 2022 होगी। नामांकन पत्रों की जांच 30 जून 2022 को होगी। 02 जुलाई 2022 को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि तय की गयी। चुनाव जरूरी हुआ तो 18 जुलाई 2022 को मतदान किया जायेगा। मतगणना की तिथि 21 जुलाई 2022 को तय की गयी। वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई 2022 को खत्म हो रहा है। इस लिए नये राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ ग्रहण होगा।  इस अवसर पर उनके साथ चुनाव आयुक्त अनुपचंद्र पाण्डे प्रेस वार्ता में उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव अधिनियम 1952 की धारा 4 की उप धारा 1 के तहत भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कार्यक्रम जारी करता है।  वर्तमान राष्ट्रपति का चुनाव 17 जुलाई 2017 को सम्पन्न हुआ था।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए उम्मीदवार को भारतीय नागरिक होने के साथ उम्र कम से कम 35 साल होनी चाहिए। उसमें लोकसभा सांसद होने की पात्रता के साथ किसी भी लाभ के पद पर न होना चाहिए। उसकी उम्मीदवारी के समर्थन में कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 समर्थक विधायक होने चाहिए.। 50 प्रस्तावक व 50 समर्थक विधायकों की शर्त के कारण इस चुनाव में गैर गंभीर उम्मीदवारों पर अंकुश लगा। अमेरिकी राष्ट्रपति पर जहां कार्यकाल की सीमा तय है परन्तु भारत में राष्ट्रपति  व प्रधानमंत्री पर कार्यकाल की सीमा की कोई पाबंदी नहीं है।
चुनाव आयोग के अनुसार इस बार मतदान के लिए विशेष स्याही वाले पेन से मतदान किया जायेगा। इसको चुनाव आयोग ही उपलब्ध करायेगा। इस चुनाव में मतदाता को इस चुनाव के उम्मीदार को अपना मत देते समय उनके क्रमांक की संख्या लिखना होगा नहीं तो मतदाता का मत रद्द माना जायेगा। राष्ट्रपति चुनाव के प्रभारी राज्यसभा के महासचिव होंगे। कोई भी दल इस चुनाव में अपने मतदाताओं (सांसदों व विधायकों ) को मतदान देने के लिए विशेष निर्देश (व्हिप)नहीं जारी कर सकता है।
यह जग जाहिर है कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदाता आम मतदाता न हो कर केवल जनता द्वारा चुने गए (लोकसभा, राज्यसभा व विधानसभा) प्रतिनिधि ही मतदाता होते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में मनोनीत प्रतिनिधियों व विधानसभा परिषद के सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं है। अगर किसी राज्य का मुख्यमंत्री/मंत्री आदि विधान परिषद का सदस्य है तो वे भी इस चुनाव में मतदान के पात्र नहीं होंगे।
राष्ट्रपति चुनाव के मतदान केंद्र संसद व राज्यों की विधानसभायें होगी। परन्तु इसकी मतगणना दिल्ली में संसद भवन परिसर में होगी. इसके लिए राज्यों से सभी मतदान पेटियां संसद भवन में मतगणना के लिए लाई  जायेगी। अब इसी पखवाडे साफ हो जायेगा कि भारत का नया राष्ट्रपति कोन बनेगा। वर्तमान राष्ट्रपति को शायद ही दूबारा अवसर मिले। जिस ढंग से प्रधानमंत्री मोदी जी वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पैतृक गांव में खुद गये उससे साफ संकेत मिलते हैं कि अंतरराष्ट्रीय घटनाचक्र को देखते हुए वह एक प्रकार से उनको विदाई दे रहे है।

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