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दंगाइयों व कट्टरपंथियों पर उप्र में कड़ा अंकुश लगाकर योगी शासन बन गया है देश के लिए एक नजीर

 

उप्र सरकार अलविदा नमाज़, रमजान रामनवमी व हनुमान जयंती आदि को शांतिपूर्ण मनाने व धार्मिक स्थलों से हजारों ध्वनि प्रसारक भोंपू हटाने व सड़क पर नमाज रोकने में पाई सफलता

प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम से देव सिंह रावत

देश जहां एक तरफ कोरोना महामारी के साथ महंगाई,बेरोजगारी, भ्रष्टाचार आदि के दंश से झुलस रहा है। इन समस्याओं से जूझने के लिए केंद्र व प्रांतीय सरकारें अपने अलग-अलग दावे करती रहती हैं। कोरोना महामारी पर भारत में एक प्रकार से सफल टीकाकरण करके सरकार ने अंकुश लगाने में सफलता अर्जित की है। केवल सरकारों की उदासीनता के कारण चिकित्सा माफिया ही इस बीमारी के नाम पर जनता का भय दोहन कर रहे हैं। परंतु महंगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में देश की अधिकांश सरकारें असफल रही हैं।

वहीं दूसरी तरफ विदेशी ताकतों की शह पर भारत द्रोही, आतंकवादी, अलगाववादी व कट्टरपंथी तत्व एकजुट होकर देश की एकता अखंडता, अमन चैन व विकास पर ग्रहण लगाने के लिए देश को दंगों की भट्ठी में झोंकने का नापाक कृत्य कर रहे हैं। भारत में जिस प्रकार से रामनवमी व हनुमान जयंती आदि के पावन पर्व पर निकाली जाने वाली शोभायात्रा पर मध्य प्रदेश, झारखंड, दिल्ली सहित अनेक राज्यों में पत्थरबाजी आगजनी व हिंसा की वारदातें हुई वह देश के अमन-चैन पर सबसे बड़ा खतरा बन मंडराने लगा। देश के जागरूक नागरिक इस बात से भी चिंतित थे कि किस प्रकार से अंध तुष्टिकरण में लिप्त बंगाल, राजस्थान, गुजरात, उत्तराखंड,महाराष्ट्र व दिल्ली की सरकारें अपनी सत्ता लोलुपता के लिए देश के लिए गंभीर खतरे खडे कर रहे हैं।
भारत की एकता अखंडता के लिए सबसे बडा खतरा बनी इस समस्या के निदान के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जो सराहनीय कार्य किए वे देश की अन्य सरकारों के लिए एक नजीर बन गया है। सभी इस बात से हैरान थे कि आखिर सात आठ साल पहले जो उत्तर प्रदेश भारत में दंगा प्रदेश के नाम से कुख्यात था वहां योगी के सत्तासीन होने के बाद इस प्रकार की कोई वारदात सामने नहीं आई।
जहां इस मामले पर अधिकांश सरकारें चुनावी हार जीत के नजरिए से अंध तुष्टिकरण अपनाकर देशद्रोहियों को मुंह कट्टरपंथियों पर कड़ा अंकुश लगाने के के बजाय उन को प्रोत्साहन देकर देश को पाकिस्तान व सीरिया बनाने के लिए उतारू हैं।
अपने दूसरे कार्यकाल में भी योगी सरकार ने अपराधियों माफियाओं व देशद्रोहियों पर बज्रपात जारी रखते हुए सभी संप्रदायों कि धर्म गुरुओं की सहमति बनायी कि प्रदेश में कोई भी शोभायात्रा/धार्मिक जुलूस बिना प्रशासनिक अनुमति के न निकाले जाएं।

इस संबंध में आयोजकों से पूर्व में ही शांति व सौहार्द बनाए रखने हेतु शपथ-पत्र लिया जाए। इसके साथ प्रत्येक स्तर पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जवाबदेही तय की जाए।

महाराष्ट्र सहित देश के अनेक राज्यों में आम जनता धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाने वाले ध्वनि प्रसारण यंत्रों यानी लाउडस्पीकर से बेहद परेशान है। इस मामले में योगी सरकार ने देश पीली मार्गदर्शक का काम करते हुए प्रदेश में ऐसा नियम बनाया कि पूर्व अनुमति से जहां माइक लगे हैं, वहां माइक का प्रयोग किया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि माइक की आवाज उस परिसर से बाहर न आए।
योगी सरकार ने प्रशासन को साफ निर्देश दिये कि नये स्थानों पर नए ध्वनि प्रसारण यंत्रों लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के आदेश का पालन पुलिस के स्तर पर कराया जा रहा है। इसके तहत प्रदेश के धार्मिक स्थलों (मस्जिद मंदिर गुरुद्वारों व चर्च) या अन्य स्थानों पर अवैध रूप से लगाए गए 50 हजार से अधिक लाउडस्पीकर को हटा दिया तथा 60 हजार से अधिक लाउडस्पीकर की आवाज उच्च न्यायालय की आदेश का पालन करते हुए धीमी कराई गई है।

इसके साथ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मुस्लिम धर्म गुरुओं के इस सहयोग से पहली बार उत्तर प्रदेश में रमजान माह की विदाई की अलविदा नमाज सड़कों की बजाज मस्जिदों में ही कराने की ऐतिहासिक सफलता अर्जित की।
पूरे देश की जनता योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में सभी संप्रदायों के सहयोग से प्रदेश को दंगा मुक्त व ध्वनि प्रदूषण से मुक्त करने में जो महत्वपूर्ण सफलता अर्जित की उसकी मुक्त कंठ से सराहना कर रही है। वहीं देश की जनता यह देखकर हैरान है कि विपक्षी दल खासकर कांग्रेस जिस प्रकार से राजस्थान में सड़कों में गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेसी सरकार ने अंध तुष्टिकरण जारी रखते हुए कई सड़कों पर न केवल नमाज की व्यवस्था कराई अपितु सड़कों पर ध्वनि प्रचारकों को भी लगाया। गहलोत सरकार ने इस कार्य से जनता को होने वाली परेशानी को अपने स्वार्थ के लिए नजरअंदाज किया। राजस्थान में जिस प्रकार से धार्मिक स्तर पर शासन द्वारा भेदभाव किया जा रहा है वह कांग्रेस व प्रदेश के लिए कहीं हितकर साबित नहीं होगा।

संसार में जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अपने इसी सुशासन के दम पर मुख्यमंत्री योगी ने 2022 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक सफलता अर्जित कर के कई कीर्तिमान स्थापित किए। योगी सरकार की सत्तासीन होने से पहले उत्तर प्रदेश में जातिवादी, परिवारवादी, भ्रष्टाचार व अपराधियों के शिकंजे में जकडा हुआ था। इससे उत्तर प्रदेश में शासन व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी थी। विकास की गतिविधियां दम तोड़ चुकी थी। भाजपा के आला नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरपरस्ती में अपने प्रथम कार्यकाल में ही अपने कुशल प्रशासन से जहां मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने अपराधियों, माफियाओं पर कड़ा अंकुश लगाकर उत्तर प्रदेश को भय मुक्त शासन देने का सराहनीय कार्य किया। वहीं उत्तर प्रदेश में सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाकर सरकारी सेवाओं में भर्ती अभियानों को सफल ता पूर्वक संचालन कर बेरोजगारों के लिए आशा की किरण भी बने। इसके अलावा योगीराज में दंगा प्रदेश के नाम पर कुख्यात हो चुका उत्तर प्रदेश भी दंगा मुक्त हो गया जिससे प्रदेश व देश वासियों ने चैन की सांस ली। योगीराज के कुशल प्रशासन को देखकर उत्तर प्रदेश की जनता ने जातिवाद परिवारवाद व धार्मिक संकीर्णता फैलाने वाली राजनीतिक पार्टियों की तमाम नापाक कोशिशों व प्रलोभनों को ठुकरा कर प्रदेश देश के कल्याण के लिए आदित्यनाथ योगी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत से विजय बनाया।
विगत 4 दशकों में वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे जो विधानसभा चुनाव में पुनः जीतकर सत्तासीन हुए। कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी सरकार की देश में ही नहीं पूरे विश्व में मुक्त कंठ से सराहना की गई ।यही नहीं भारत को फूटी आंख से न देखने वाले पाकिस्तान के समाचार जगत ने भी पाकिस्तान से अधिक जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी में भी पाकिस्तान सरकार से कहीं अधिक बेहतर कुशल शासन देने के लिए योगी नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की भूरी भूरी प्रशंसा की।
इस प्रकार उत्तर प्रदेश में अपने सुशासन से आदित्यनाथ योगी ने साबित कर दिया की अगर शासन ईमानदारी से कार्य करें तो कोई भी देशद्रोही कट्टरपंथी अपराधी व माफिया सर नहीं उठा सकता है। जिस प्रकार से आदित्यनाथ योगी की सरकार ने अभी हाल में अयोध्या में धार्मिक सौहार्द को समाप्त करने के लिए किए जा रहे एक षड्यंत्र को कठोरता से बेनकाब किया उसका पूरे देश में सराहना हो रही है खासकर मुस्लिम समाज आदित्यनाथ योगी सरकार द्वारा ऐसे असामाजिक तत्वों पर त्वरित कार्रवाई करके प्रत्येक की अमन-चैन की रक्षा करने का जो दायित्व बखूबी से निभाया उसकी मुक्त कंठ से सराहना कर रहा है।
योगी सरकार की सफलताओं से खुश होकर महाराष्ट्र के तेजतर्रार युवा नेता राज ठाकरे ने जहां मुख्यमंत्री योगी व उनकी सरकार की मुक्त कंठ से सराहना की। वहीं उन्होंने महाराष्ट्र के उद्धव सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि काश महाराष्ट्र में भी कोई योगी सत्तासीन होता।

योगी सरकार के महत्वपूर्ण कार्यों से ही साफ हो गया है कि भारत में जितने भी राष्ट्र विरोधी असामाजिक, अपराधिक व माफिया तत्व हैं उन सब का वजूद सरकारों की लापरवाही से ही बना हुआ है ।अगर सरकारें उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तरह कठोरता से इनका दमन करें तो ऐसे तत्व देश में कहीं भी सर नहीं उठा सकते। योगी सरकार की इन्हीं कार्यों से प्रभावित होकर असम के मुख्यमंत्री शर्मा भी इसी दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं।

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