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चीन पर अंकुश लगाये बिना नहीं मिल सकेगी विश्व को कोरोना महामारी से मुक्ति

विश्व को गुलाम बनाने के लिए चीन ने दो साल से कोरोना प्रहार से मचाई है विश्व में भारी तबाही

 

प्यारा उतराखण्ड डाट काम

श्रीकृष्ण विश्व कल्याण भारती ने चीन पर आरोप लगाया कि उसने विश्व को अपना गुलाम बनाने के लिए कोरोना का प्रहार करके पूरे विश्व में 2 सालों से तबाही मचाई है। श्रीकृष्ण विश्व कल्याण भारती के प्रमुख देवसिंह रावत ने कोरोना से विश्व में मची तबाही से बचाव के लिए तुरंत कोरोना की माॅ चीन पर प्रतिबंध लगाने की सलाह दी। श्री रावत ने कहा कि कोरोना के प्रकोप से करोड़ों लोग तबाह हो गये। चीन को छोड़ कर पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था खासकर चीन विरोधी देशों की तबाह हो चूकी है। जिस प्रकार से चीन से फैली यह महामारी, टीकाकरण के बाबजूद थमने का नाम नहीं ले रही है। लोग लहरों को गिनती करते करते परेशान हो गये है। इससे उबरने का विश्व वैज्ञानिकों को कोई राह नहीं सुझ रही है।
चीन का मोहरा बन कर उसे पहले पाक साफ का प्रमाण देने वाला विश्व स्वास्थ्य संगठन ‘ने एक प्रकार से हाथ ही खडे कर रखे है। वह भी केवल टीकाकरण व सावधानी रूप बचाव करने की सलाह दे रहा है। परन्तु जिस चीन पर पूरे विश्व इस ताबाही करने का गुनाहगार मान रहा है, उसके उस कुख्यात बुहान प्रयोगशाला में जांच की इजाजत तक चीन नहीं दे रहा है।

श्री रावत ने कहा कि पूरा विश्व पहली दिसम्बर 2019 से कोरोना महामारी से त्रस्त है। इसी दिन चीन में इस महामारी ने अपना पहला शिकार बनाया था। परन्तु पूरे विश्व में इन दो साल में कोरोना महामारी ने 6 जनवरी 2022 की सुबह 7 बजे तक जहां 54लाख 82 हजार 65ं1 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। वहीं इस तथाकथित महामारी ने 29 करोड़ 83लाख 17 हजार 565 लोगों को अपना शिकार बनाया। पूरी दुनिया हैरान है कि जो महामारी सबसे पहले चीन से फेली उस चीन में केवल 4636 लोग ही मारे गये तथा 103121 लोग इस बीमारी के शिकंजे में आये। वहीं विश्व की सबसे बडी महाशक्ति अमेरिका तथा उसके नाटो मित्र देश जहां विश्व के आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का जाल बिछा हुआ है वहां इस महामारी ने भारी तबाही मचाई।
हैरानी की बात है कि अमेरिका में 8.53 लाख, बा्रजिल-6.19 लाख, इंगलेंड 1.49 लाख, फ्रांस-1.24 लाख, रूस-3.12लाख, जर्मनी-1.13लाख, इटली-1.38 लाख, ईरान-1.31लाख, अर्जेटिना-1.17लाख, कोलंबिया-1.31लाख,मेक्सिको-2.99लाख, व इंडोनेशिया -1.44लाख लोग मारे गये।
वहीं चीन के विरोधी भारत में जहां अपने पडोसी देशों से बेहतर चिकित्सा सुविधायें उपलब्ध है पर वहां 4लाख, 82 हजार 876 लोग मारे गये। परन्तु इसके साथ भारत का हिस्सा रहे पाकिस्तान जहां भारत से भी बदतर चिकित्सा सुविधायें हैं वहां मात्र 28955 लोग इस महामारी के शिकार हुए। इसके अलावा भारत के अन्य पडोसी देश ं बंगलादेश में 28955,अफगानिस्तान में 7367, नेपाल में 11601 व श्रीलंका में 15065 मारे गये।
चीन को इस वैश्विक त्रासदी का खलनायक बताने वाले श्रीकृष्ण विश्व कल्याण भारती के प्रमुख देवसिंह रावत ने कहा कि चीन ने एक प्रकार से इस कोरोना जैविक/रसायन विनाशकारी अस्त्र के प्रहार से तीसरा विश्व युद्ध बिना एक गोली मारे जीत लिया है। यही नहीं पूरे संसार की अर्थव्यवस्था तबाह कर दी है। चीन जिस प्रकार अपने बुहान प्रयोगशाला में जैविक व रसायनिक हथियार का अनुसंधान कर रहा है वह विश्व मानवता के लिए काल ही साबित हुई। चीन पहले परंपरागत युद्ध में अपने सभी पडोसियों की जमीन को कब्जा करने के लिए कुख्यात रहा। जब से शी ने चीन की कमान अनंतकाल के लिए संभाल ली, चीन ने विश्व को काबिज होने के अपने अभियान को एक प्रकार से पंख ही लगा दिये। उसने न केवल कोरोना का प्रहार किया, इसके साथ उसने अंतरिक्ष सहित जल व थल में अपना बर्चस्व का अभियान तेजी से आगे बढा दिया है। इसी दिशा में उसने पाकिस्तान व अफगानिस्तान व ईरान होते हुए थल मार्ग का निर्माण कर रहा है। इससे वह अपना शिकंजा यूरोप तक कसेगा। इसके साथ उसने चीन सागर से लेकर संसार भर के जल मार्ग पर अपना शिकंजा कसने के लिए अपना नो सेना को भारी मजबूती प्रदान की है। इसके साथ वह वायु सेना के साथ जैविक व रसायनिक हथियारों के युद्ध का भी निरंतर अभ्यास कर रहा है। इसके साथ चीन अपने प्रमुख विरोधी अमेरिका, नाटो व भारत सहित देशों को तबाह करने के लिए साम दाम दण्ड भेद का प्रयोग कर रहा है। कोरोना ने इन्हीं सभी विरोधियों को उसने कमजोर कर दिया है। इसके साथ चीन ने इन देशों की सरकारों को कमजोर कर अपदस्थ करने का अभियान चला रखा है। इसका ताजा उदाहरण अमेरिका में चीन विरोधी ट्रम्प को हराना है। यही नहीं चीन अपने विरोधी देशों के सामरिक व आर्थिक के साथ साथ शासन तंत्र को तबाह कर देता है। भारत व ताइवान के सेना प्रमुख जो चीन विरोधी रहे उनकी रहस्यमय ढंग से हेलीकप्टर दुर्घटना में मौत का संदेश कहीं न कहीं चीन की तरफ भी उठे थे। यही नहीं चीन ने अपनी सामरिक शक्ति को अंतरिक्ष महाशक्ति बनाने में जुूटा हुआ है। यही नहीं चीन अंतरिक्ष में अन्य देशों की संचार उपग्रहों व पूरे तंत्र को भी तबाह करने की दिशा में कार्य कर रहा है। इसके साथ चीन एक कृतिम सूर्य की योजना पर कार्य कर रहा है। चीन संसार के अमन चैन पर एक खतरा बन गया है। अगर दुनिया ने इस खतरे से तुरंत अंकुश लगाने के लिए चीन को अलग थलग कर अंकुश लगाने का काम नहीं किया तो कोरोना से भी बदतर महामारियों की चपेट में दुनिया आये दिन तबाह होगी। इसका इलाज केवल चीन के पास होगा व वह अपनी ही शर्तों पर करेगा।

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