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हमारी सरकार ने बहाई उतराखण्ड में विकास की गंगा व विपक्षी सरकार ने घोटालों से किया बर्बाद:प्रधानमंत्री मोदी

उतराखण्ड को दी मोदी सरकार ने 18000करोड़ रू की परियोजनाओं की सौगात

 

राजधानी गैरसैंण व भू कानून पर प्रधानमंत्री के मौन साधने से उतराखडी हुए देहरादून की विजय संकल्प रैली से निराश

देवसिंह रावत

आज 4 दिसम्बर 2021 की दोपहरी को प्रधानमंत्री मोदी ने देहरादून में आयोजित विजय संकल्प रैली में गरजते हुए जहां अपनी डबल इंजन की सरकार को उतराखण्ड में विकास की गंगा बहाने वाली व उतराखण्ड की सच्चा हितैषी बताते हुए कांग्रेस का नाम न लेते हुए भी कांग्रेस पर कडा प्रहार करते हुए कहा कि विपक्षी दल की सरकार ने अपने दस साल के कार्यकाल में घोटाले करके उतराखण्ड निर्माण का बहुमूल्य समय को बर्बाद कर दिया। आगामी 2022 में होने वाले उतराखण्ड विधानसभा के चुनाव की विजयी रैली में भाजपा के चुनावी प्रचार का शंखनाद करते हुए प्रधानमंत्री ने दिल्ली से देहरादून के लिए निर्मित इकोनोमिक कोरोडोर सहित 18 विकास की योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास भी किया। इस रैली में भारी भीड़ को देख कर गदगद प्रधानमंत्री मोदी ने उपस्थित जनता का अभिवादन गढवाली भाषा में करते हुए अपनी सरकार को उतराखण्ड व देश के विकास के लिए समर्पित सरकार बताया। इस अवसर पर उतराखण्ड की माताओं बहिनों के दर्द को दूर करने वाली हर घर में पेयजल के नल वाली योजना का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने उतराखण्ड के लाखों परिवारों के घरों में पानी का नल पंहुचा कर करोड़ों माताओं का दर्द दूर किया। वहीं इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा राजधानी गैरसैंण व भू कानून बनाने पर मूक रह कर उतराखण्डियों को निराश किया। इस अवसर पर मंच पर कांग्रेसी सरकार में मंत्री रहे भाजपा सरकार के बर्तमान मंत्री भी उपस्थित थे। भाजपा नेतृत्व भाजपा में आये कांग्रेस के उतराखण्डी नेताओं से चुनाव के समय फिर घर वापसी की आशंका से आशंकित भी है। जिस समय प्रधानमंत्री मोदी, प्रदेश व देश की कांग्रेसी सरकार को कोस रहे थे उस समय मंचासीन भाजपा नेता बने तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मंत्रियों की तरफ लोगों की निगाहें थी। 
इस अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण के प्रमुख अंश निम्न लिखित हैं।

इस शताब्दी की शुरुआत में, अटल जी ने भारत में कनेक्टिविटी बढ़ाने का अभियान शुरू किया था।लेकिन उनके बाद 10 साल देश में ऐसी सरकार रही, जिसने देश का, उत्तराखंड का, बहुमूल्य समय व्यर्थ कर दिया।

10 साल तक देश में इंफ्रास्ट्रक्चर के नाम पर घोटाले हुए, घपले हुए। इससे देश का जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिए हमने दोगुनी गति से मेहनत की और आज भी कर रहे हैं
आज भारत, आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर पर 100 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के इरादे से आगे बढ़ रहा है। आज भारत की नीति, गतिशक्ति की है, दोगुनी-तीन गुनी तेजी से काम करने की है।

केदारनाथ त्रासदी से पहले, 2012 में 5 लाख 70 हजार लोगों ने दर्शन किया था। ये उस समय एक रिकॉर्ड था।जबकि कोरोना काल शुरू होने से पहले, 2019 में 10 लाख से ज्यादा लोग केदारनाथ जी के दर्शन करने पहुंचे थै। यानि केदार धाम के पुनर्निर्माण ने ना सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाई बल्कि वहां के लोगों को रोजगार-स्वरोजगार के भी अनेकों अवसर उपलब्ध कराए हैं।
आज मुझे बहुत खुशी है कि दिल्ली-देहरादून इकॉनॉमिक कॉरिडोर का शिलान्यास हो चुका है।जब ये बनकर तैयार हो जाएगा तो, दिल्ली से देहरादून आने-जाने में जो समय लगता है, वो करीब-करीब आधा हो जाएगा।
हमारे पहाड़, हमारी संस्कृति, आस्था के गढ़ तो हैं ही, ये हमारे देश की सुरक्षा के भी किले हैं। पहाड़ों में रहने वालों का जीवन सुगम बनाना देश की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है।दुर्भाग्य से दशकों तक जो सरकार में रहे, उनकी नीति-रणनीति में दूर-दूर तक ये चिंतन कहीं था ही नही।
साल 2007 से 2014 के बीच जो केंद्र की सरकार थी, उसने सात साल में उत्तराखंड में केवल 288 किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए। जबकि हमारी सरकार ने अपने सात साल में उत्तराखंड में 2 हजार किलोमीटर से अधिक लंबाई के नेशनल हाईवे का निर्माण किया है। सीमावर्ती पहाड़ी क्षेत्रों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी पहले की सरकारों ने उतनी गंभीरता से काम नहीं किया, जितना करना चाहिए था।बॉर्डर के पास सड़कें बनें, पुल बनें, इस ओर उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
वन रैंक वन पेंशन हो, आधुनिक अस्त्र-शस्त्र हो, आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देना हो, जैसे उन लोगों ने हर स्तर पर सेना को हतोत्साहित करने की कसम खा रखी थी।

आज जो सरकार है वो दुनिया के किसी देश के दबाव में नहीं आ सकती। हम राष्ट्र प्रथम, सदैव प्रथम के मंत्र पर चलने वाले लोग हैं।कुछ राजनीतिक दलों द्वारा, समाज में भेद करके, सिर्फ एक तबके को, चाहे वो अपनी जाति का हो, किसी खास धर्म का हो, उसे ही कुछ देने का प्रयास हुआ, उसे वोटबैंक में बदल दिया गया। इन राजनीतिक दलों ने एक और तरीका अपनाया। उनकी विकृति का एक रूप ये भी है कि जनता को मजबूत नहीं, उन्हें मजबूर बनाओ, अपना मोहताज बनाओ। इस विकृत राजनीति का आधार रहा कि लोगों की आवश्यकताएं पूरी ना करो, उन्हें आश्रित बनाकर रखो।
दुर्भाग्य से, इन राजनीतिक दलों ने लोगों में ये सोच पैदा कर दी कि सरकार ही हमारी माई-बाप है, जब सरकार से मिलेगा, तभी हमारा गुजारा चलेगा।यानि एक तरह से देश के सामान्य मानवी का स्वाभिमान, उसका गौरव कुचल दिया गया, उसे आश्रित बना दिया गया और दुखद ये कि उसे पता भी नहीं चला।
इस सोच, इस अप्रोच से अलग, हमने एक अलग रास्ता चुना।

कठिन मार्ग है, मुश्किल है, लेकिन देशहित में है, देश के लोगों के हित में है।
ये मार्ग है – सबका साथ-सबका विकास।
हमने कहा कि जो भी योजनाएं लाएंगे सबके लिए लाएंगे, बिना भेदभाव के लाएंगे।हमने वोटबैंक की राजनीति को आधार नहीं बनाया बल्कि लोगों की सेवा को प्राथमिकता दी।हमारी अप्रोच रही कि देश को मजबूती देनी है।

आजादी के इस अमृत काल में,
देश ने जो प्रगति की रफ्तार पकड़ी है वो अब रुकेगी नहीं,
थमेगी नहीं,थकेगी नहीं।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अपनी कविता के माध्यम से जहां उतराखण्ड की स्तुति कर उतराखण्ड के प्रति अपनी अनन्य श्रद्धा को प्रकट किया। प्रस्तुत है प्रधानमंत्री की कविता

जहाँ पवन बहे संकल्प लिए,
जहाँ पर्वत गर्व सिखाते हैं,
जहाँ ऊँचे नीचे सब रस्ते
बस भक्ति के सुर में गाते हैं
उस देव भूमि के ध्यान से ही
उस देव भूमि के ध्यान से ही
मैं सदा धन्य हो जाता हूँ
है भाग्य मेरा,
सौभाग्य मेरा,
मैं तुमको शीश नवाता हूँ।

तुम आँचल हो भारत माँ का
जीवन की धूप में छाँव हो तुम
बस छूने से ही तर जाएँ
सबसे पवित्र वो धरा हो तुम
बस लिए समर्पण तन मन से
मैं देव भूमि में आता हूँ
मैं देव भूमि में आता हूँ
है भाग्य मेरा
सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूँ।

जहाँ अंजुली में गंगा जल हो
जहाँ हर एक मन बस निश्छल हो
जहाँ गाँव गाँव में देश भक्त
जहाँ नारी में सच्चा बल हो
उस देवभूमि का आशीर्वाद लिए
मैं चलता जाता हूँ
उस देवभूमि का आशीर्वाद
मैं चलता जाता हूँ
है भाग्य मेरा
सौभाग्य मेरा
मैं तुमको शीश नवाता हूँ।

मंडवे की रोटी
हुड़के की थाप
हर एक मन करता
शिवजी का जाप
ऋषि मुनियों की है
ये तपो भूमि
कितने वीरों की
ये जन्म भूमि
मैं तुमको शीश नवाता हूँ
और धन्य धन्य हो जाता हूँ।

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