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वरिष्ठ व समर्पित उत्तराखंड आंदोलनकारी जगमोहन रावत को आन्दोलनकारियों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

कल 19 नवम्बर 2021 दिल्ली में सम्पन्न एक श्रद्धांजलि सभा में उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन की वरिष्ठ समर्थित आंदोलनकारी व देश की जन आंदोलन से जुड़े दिवंगत समाजसेवी जगमोहन सिंह रावत को उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन के वरिष्ठ आंदोलनकारियों, देश के जन आंदोलन के समर्पित आन्दोलनकारियों, पत्रकारों, समाजसेवियों सहित बड़ी संख्या में परिजनों ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
दिल्ली के रामकृष्ण पुरम के सेक्टर 3 में स्थित आर्य समाज मंदिर के परिसर में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह का शुभारंभ करते हुए संचालक आचार्य जयपाल ने पावन गायत्री मंत्र से दिवंगत जगमोहन सिंह रावत को बहुमुखी प्रतिभा का जन सेवा में समर्पित सहृदय व सदाचारी व्यक्ति बताते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला। उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन में हुए सपरिवार समर्पित रहे वही किसान आंदोलनों में वे भूमि बचाओ अभियान के तहत जेल यात्री भी रहे।
वर्षों पहले उनकी पत्नी के निधन के बावजूद हुए अपने परिवारिक दायित्वों का निर्वाह करने के साथ साथ सामाजिक जीवन का भी बखूबी से निर्वहन करते थे। आर्य समाज में दीक्षित,प्रशिक्षित व समर्पित होते हुये वे राज्य गठन आंदोलन में शहीद हुए हुतात्माओं की परम शांति के लिए कई वर्षों से 2 अक्टूबर को संसद की चौखट जंतर मंतर पर आयोजित काला दिवस कार्यक्रम में हवन यज्ञ भी संपन्न करते थे।दिवंगत जगमोहन सिंह रावत टिहरी जनपद के दिगोली गांव (बडियार गढ़)के मूल निवासी थे। गढ़वाल विश्वविद्यालय श्रीनगर से वाणिज्य में स्नातकोत्तर थे। 

श्रद्धांजलि समारोह में उपस्थित सभी शोकाकुल जनों ने स्वर्गीय जगमोहन रावत की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके जीवन पर प्रकाश डाला।
स्वर्गीय जगमोहन रावत को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष देव सिंह रावत, किसान नेता व जन संघर्ष वाहिनी के अध्यक्ष भूपेंद्र रावत, वरिष्ठ पत्रकार इंद्र चंद्र रजवार, दिल्ली प्रदेश राष्ट्रीय लोक दल के महामंत्री मनमोहन शाह, गढ़वाल हितेषिणी सभा के अध्यक्ष अजय बिष्ट,
समाज सेविका प्रेमा धोनी, भूमि बचाओ आंदोलन के हंसराज धनोरा, किसान कल्याण समिति के नरसिंह, महाराणा संग्राम सिंह, नशा मुक्त यात्रा के चौधरी करण सिंह,उनके निकट सहयोगी मोहन सिंह रावत व हुकम सिंह कंडारी ने उनके जीवन की स्मृतियों से उनको श्रद्धांजलि अर्पित की। उत्तराखंड जनता संघर्ष मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष खुशहाल सिंह बिष्ट ने भी अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। श्री बिष्ट के निकट रिश्तेदार का अंतिम संस्कार होने के कारण वह इस कार्यक्रम में नहीं आ पाए।
कार्यक्रम से पहले उनके परिजनों ने उनकी तेरहवीं की मृतक रस्म भी पूरी वैदिक विधान से संपन्न की।
इसके बाद सभी उपस्थित जनों ने तेरहवीं का भोज प्रसाद ग्रहण करके दिवंगत जगमोहन रावत की आत्मा की परम शांति के लिए 2 मिनट का मौन श्रद्धांजलि भी अर्पित की। अंत में आचार्य ने शांति पाठ करके कार्यक्रम का समापन किया। इस अवसर पर सभी उपस्थित जनों ने दिवंगत जगमोहन रावत के शोकाकुल पुत्र सोमेंद्र प्रताप सिंह रावत
व पुत्री नेहा को ढाढस बढ़ाते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

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