देश

पाक,चीन व आस्तीन के सांपों की आतंकी चौकडी पर कडा अंकुश न लगाने  से भारत की सुरक्षा को गंभीर खतरा

त्रिपुरा  की झूठी अफवाह से जला महाराष्ट्र

बांग्लादेश के बाद आतंकी पाक की चंडाल चौकडी ने झूठी अफवाह से दहलाया  महाराष्ट्र,

देवसिंह रावत

सत्तालोलुपु हुक्मरानों की लापरवाही के कारण बंगलादेश के बाद आतंकी पाक की चंडाल चौकडी ने महाराष्ट्र को भी आतंक की ज्वाला में झूलसा दिया। वहीं दूसरी तरफ
मणिपुर में चीन संरक्षित आतंकियों ने भारतीय सेना पर घात लगा कर किये हमले में एक कर्नल अपने परिवार के साथ 5 जांबाज सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया। कश्मीर,अरूणाचल व पाक द्वारा हडपे कश्मीर में पाक व चीन निरंतर भारत के हितों को रौद रहे है और निरंतर आतंकी गतिविधियां कर रहे है। परन्तु भारत सरकार न तो पाकिस्तान व चीन को आतंकी व दुश्मन देश घोषित कर उससे सभी संबंध तोड रही है। व नहीं कठोर कदम उठा रही है। यही हालत महाराष्ट्र की प्रदेश सरकार का है। वह महाराष्ट्र की शांति भंग करने वाले आतंकियों व षडयंत्रकारी रजा अकादमी सहित तमाम असामाजिक तत्वों को अभी तक सलाखों के पीछे नहीं कर पायी।
महाराष्ट्र में इसी सप्ताह आतंक का जो तांडव मचा उससे पूरा देश स्तब्ध है।  गत माह जिस प्रकार से झूठी अफवाह व षडयंत्र के सहारें पाक पोषित इस्लामी आतंक की चण्डाल चैकडी ने बंगलादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के घरों, मंदिरों व पूजा पंडालों को लूटमार, हिंसा, आगजनी कर शर्मनाक तबाही मचाई। उसके बाद ऐसे तत्चों पर बंगलादेश सरकार, सुंयुक्त राष्ट्र संघ  व भारत सरकार द्वारा कडाई से अंकुश न लगाये जाने से उत्साही आतंकियों ने भारत के महाराष्ट्र प्रांत में ठीक उसी प्रकार झूठ का सहारा लेकर आम मुस्लिमों की धार्मिक भावनायें भडका कर उनको सडर्कों पर उतरा कर जम कर, लूटपाट, आगजनी व उत्पात मचाया। उससे न केवल महाराष्ट्र के अमन चैन पर ग्रहण लग गया। इससे देश के अधिकांश लोग इस बात से आहत हैं कि असामाजिक तत्वों को बिना बात का देश में आतंक मचाने की इजाजत सरकार कैसे देती है तथा आतंक मचाने के गुनाहगारों को ऐसी कडी सजा क्यों नहीं दी जाती? सरकारों की ढूलमूल रवैये के कारण ही आतंकी इस प्रकार की गतिविधियां करके देश की सुरक्षा, अमन चैन व विकास पर ग्रहण लगाते है।
महाराष्ट्र मे गत सप्ताह हुए आतंकी घटनाओं के पीछे बंगलादेश में फेले आतंकी तबाही की तर्ज पर ही घटित हुआ। यहां पर भी बंगलादेश में हुए आतंकी घटनाओं के पीडितों की सुरक्षा, बचाव व न्याय देने की मांग लिए देश भर में हुए प्रदर्शन के दौरान त्रिपुरा में मस्जिद पर हुए हमले की झूठी कहानी व तस्वीरों को टवीटर, फेसबुक,वाट्एप्प व पर्चा, बेनर इत्यादि से महाराष्ट्र के अमरावती, नांदेड व मालेगांव सहित 5 जिलों में लोगों को सडकों पर उतारा। इसके कारण अमरावती सहित अन्य शहरों में आतंकियों व असामाजिक तत्वों ने जम कर कानून व्यवस्था व पुलिस सुरक्षा बलों को धत्ता बता कर जम कर आगजनी, तोडफोड, लूटमार की। इससे पूरे महाराष्ट्र के लोगों के जेहन में आतंकी हमले के समय के जख्म हरे हो गये। आनन फानन ने सरकार ने यहां इंटनेट पर पाबंदी व धारा 144 तो लगायी। परन्तु त्रिपुरा में किसी प्रकार की ऐसी घटना नहीं होने का त्रिपुरा सरकार व पुलिस द्वारा बार बार खंडन करने के बाबजूद महाराष्ट्र में लोगों को उतरने का आवाहन करने वाले तत्वों व रजा अकादमी पर सरकार ने कडा अंकुश नहीं लगाया। न ही प्रदेश सरकार इन आतंकी तत्वों को सड़क पर उतरने से पहले रोक पाई। तमाम खुुफिया जानकारी मिलने के बाबजूद सरकार की उदासीनता या मूक समर्थन महाराष्ट्र व देश के लिए घातक साबित हुआ।  सरकारें देश व प्रदेश में आस्तीन के सांपों पर कडा अंकुश लगाने के अपना दायित्व पूरा करने के बजाय दलीय स्वार्थ के लिए एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने में समय बर्बाद कर रही है। इससे लोगों में असुरक्षा की भावना बढने लगी और आतंकी व असामाजिक तत्वों जैसे आस्तीन के सांपों का दुसाहस बढ़ने लगा।
अगर भारत सरकार बंगलादेश में हुए आतंक के खिलाफ कडे कदम उठाती और आतंकी पाक पर अंकुश लगाती तो महाराष्ट्र में ऐसा दुशाहस करने की हिम्मत आतंकी नहीं करते।
भारत सरकार को बगलादेश, कश्मीर व अफगान में हुए आतंकी तांडव के मुख्य खलनायक पाकिस्तान पर अंकुश लगाने के लिए उसे टी20 क्रिकेट विश्व कप 2021 से बाहर कराने के लिए उसे आतंकी देश घोषित कर उससे सभी संबंध तोडने के साथ उससे क्रिकेट मेच नहीं खेलना चाहिए था। जिस दिन भारतीय टीम पाकिस्तान की टीम के साथ क्रिकेट खेल रही थी  उस दिन भी कश्मीर के रजोरी में देश के जांबाज आतंकियों से मुठभेड कर रहे थे। उसी पखवाडे अनैक भारतीय सैनिक आतंकी हमलों में शहीद हो गये थे। परन्तु देश के हुक्मरानों को जरा सी भी शर्म नहीं आयी वह बेशर्मी से देश के शहीदों की शहादत व देश के सम्मान को रौंदकर आतंकी पाकिस्तान से क्रिकेट मेच खिलवा रहे थे। सबसे हैरानी की बात यह रही कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाडियों ने अमेरिका आदि देशों में अश्वेतों पर हुए हमले में अश्वेतों के साथ देने के लिए मैदान में घुटनों में बैठने का नाटक करने की सुध रही परन्तु उन्हें पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा कश्मीर व बंगलादेश में हिंदुओं के साथ किये गये बर्बर हैवानियत का विरोध करने की होश नहीं रही। न केवल भारत सरकार अपितु किसी भी राजनैतिक दल, समाचार जगत व आम जनता ने भारत सरकार से न तो आतंकी पाक के साथ क्रिकेट खेलने का भारी विरोध नहीं किया। मैच में पाकिस्तान से हारने के बाद आस्तीन के सांपों द्वारा पाकिस्तान की जीत व भारत की हार पर जश्न मनाने व पटाखे फोडने का विरोध करने की होश तो तथाकथित राष्ट्रवादियों में रही परन्तु उन्हें इतनी सुध नहीं रही कि आतंकी पाकिस्तान के साथ क्रिकेट मैच खेलने की इजाजत देने वाले देश के हुक्मरानों,क्रिकेट प्रशासकों व खिलाडियांें का विरोध करें।
देश का इतना शर्मनाक पतन हो गया कि यहां के हुक्मरानों, राजनेताओं, पत्रकारों व आम जनता को इस बात का भान ही नहीं रहा कि देश का दुश्मन कोन है व देश का हित क्या है। जो लोग यह कुतर्क दे रहे हैं कि यह क्रिकेट का विश्वकप था। इस अंतराष्ट्रीय मैच खेलने के लिए भारत प्रतिबद्ध है। उन दिशाहीन स्वार्थ के अंधों को रूस, अमेरिका व चीन इत्यादि देशों द्वारा अपने हितों के लिए विश्व के सबसे बडे खेल प्रतियोगिता के बहिष्कार की याद है या नहीं?
इसके साथ जो लोग महाराष्ट्र के आतंकी हिंसा पर मूक हैं। वे भी देश के अमन चैन के दुश्मन है। त्रिपुरा में मस्जिद की झूठी अफवाह की आड में महाराष्ट्र में तबाही मचाने वाले अराजक तत्वों को इस्लाम व देश से रत्तीभर भी प्रेम रहता तो वे बंगलादेश में पाकिस्तानी परस्त आतंकियों द्वारा मचाये गये आतंकी तबाही के खिलाफ भारत में भी विरोध प्रदर्शन करते। इस प्रकार की हिंसा का विरोध करते। परन्तु आस्तीन के सांप पाकिस्तानी नापाक मंसूबों के लिए भारत के अमन चैन पर ग्रहण लगाने में लगे है। इसी कारण वे न केवल देश के दुश्मन बन गये है अपितु वे पाकिस्तान की तरह ही इस्लाम के सबसे बडे दुश्मन बन गये है। ऐसे तत्वों को अपनी पदलोलुपता के लिए ग्रहण लगाने वाले राजनैतिक दल, सामाजिक संगठन, पत्रकार आदि भी देश के लिए नासूर बन गये है।देश की रक्षा के लिए जितनी जल्द हो सके सरकार को पाकिस्तान व चीन के साथ इन आस्तीन के सांपों पर तत्काल अंकुश लगाना चाहिए। तभी देश की एकता, अखण्डता व अमन चैन के साथ विकास की रक्षा हो पायेगी। नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब दिल्ली व महाराष्ट्र की तर्ज पर ये पाकिस्तानी आतंक की चैकडी भारत को भी सीरिया की तरह बर्बाद कर देंगे। देश हैरान है कि यहां के राजनैतिक दल सत्तालोलुपता में अंधे हो कर  भारत विरोधी तत्वों को राष्ट्रघाती संरक्षण दे कर देश की सुरक्षा से अक्षम्य खिलवाड कर रहे हैं।


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