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#अफगानिस्तान व #भारत सहित विश्व में #आतंकी गतिविधियों में #पाकिस्तान की सीधी संलिप्तता को देखते हुए #पाकिस्तान पर #विश्व_क्रिकेट पर #प्रतिबंध लगाएं

 

#क्रिकेट, विश्व #मानवता व #लोकशाही से बढ़कर नहीं। अमन के दुश्मनों पर अंकुश लगाएं

नई दिल्ली 9 सितंबर 2021
भारतीय मुक्ति सेना के प्रमुख देव सिंह रावत ने देश के प्रधानमंत्री,भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से आगामी 20 ओवरों के क्रिकेट विश्वकप मैच में विश्व में आतंकी गतिविधियों के प्रसार के गुनाहगार पाकिस्तान पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की पुरजोर मांग की ।
उल्लेखनीय है कि 17 अक्टूबर से 14 नवंबर 2021 को यूनाइटेड अरब अमीरात-ओमान में 20 ओवरों का विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता खेली जाए जा रही है।

जिस प्रकार से अगस्त सितंबर 2021 को विश्व में अफगानिस्तान में घटित हो रहे व्यापक उठापटक को देखते हुए
प्रश्न उठता है कि अफगानिस्तान में जिस शर्मनाक ढंग से पाकिस्तान ने लोकशाही व मानवाधिकारों को रौंदते हुए
वहां पर विश्व के वांछित आतंकी संगठन तालिबान को सत्तासीन करा दिया है। उससे अफगानिस्तान के लाखों लोगों का जीवन दुश्वार हो गया है। तालिबानी शासन में महिलाओं अल्पसंख्यकों वह लोकतंत्र समर्थकों का जीना दुश्वार हो रखा है। विश्व की महाशक्तियां सहित विश्व समुदाय कायरो वह तमाशबीनो की तरह मौन रहकर तालिबानी अत्याचार को बढ़ावा दे रहा है।
ऐसे में सवाल उठता है की विश्वकप क्रिकेट में तमाम लोकतांत्रिक व मानवाधिकार का यह सम्मान करने वाले देशों को क्या मानव अधिकार को रोदने वाले आतंकी देश के साथ क्रिकेट मैच खेलना चाहिए या उस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए?
क्या क्रिकेट, राष्ट्र सम्मान, मानवाधिकार व लोकशाही से बढ़कर है?
नहीं किसी भी सूरत में नहीं? खेल में राजनीति नहीं होनी चाहिए। खेल आपसी संबंध व भाईचारा बढ़ाने का अच्छा माध्यम है। परंतु लोकशाही व मानवता के विरोधियों पर अंकुश न लगाना व उनके साथ खेल खेलना मानवता व लोकशाही का घोर अपमान है।

उल्लेखनीय है कि इसी माह अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सत्ता में काबिज होने के बाद अफगानिस्तान में भारी उथल-पुथल हो गया वहां से लाखों लोग सत्ता में काबिज तालिबान ने की दमन की आशंका से ही विश्व के विभिन्न देशों में शरण के लिए मजबूर हैं।
सन 2007 से प्रारंभ हुई यह 20 ओवरों की क्रिकेट विश्वकप प्रतियोगिता गत वर्षो कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण आयोजित नहीं की जा सकी।
इस वर्ष भी करना के प्रकोप से संसार की अधिकांश देश पीड़ित है व इस कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका से विश्व कप क्रिकेट के आयोजकों ने खाड़ी देश अमीरात ओमान में इसका आयोजन करना बेहतर समझा।
अफगानिस्तान की जनता तालिबान के1996 से 2001 तक के क्रूर शासन की यादों से ही सहमे हुए हैं। तालिबान संसार में चल रही लोकशाही की परंपरा के बजाय इस्लामिक शरिया कानूनों से अपने देश को संचालित करने की बात कहता है इसी के तहत तालिबान अपने शासन में महिलाओं को बुर्का पहनने वह घरों में बंद रहने के लिए मजबूर करता है यही नहीं बालिकाओं की शिक्षा पर भी आंशिक ग्रहण लग चुका है तालिबान की सत्तासीन होने के बाद
तालिबान धीरे-धीरे अपना शिकंजा अफगानिस्तान में कस रहा है इसी के तहत उसने अपनी अस्थाई सरकार के गठन का भी ऐलान कर दिया है जिसमें अधिकांश संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिबंधित व वांछित आतंकी इस महत्वपूर्ण पदों पर आसीन हुए हैं।
न केवल महिलाओं के अधिकारों को निर्मलता से रौंदा जा रहा है अपितु अल्पसंख्यक समाज भी अपने जान माल की आशंका से भयभीत होकर हर हाल में अफगान छोड़ने के लिए प्रयत्न कर रहा है।लाखों लोग तालिबान के सत्तासीन होने के बाद अफगानिस्तान को छोड़कर अमेरिका पश्चिमी देशों, पाकिस्तान ओमान कतर टर्की ईरान इत्यादि
पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हुए। इसी घटनाक्रम में अफगानिस्तान की लोकतंत्र समर्थक ताकते पंचशीर में एकजुट होकर तालिबान की सत्ता को चुनौती देने में जुटी हुई है परंतु जब तालिबान वहां अपने विरोधियों पर अंकुश लगाने में असफल रहा तो पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आई एस आई के प्रमुख ने न केवल अफगानिस्तान में डेरा डाला अपितु अफगानिस्तान के लोकतंत्र समर्थकों पर पंचशीर में अपनी वायुसेना व विशेष कमांडो बलों से हमला कर तालिबान को सबल बनाया।
जी नहीं पाकिस्तान पर अफगानिस्तान के लोकतंत्र समर्थक मसूद व उनके साथी तथा खुद पाकिस्तान के गृह मंत्री खुलेआम कह रहे हैं कि तालिबान को संरक्षण पोषण व मजबूती पाकिस्तान ने दी। ऐसे में सवाल उठता है कि जब पाकिस्तान, सरेआम विश्व मानवता व लोकशाही को कुचलने का कृत्य
कर रहा है तो उस पर अंकुश लगाने की जिम्मेदारी विश्व समुदाय क्यों नहीं निभा रहा है?
उल्लेखनीय है कि 2007 से आयोजित और रही T20 क्रिकेट विश्वकप प्रतियोगिता के 2021 के सभी 45 मैच अरब अमीरात ओमान में आयोजित किए जाएंगे इसमें 16 देश भाग लेंगे।
इस में भाग लेने वाले देशों में भारत,वेस्टइंडीज, अफ्रीका, इंग्लैंड,न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, लंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश, आयरलैंड, नीदरलैंड, स्कॉटलैंड, नामिबिया, ओमान व पप्पू न्यू गुनिया आदि देश हैं।
हालांकि क्रिकेट संसार के 220 देशों में से केवल 16 देश ही खेलते हैं । वह भी जो अंग्रेजों के गुलाम रहे।
भारत में भी 8 सितंबर को इस प्रतियोगिता के लिए अपने दल की घोषणा कर दी इस दल का नेतृत्व विराट कोहली करेंगे इसमें रोहित शर्मा सहित अन्य प्रमुख खिलाड़ी होंगे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड विश्व के सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम का मेंटर बनाया बनाया है।
देखना यह है कि क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड विश्व लोकशाही अमन-चैन व मानवता को प्रमुखता देकर लोकशाही के दुश्मन आतंकी पाकिस्तान पर इस प्रतियोगिताओं में प्रतिबंध लगाता है या चंद पैसे के लिए पूरे विश्व की प्रतिष्ठा पर कलंक लगाते हुए पाकिस्तान को इस प्रतियोगिता में बनाए रखता है।
इस निर्णय में भारत सरकार का महत्वपूर्ण प्रभाव होगा देखना यह है कि राष्ट्रवाद की दुहाई देने वाली भारत की वर्तमान मोदी सरकार, पाकिस्तान को सबक सिखाती है या तमाशबीन बनी रहती है?
इस प्रतियोगिता में विधायक कौन होता है इससे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि इस प्रतियोगिता में पाकिस्तान पर अंकुश लगाया जाता है या नहीं। सन 2007 में आयोजित हुई प्रथम T20 क्रिकेट प्रतियोगिता का विश्व विजेता भारत रहा यहां प्रतियोगिता अफ्रीका में आयोजित की गई और पाकिस्तान को परास्त करके भारत ने योग प्रतियोगिता अपने नाम की।
वही 2009 में इंग्लैंड में खेली गई यह प्रतियोगिता पाकिस्तान ने श्रीलंका को परास्त करके अपने नाम की।
2010 में वेस्टइंडीज में खेली गई योग प्रतियोगिता इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को प्राप्त कर अपने नाम की ।वहीं 2012 में श्रीलंका में खेली गई यह प्रतियोगिता वेस्टइंडीज ने श्रीलंका को परास्त करके विजयश्री वरण किया।
2014 में बांग्लादेश में खेली गई यह प्रतियोगिता श्रीलंका ने भारत को परास्त कर अपने नाम की।
2016 में भारत में खेली गई यह प्रतियोगिता वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड को हराकर अपने नाम की।
देखना है 2021 में अमीरात ओमान में खेली जा रही यह प्रतियोगिता किसके नाम को रोशन करती है?

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