देश

चीन पर अंकुश लगाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयार होगा ऋषिकेश -कर्णप्रयाग रेलमार्ग

आत्मनिर्भर भारत बजट में 4200 करोड़ रू ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलमार्ग को आवंटन किया गया

नई दिल्ली (प्याउ)।
भले ही मोदी सरकार इसी सप्ताह पेश किये गये बजट पर विरोधी दल सत्तासीन मोदी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि उसने चीन व पाक से बढ़ते हुए खतरों को देखकर भी अपने बजट में रक्षा के लिए बजट में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी नहीं की है और मोदी सरकार देश की सुरक्षा के प्रति उदासीन है। परन्तु बजट पर सरसरी नजर दौडायें तो साफ दिखाई दे रहा है कि सरकार ने चीन पर अंकुश लगाने के लिए बहुत ही सावधानी ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाये है। जिसका भला ही मोदी सरकार सीधा उल्लेख नहीं कर रही है परन्तु सामरिक विशेषज्ञ मोदी सरकार की चीन को चैतरफा घेरने के मजबूत कदमों से संतुष्ठ है। सामरिक विशेषज्ञ देवसिंह रावत ने इस पर दो टूक उतर देते हुए कहा कि इसका एक बड़ा उदाहरण है ऋषिकेश -कर्णप्रयाग रेलमार्ग। जिस रेल मार्ग को बनाने की सबसे पहले मांग अंग्रेजों ने ब्रिटानिया हुकुमत के लिए अपनी जांबाजी दिखाने वाले ब्रिट्रेन सम्राज्य के सर्वोच्च वीरता सम्मान विक्टोरिया पदक से सम्मानित दरवान सिंह नेगी ने भी की थी। अंग्रेजों ने इसका सर्वे भी किया। परन्तु बाद में आजाद भारत की सरकारों ने इसे अलाभदायक मान कर ठण्डे बस्ते में डाल दी थी। इस मांग पर तीसरे मोर्चे की देवगोड़ा सरकार के तहत रेलराज्य मंत्री रहे सतपाल महाराज सहित अन्य सांसदों ने भी पुरजोर से समय समय पर उठाते रहे। परन्तु सरकारों की अदूरदर्शीता व पक्षपातपूर्ण नजरिये से यह रेलमार्ग ठण्डे बस्ते में सा रहा। बाद में देश की बागडोर जैसे ही मोदी के हाथों में आयी तो उन्होने देश की सुरक्षा के प्रति नजरिया बदला और अपने दायित्व का निर्वहन करते हुए देश की सीमा में चीन की तरह ही सड़कों का जाल बिछाया। जिससे सीमा की सुरक्षा के लिए सैनिकों को आसानी हो सके। इसी के तहत चीन से लगी उतराखण्ड प्रदेश से लगी सीमा में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेलमार्ग को युद्धस्तर से बनाने का निर्णय लिया। परन्तु इसे नाम दिया गया धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के नाम पर। वर्तमान रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी इस बजट पर अपने मंत्रालय के महत्वपूर्ण मिशनों का उल्लेख करते हुए इसी सप्ताह पेश हुए बजट की प्रशंसा करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत का बजट बताते हुए 6 फरवरी को ट्वीट करते हुए सगर्व उल्लेख किया कि #AatmanirbharBharatKaBudget में, ऋषिकेश – कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना हेतु 4,200 करोड़ का आवंटन किया गया है। इस ट्वीट में इस रेलमार्ग बनने से उतराखण्ड के लिए होने वाले लाभों का भी उल्लेख करते हुए पीयूष गोयल ने लिखा कि यह प्रोजेक्ट देवभूमि उत्तराखंड में पर्यटन, उद्योग, कनैक्टिविटी, और परिवहन सुविधाओं का विस्तार करेगी, और यहां की अर्थव्यवस्था को तेज गति प्रदान करेगी। इस प्रकार रेलमंत्री ने भी इस अतिमहत्वपूर्ण परियोजना के सबसे महत्वपूर्ण उद्देश्य देश की सुरक्षा शब्द का जानबुूझ कर प्रयोग तक नहीं किया। परन्तु यह भी सच है कि इसकी हकीकत से चीन भी अनजान नहीं है। मोदी सरकार द्वारा चीन से लगी सीमावर्ती क्षेत्र में यातायात व संचार सुविधाओं का निरंतर जाल बिछाकर चीन की तरह अपनी सेना को सीमा पर मजबूती प्रदान कर रहा है।इसी कारण कुछ महिनों से चीन से लद्दाख सहित अनैक सीमावर्ती चैकियों पर निरंतर विवाद हो रहा है। चीन यह सह भी नहीं पचा नहीं पा रहा है कि भारत भी उसकी ही तरह सीमा को यातायात सुविधा से युक्त बना कर अपनी स्थिति मजबूत बनाये। इसे चीन अपने लिए खतरा मान रहा है।

About the author

pyarauttarakhand5