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पूर्वोत्तर में अशांति को समाप्त करके विकास  की  शुरुआत बोडो शांति समझौते से हुई:अमित शाह

प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार पूरे उत्तर-पूर्व में जहां भी अशांति है सभी लोगों से वार्ता कर शांति का रास्ता प्रशस्त किया गया

प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में ऐतिहासिक समझौता हुआ था जिसमें हुए मौखिक और लिखित वादों को भारत सरकार पूरा कर आपके विश्वास पर खरा उतरेगी

वर्षों से चली आ रही बोडो क्षेत्र की समस्या जिसमें 5000 से ज्यादा लोगों की जान गई, मोदी जी के दृढ़ निश्चय और मार्गदर्शन से इस समस्या का अंत हुआ और क्षेत्र विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ा है

आज एक ही रैली में बोडो और नान बोडो दोनों उपस्थित हैं इससे यह संदेश निकलता है की बोडो और नान बोडो दोनों धरती के पुत्र हैं, भारत के पुत्र हैं और दोनों मिलकर शांति के लिए प्रयास कर रहे हैं

आत्मसमर्पण करने वाले सभी शरणार्थियों को 4 लाख रुपये की सहायता देने की शुरुआत की जा चुकी है

प्रधानमंत्री का मानना है कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास ही एक ऐसा मंत्र है जो भारत को आत्मनिर्भर बना सकता है, बोडो क्षेत्र की संस्कृति को सुरक्षित रखेंगे और उसका संरक्षण और संवर्धन करते हुए आगे बढ़ाएंगे

बोडो भाषा को सम्मान देने का काम भी किया जा रहा है और राज्य की सह भाषा का दर्जा देकर वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया गया

असम में समुचित विकास के माध्यम से टूरिज्म भी आएगा और राज्य का विकास होने के साथ-साथ पूरे नॉर्थईस्ट का विकास होगा

असम की सरकार के पीछे केंद्र सरकार चट्टान की तरह खड़ी है, आप आगे बढ़ते रहिए

नरेंद्र मोदी सरकार में जो वादे प्रधानमंत्री करते हैं वह अपने ही कालखंड के अंदर पूरा भी करते हैं

असम को भ्रष्‍टाचार, घुसपैठिए, आतंकवाद और प्रदूषण मुक्त बनाने का काम प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ही कर सकती है

24जनवरी ÷÷’

केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ऐतिहासिक बोडोलैंड टेरीटोरियल रीजन (BTR) समझौते की पहली वर्षगाँठ मनाने के लिए आज असम के कोकराझार में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री  सर्वानंद सोनोवाल,वित्‍त एवं स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ. हेमंत विस्व शर्मा,बीटीआर के प्रमुख और अन्य नेता भी शामिल हुए।

 

अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि आज से ठीक एक साल पहले देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बोडो टेरिटोरियल रीजन (बीटीआर) शांति समझौता हुआ जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री जी के निर्देशानुसार पूरे उत्तर-पूर्व में जहां भी अशांति है सभी लोगों से वार्ता कर शांति का रास्ता प्रशस्त किया गया। श्री शाह ने कहा कि मोदी जी की अगुवाई में बीटीआर क्षेत्र के समझौते को 1 वर्ष पूरा हुआ है और शांति के नए युग की शुरुआत हुई है। वर्षों से चली आ रही बोडो क्षेत्र की समस्या जिसमें 5000 से ज्यादा लोगों की जान गई, मोदी जी के दृढ़ निश्चय और मार्गदर्शन से इस क्षेत्र की समस्या का अंत हुआ और क्षेत्र विकास के रास्ते पर आगे चल पड़ा है।

 

 

श्री अमित शाह ने कहा कि मैं आपको विश्वास दिलाने आया हूं कि बोडो क्षेत्र जो कभी रक्तरंजित हुआ करता था, हथियार उठाने और अपहरण करने वाले लोग थे वह कुछ ही सालों में सबसे विकसित क्षेत्र क्षेत्र होने वाला है। श्री शाह ने कहा कि आज एक ही रैली में बोडो और नान बोडो दोनों उपस्थित हैं इससे यह संदेश निकलता है की बोडो और नान बोडो दोनों धरती के पुत्र हैं, भारत के पुत्र हैं और दोनों मिलकर शांति के लिए प्रयास कर रहे हैं। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में ऐतिहासिक समझौता हुआ था जिसमें मौखिक और लिखित हुए वादों को भारत सरकार पूरा कर आपके विश्वास पर खरा उतरेगी। श्री शाह ने कहा कि इस समझौते के लिए असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और हेमंत विस्‍व शर्मा के प्रयास सराहनीय रहे।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने न केवल असम बल्कि पूरे पूर्वोत्तर में अशांति को समाप्त करने की शुरुआत की और उसकी शुरुआत बोडो शांति समझौते से हुई, इसके बाद ब्रू-रियांग समझौता किया गया। आज हिंसा का युग समाप्त हो रहा है और शांति का युग शुरू हो रहा है। श्री शाह ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 और 35 ए को उखाड़ फेंकने का काम किया है और अभी हुए हाल के पंचायत चुनाव में पुलिस को एक भी गोली नहीं चलानी पड़ी तथा शांतिपूर्ण मतदान हुआ।

 

 

श्री अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकारों ने भी कई समझौते किए किंतु उनकी अनुपालना नहीं हुई, वादे बहुत किए गए लेकिन पूरे नहीं हुए किंतु अब श्री नरेंद्र मोदी सरकार है और जो वादे प्रधानमंत्री करते हैं वह अपने ही कालखंड के अंदर पूरा भी करते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि बोडो क्षेत्र के लिए अनेक कार्य किए गए हैं और उनके विकास के लिए पूरी तत्परता से कार्य किए जा रहे हैं। विभिन्न आयोग और सलाहकार समितियों के माध्यम से बोडो क्षेत्र के निवासियों को विकसित करने का काम किया जा रहा है। श्री शाह ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले सभी शरणार्थियों को 4 लाख रुपये की सहायता देने की शुरुआत की जा चुकी है। बोडो भाषा को सम्मान देने का काम भी किया जा रहा है और राज्य की सह भाषा का दर्जा देकर वर्षों पुरानी मांग को पूरा किया गया है।

 

 

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असम सरकार इस क्षेत्र में 3 डिग्री कॉलेजों की भी स्थापना कर रही है। श्री उपेंद्र नाथ ब्रह्मा के नाम पर संस्‍थान खोलकर उन्‍हें श्रद्धांजलि दी जा रही है। 500 करोड़ रुपये बोडो क्षेत्र के रोड नेटवर्क के लिए आवंटित किए गए हैं और समग्र बोडो क्षेत्र में इस सडकजाल के माध्यम से विकास किया जाएगा। 750 करोड़ रुपये की 65 योजनाओं को चालू कर दिया गया है और 565 करोड़ रुपये अलग से आवंटन भी हो चुका है। श्री शाह ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री का मानना है कि सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास ही एक ऐसा मंत्र है जो भारत को आत्मनिर्भर बना सकता है। बोडो क्षेत्र की संस्कृति को सुरक्षित रखेंगे और उसका संरक्षण और संवर्धन करते हुए आगे बढ़ाएंगे। श्री शाह ने यह भी कहा कि आर्थिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक प्रगति को सुनिश्चित करने के साथ-साथ राजनीतिक अधिकारों को भी सुरक्षा देने का काम किया जाएगा।

 

 

श्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2014 में मोदी सरकार बनने के बाद विकास के एक नए युग की शुरुआत हुई और जो विकास पिछले 70 साल में नहीं हुआ वह विगत 5 साल में हुआ है। असम के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई बड़ी सफलता से लड़ी गई और मृत्यु दर .47% तक सीमित रही जो एक अत्यंत सराहनीय है। श्री शाह ने कहा कि टीकाकरण के लिए बहुत सारे केंद्र बनाकर टीकाकरण की प्रक्रिया को आसान किया जा रहा है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि असम में समुचित विकास के माध्यम से टूरिज्म भी आएगा और राज्य का विकास होने के साथ साथ पूरे नॉर्थईस्ट का विकास होगा। उनका कहना था कि असम की सरकार के पीछे केंद्र सरकार चट्टान की तरह खड़ी है, आप आगे बढ़ते रहिए। श्री शाह ने कहा कि असम को भ्रष्‍टाचार, घुसपैठिए, आतंकवाद और प्रदूषण मुक्त बनाने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली सरकार ही कर सकती है।

 

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