Bageshwar उत्तराखंड

सरकारी बजट/अनुदान से नहीं अपितु श्रमदान से बदली जायेगी उतराखण्ड की तस्वीर

श्रमदान से बनायी जा रही है अम्यारी गांव का सडक मार्ग
बागेश्वर (प्याउ)। उतराखण्ड के लोग फिर एक बार सरकारी अनुदान/बजट की राह ताकने के बजाय अपने गांव की समस्याओं का निदान सामुहिक रूप से श्रमदान से करने लग गये है। ऐसा ही नजारा बागेश्वर जनपद के अमस्यारी (विख-गरूड) में इन दिनों देखने में आ रहा है। इस गांव के समाजसेवी मोहन जोशी ने प्यारा उतराखण्ड को बताया कि मुख्य मोटर मार्ग से गांव को जोड़ने वाली सड़क की स्थिति बहुत खराब है। सड़क में यत्र तत्र गड्ढे होने से ग्रामीणों को हर दिन भारी समस्या का सामना करना पड़ता था। सरकार से इस समस्या के निदान के लिए कई बार गुहार लगाने के बाबजूद प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली। यह देख कर गांव के युवाओं ने एकजूट हो कर सरकारी बजट/अनुदान की राह ताकने की जगह श्रमदान से इस समस्या का समाधान करने का संकल्प लिया।
इसी के तहत ग्राम सभा अमस्यारी विख गरूड़ बागेश्वर मे ग्राम प्रधान रमेश चन्द्र जोशी व नव युवक मंगल दल के अध्यक्ष विजय जोशी सहित मनोज जोशी, विमल जोशी, ललित मोहन जोशी, गगन जोशी ,विनय जोशी, सूरज जोशी, नीरज जोशी, पारस जोशी व करन जोशी सदस्यों द्वारा ग्राम सभा अमस्यारी मे सी.सी मार्ग में हुए गढों को भरा गया।
उल्लेखनीय है कि पांच दशक पहले तक उतराखण्ड के जांबाज व ईमानदार लोगों ने प्रदेश के अधिकांश विद्यालय, जलधारा, पैदल मार्ग, चिकित्सालय, नहर , पंचायती घर व मंदिर इत्यादि के निर्माण के लिए सरकारी बजट/ अनुदान का मुंह ताकने के बजाय सामुहिक श्रमदान से निर्माण किये। परन्तु इसके बाद ऐसा प्रचलन आया कि लोग श्रमदान के बजाय छोटे से छोटे काम के लिए सरकारी बजट/अनुदान की इंतजारी में वर्षों तक हाथ में हाथ धरे रहते। इस सरकारी बजट/अनुदान के चक्कर में जहां लोगों का दीन ईमान पथभ्रष्ट हो गया। पूरी दुनिया में अपनी ईमानदारी व मेहनत के लिए विख्यात उतराखण्डी भी अकर्मण्य सा हो गये।

 

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