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भूपेंद्र आईटीबीपी जवानों के कैंप तक पीठ पर लादकरराशन और आवश्यक सामग्रियां पहुंचाते थे

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में ITBP के जवानों ने मानवता की मिसाल कायम की। यहां 28 अगस्त को भूस्खलन के मलबे में दबकर भूपेंद्र राणा की मौत हो गई थी । आपको बता दे कि भूपेंद्र आईटीबीपी जवानों के कैंप तक पीठ पर लादकरराशन और आवश्यक सामग्रियां पहुंचाते थे ,

भूपेंद्र की मोत के बाद 29 अगस्त को सात आईटीबीपी जवानों ने कंधे पर शव लादकर कर लगभग 8 घंटे तक लगातार पहाड़ी रास्तों से पैदल चलकर 25 किलोमीटर दूर उसके घरवालों को उसका शव सौंप कर ITBP के इन जवानो ने मानवता कि मिसाल कायम कि । शव को कंधे में लादकर स्यूनी गांव से मुनस्यारी पहुंचे ITBP के जवान,  जिसके बाद घरवालों ने उनका अंतिम संस्कार किया।

डीएम विजय कुमार जोगदंड ने बताया कि राणा के दोस्तों ने जिला प्रशासन से अनुरोध किया था कि उनका शव घर लाने की व्यवस्था की जाए, लेकिन खराब मौसम के कारण चॉपर वहां नहीं जा सका। परेशान घरवालों की मदद के लिए आईटीबीपी जवान आगे आए और उनका शव पहुंचाया।

 

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