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केजरीवाल, विज्ञापन देकर अपना चेहरा चमकाने में मस्त, दिल्ली की जनता बदहाल हुई परिवहन सेवा से त्रस्त -आदेश गुप्ता

 
डीटीसी की खस्ता हालत के कारण सेवायें दे रही हैं डीटीसी की  मात्र 1647 बसें. सवारियों को करना पड़ रहा है घंटों इंतजार, कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा
केजरीवाल सरकार के दावे खोखले, 20 से 30 प्रतिशत बसें डिपो से निकलने की हालत में ही नहीं
केजरीवाल का इलैक्ट्रानिक बसें खरीदने का दावा खोखला साबित हुआ-आदेश गुप्ता
दिल्ली की यातायात व्यवस्था पर राजनीति करने की बजाय केजरीवाल लोगों को सुविधायें देने पर ध्यान दें
स्कूल, कालेज बंद होने के कारण केजरीवाल स्कूल, कालेज की बसों को जनता की सेवा में उपलब्ध कराकर कोरोना काल में लोगों को राहत दे सकते थे-
नई दिल्ली (प्याउ)। । दिल्ली भाजपा अध्यक्ष  आदेश गुप्ता ने दिल्ली परिवहन निगम की खस्ता हालत पर तंज कसते हुये कहा कि बसों का परिचालन कम होने के कारण लोगों को घंटों बस स्टैंडों पर इंतजार करना पड़ रहा है और जब बस आती भी है तो उसमें केवल 20 यात्री ही बैठ सकते हैं। जिससे बसों का इंतजार कर रही सवारियों की लम्बी लाइन लगी रहती है और वहां पर कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा अधिक हो जाता है। डीटीसी को सुधारने का लगातार दावा करने वाले केजरीवाल अपने दूसरे कार्यकाल में भी कोई सुधार नहीं कर सके, क्योंकि 20 से 30 प्रतिशत बसें आज भी डिपो से निकलने की हालत में ही नहीं होती हैं, जिससे खस्ता हाल यातायात व्यवस्था से मजबूर होकर कोरोना काल में लोगों को अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है। 
प्यारा उतराखण्ड को प्रेषित प्रेस विज्ञप्ति में श्री गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने इलैक्ट्रानिक बसें खरीदने के झूठे वादे लगातार जनता से करते रहे हैं, लेकिन बस खरीदने की जगह विज्ञापन देकर अपना चेहरा चमकाने का काम करते रहे हैं। दूसरी तरफ कलस्टर बसों की संख्या बढ़ने पर दिल्ली सरकार उसे डीटीसी की बसें बताकर अपनी पीठ थपथपाकर जनता को गुमराह करती रही है। 
श्री गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में लगभग 3500 बसें ही अपनी सेवायें दे रही हैं जिसमें से 1853 बसें कलस्टर (प्राइवेट) बस सेवा के तहत चल रही हैं। इनमें से प्रतिदिन किसी न किसी खराबी के कारण सैकड़ों बसें डिपो से निकलती ही नहीं हैं। इस हिसाब से दिल्ली सरकार के अधीन डीटीसी की लगभग 1647 बसें ही दिल्ली की जनता को अपनी सेवायें दे रही हैं। 
श्री गुप्ता ने कहा कि 2013 में केजरीवाल के सत्ता में आने से पहले लगभग 6000 बसें दिल्ली की जनता को अपनी सेवायें दे रही थीं जबकि उस समय से अब तक दिल्ली में आबादी लगातार बढ़ी है, लेकिन केजरीवाल सरकार में लगातार बसों की संख्या घट रही है। स्कूल, कालेज बंद होने के कारण केजरीवाल स्कूल, कालेज की बसों को जनता की सेवा में उपलब्ध कराकर कोरोना काल में लोगों को राहत दे सकते थे, लेकिन उनकी मंशा सिर्फ प्रचार करने की है, दिल्लीवालों को सुविधायें देने की नहीं है। भारतीय जनता पार्टी दिल्ली के मुख्यमंत्री से मांग करती है कि दिल्ली की यातायात व्यवस्था पर राजनीति करने की बजाय लोगों को सुविधायें देने पर ध्यान देना चाहिये। 

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