दुनिया देश

चीन की शह पर भारतीय भूभाग पर बलात कब्जा कराने की नेपाल की धृष्ठता को रौंदे सरकार

नेपाल ने  असामाजिक तत्वों द्वारा  टनकपुर के सीमावर्ती भारतीय क्षेत्र पर  बलात कब्जा करने की धृष्ठता

जिस प्रकार से नेपाल ने विश्व लोकशाही व अमन चैन के लिए खतरा बन चूके चीन के मोहपाश में फंस कर भारत के खिलाफ विष वमन करना शुरू किया। उससे भारत को भी नेपाल के साथ उसके आका चीन को करारा सबक सिखाना चाहिए। जिस प्रकार से चीन भारत के हितों पर लगातार कुठाराघात कर रहा है। उसके बाद भी भारत बढे भाई मानते हुए नेपाल की धृष्ठता को नादानी मान कर नजरांदाज कर रहा है। खासकर नेपाल ने जिस प्रकार चीन की शह पर भारतीय हितों व संस्कृति पर एक के बाद एक कुठाराघात कर रहा है, उसे देखते हुए भारतीय जनमानस में गहरा आक्रोश फैल गया। नेपाल ने चीन से गल बहियां करके नया नक्शा बना कर भारत के कई भूभागों पर अपना दावा कर दिया। नेपाल की इस नादानी का करारा जवाब देने के बजाय भारत ने नेपाल की नादानी बता कर नजरांदाज करने की प्रवृति को यह देखकर नेपाल का दुशाहस निरंतर बढ़ रहा है। कभी उसके चीन के मोहपाश में फंस कर नेपाल के हितों पर बज्रपात करने वाले प्रधानमंत्री ओली, भारत नेपाली संयुक्त सांस्कृतिक विरासत के महानायक भगवान राम का ही अपमान करने लग जाते। इतना ही नहीं नेपाल सरकार की शह पर 200 के करीब नेपाली अपराधियों ने भारतीय भू भाग पर बलात कब्जा कर दिया। इसको भी भारत नेपाल की नादानी समझ कर नजरांदाज कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि 22 जुलाई 2020 की सांयकाल नेपाल से लगी भारत के टनकपुर (चंपावत-उतराखण्ड) में ब्रह्मदेव के पास भारत के पिलर नम्बर 811 में नेपाल सरकार की शह पर दो सो नेपाली असामाजिक तत्वों ने ने बलात कब्जा करके तारबाड वहां पर वृक्षारोपण भी कर दिया। यही नहीं शराब के नशे में टूल इन अपराधी तत्वों ने वहां अपने एक दर्जन से अधिक पिलर भी खडे कर दिये। जेसे ही भारतीय भू भाग पर नेपाल के असामाजिक तत्वों द्वारा कब्जा किये जाने की सूचना मिलते ही भारतीय एसएसबी के उप कमांडेट अपने लाव लश्कर के साथ वहां पर इनको रोकने का प्रयाश किया परन्तु ये तत्व सुनने के लिए तैयार नहीं हुए।
इसी विवाद के दोरान वहां नेपाल सशस्त्र बल भी पंहुच गयी। तमाम कोशिशों के बाबजूद ये तत्व अतिक्रमण हटाने के लिए तैयार नहीं हुए। जब नेपाल के अधिकारियों से इस बारे में बताया गया तो वे इस बात का झांसा देते रहे कि नेपाल व भारत के बीच हो रही इस संबंध की वार्ता में यह सुलझ जायेगा और यह अतिक्रमण भी हटाया जायेगा।  ये असामाजिक तत्व इसे नेपाल की जमीन बता कर अपने कब्जे को जायज ठहराते हुए वहां पर डटे हुए थे। इससे नेपाल से लगे इस अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तनाव बढ़ गया।
चीन द्वारा किये गये विश्वासघात पर हजारों वर्ग किमी भारतीय भू भाग पर कब्जा करने की घटना से सबक ले कर भारत को भारतीय भू भाग पर बलात कब्जा करने वाले प्रकरण को हल्के में नहीं लेना चाहिए।भारत सरकार को चाहिए कि जब तक चीन व पाक ने कब्जाये गये भारतीय भूभाग को तुरंत वापस न दे तब तक चीन से सभी प्रकार के संबंध ताड दे ।इसके साथ यह सीधा निर्णय बना दे की भारतीय भू भाग पर कब्जा करने के नापाक कृत्य करने वालों को देखते ही गोली मारे सरकार। इन कब्जा करने वाले तत्वों के साथ नेपाल को दो टूक चेतावनी दे देनी चाहिए थी कि चंद घण्टे के अंदर इनको हटा दो नहीं तो इस अवैध अतिक्रमण को टेंकों से ध्वस्थ कर दिया जाय।जब तक भारत इस प्रकार के कठोर कार्यवाही नहीं करेगा तब तक न चीन व पाकिस्तान कब्जाये गये भारतीय भू भाग को वापस देने वाले हैं व नहीं  नेपाल जैसे देश अपनी भारत विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगायेगा।ेेेेेभारत द्रोहियों से देश की सुरक्षा नहीं की जा सकती।

About the author

pyarauttarakhand5