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उत्तराखंड गौरव शीर्ष लोक गायक हीरा सिंह राणा का निधन , शोक में डूबे उतराखंडी

उत्तराखंड गौरव शीर्ष लोक गायक
हीरा सिंह राणा का निधन , शोक में डूबे उतराखंडी

 प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम

नई दिल्ली उत्तराखंड के शीर्ष लोक गायक हीरा सिंह राणा का  आज 13 जून की तड़के दिल्ली स्थित अपने निवास पर निधन हो गया।
हीरा सिंह राणा की निधन की खबर सुनते ही देश विदेश में रहने वाले  उत्तराखंडियों में उत्तराखंड में शोक की लहर छा गई।

 दिवंगत हीरा सिंह राणा का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट में किया गया ।इसमें बड़ी संख्या पर उत्तराखंड के समाजसेवी पत्रकार साहित्यकार व उनके परिजनों ने भाग लिया।

16 सितंबर 1942 को  अल्मोड़ा जनपद के  डढोली (मानिला) गांव में जन्मे लोक गायक  हीरा सिंह राणा के अंतिम संस्कार में निगमबोध घाट में सम्मलित हुए उत्तराखंड के समाजसेवियों में इस बात का गहरा  आक्रोश था कि  दिल्ली सरकार का कोई वरिष्ठ नुमाइंदा उनको अंतिम संस्कार में नहीं पहुंचा।

इस पर अपनी गहरी पीड़ा को इजहार करते हुए समाजसेवी सुरेंद्र हालसी  ने कहा कम से कम हीरा सिंह राणा जेसे शीर्ष सिर्फ लोक कलाकार के निधन पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के न पहुंचने से उनको गहरा आघात लगा। नहीं दिल्ली सरकार का कोई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी वहां पहुंचा।लोक गायक श्री राणा जी  दिल्ली सरकार की अकादमी की उपाध्यक्ष भी थे और मनीष सिसोदिया के विधानसभा क्षेत्र में से भी हैं थेे।

उत्तराखंड गौरव से सम्मानित हीरा सिंह राणा के निधन की खबर इंटरनेटी  मंच से मिलते ही प्यारा उत्तराखंड के संपादक देव सिंह रावत ने उत्तराखंड के समाजसेवी सुरेंद्र हालसी व आम आदमी पार्टी के नेता बृजमोहन उप्रेती से दूरभाष से संपर्क किया।उनसे यह पता चला है कि वह कुछ दिनों से अस्वस्थ थे और अपने परिवार के साथ दिल्ली पूर्वी दिल्ली में निवास कर रहे थे।
श्री राणा दिल्ली सरकार में गढ़वाली कुमाऊनी व जौनसारी भाषा अकादमी के उपाध्यक्ष भी हैं ।उनके निधन की सूचना पार्षद गीता रावत के द्वारा दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को दी जा चुकी है।
उनके निधन की सूचना मिलते ही उत्तराखंड  राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सहित देश-विदेश में रहने वाले दो करोड़ उत्तराखंडी शो मे डूब गए ।

लोक गायक हीरा  सिंह राणा उत्तराखंड की शीर्ष लोक गायक के साथ साहित्यकार भी रहे । उनके गीतों और कविताओं ने उत्तराखंड की जनमानस को झकझोर के  रखा था उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन से लेकर उत्तराखंड के हक हक हक के संघर्ष में उत्तराखंड की शीर्ष लोक गायक हीरा सिंह राणा  व नरेंद्र सिंह नेगी की जोड़ी सदैव जनता का मार्गदर्शन और उत्साहवर्धन अपने गीतों से करते थे।
उनके अपार योगदान को देखते ही दिल्ली की तत्कालीन मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली के विशाल आयोजन में उन्हें उत्तराखंड गौरव से सम्मानित किया था।
अपनी पत्नी और बेटे के साथ हीरा सिंह राणा जी  पूर्वी दिल्ली में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री  मनीष सिसोदिया  की विधानसभा क्षेत्र में निवास करते थे।
फक्कड़ स्वभाव के हीरा सिंह राणा उत्तराखंड को समर्पित रहते थे और  वे ताउम्र गायकी कोही  समर्पित रहे। श्री हीरा सिंह राणा के समर्पण को देखकर ही दिल्ली के वरिष्ठ समाजसेवी उद्यमी चंद्र बल्लभ टम्टा सहित तमाम संस्था मजबूती से खड़ी रहती थी।
उनके निधन से उत्तराखंड सहित देश की साहित्य व कला जगत में एक भारी रिक्तता पैदा हो गयी है ।
गोपाल बाबू गोस्वामी, नरेंद्र सिंह नेगी व हीरा सिंह राणा जेसे  उत्तराखंड  के शीर्ष गायकों ने  हमेशा उत्तराखंड के समाज को अपनी सांस्कृतिक विरासत से जोड़े रखने का ताउम्र कार्य किया।
इस दुख की घड़ी में प्यारा उत्तराखंड समाचार परिवार उनके शोकाकुल परिवार को जहां अपनी संवेदना प्रकट करता है ।वहीं उत्तराखंड के शीर्ष लोक गायक दिवंगत हीरा सिंह राणा की पावन स्मृति को शत-शत नमन भी करता है।

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