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अमृता रावत के बाद सतपाल महाराज सहित 22 लोगों को भी हुआ कोरोना

उत्तराखंड की पूर्व मंत्री अमृता रावत के कोरोना पीड़ित होने से शासन प्रशासन में मचा हड़कंप,

महाराज सहित 41 लोगों को एकांतवास 

जांच के बाद महाराज सहित 22 लोगों  कोरोना से पीड़ित पाये गए 

प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम

उत्तराखंड के कबीना मंत्री सतपाल महाराज सहित 22 लोगों को कोरोना की बीमारी से पीड़ित पाया गया।

 उल्लेखनीय है कि कल ही सतपाल महाराज की धर्मपत्नी और प्रदेश की पूर्व मंत्री अमृता रावत की जांच रिपोर्ट में करुणा से पीड़ित पाए जाने के बाद सतपाल महाराज सहित 41 लोगों को एकांतवास  गया था ।इसके साथ सभी 41 लोगों की जांच की गई थी जिसकी रिपोर्ट आज आ गई जिसमें सतपाल महाराज सहित 22 लोगों को करना महामारी से पीड़ित बताया गया ।इस खबर के आने के बाद पूरे उत्तराखंड में ही नहीं देश विदेश में हड़कंप मच गया। इसी सप्ताह मंत्रिमंडल की बैठक में सतपाल महाराज भी सम्मिलित थे ।

इससे पहले कल  सतपाल महाराज की धर्मपत्नी  अमृता रावत  की कोरोना जांच  रिपोर्ट में  उन्हें पीड़ित बताया गया था ।

जैसे ही उत्तराखंड  शासन को 30 मई को पूर्व मंत्री अमृता रावत के कोरोना पीड़ित होने की भनक लगी शासन प्रशासन में हड़कंप मच गया । पूर्व  मंत्री अमृता रावत के पति सतपाल महाराज जो विश्व विख्यात संत होने के साथ प्रदेश सरकार में कबीना मंत्री भी हैं ।देश-विदेश में उनके लाखों भक्त हैं ।ऐसे में अमृता रावत को कोरोना पीड़ित होने से कितने लोग संक्रमित हो हो गए होंगे इसी की आशंका से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है ।
आनन-फानन में पूर्व मंत्री के निवास सर्कुलर रोड को एकांतवास घोषित किया गया।
प्रदेश के कबीना मंत्री सतपाल महाराज सहित 41 लोगों को एकांतवास पर रखा गया ।प्रशासन इस बात से भी परेशान हैं की 29 मई को ही सतपाल महाराज प्रदेश के मंत्रिमंडल की बैठक में सम्मलित हुए थे ।इससे प्रदेश के कितने बड़े स्तर पर संक्रमण होने की आशंका से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
सूत्रों के अनुसार महाराज  के मंत्रालय का सारा कामकाज  सरकारी कार्यालय से संचालित किया जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार 24 मई को जब अमृता रावत को अस्वस्थता की आशंका हुई तो उन्होंने इसकी जांच कराई। उस जांच में अमृता रावत कोरना से पीड़ित नहीं बताया गया ।उसके बाद शनिवार को जब निजी जांच लैब से उनकी जांच रिपोर्ट कोरोना पीड़ित की आई,तो इसकी सूचना शासन प्रशासन को दी गई और उन्हें तुरंत एकांतवास पर रखा गया।
उसके बाद स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में पूर्व मंत्री का उपचार किया जा रहा है वह सतपाल महाराज सहित 41 अन्य संपर्क में आए लोगों को एकांतवास में रखा गया है।
इसकी खबर फैलते ही देश-विदेश में सतपाल महाराज की मानव
उत्थान सेवा समिति से जुड़े लाखों
अनुयायियों ने  माता अमृता रावत की शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना प्रराथनाा कर रहे हैं ।
उल्लेखनीय है कि पूरे भारत में कोरोना महामारी संकट के दौरान भी मानव धर्म उत्थान सेवा समिति के हजारों स्वयंसेवकों ने गरीब, मजबूर,उपेक्षित व जरूरतमंद लोगों को भोजन इत्यादि सामग्री का देश के सैकड़ों शहरों में वितरण किया।
सतपाल महाराज जहां धर्मगुरु है वहीं वे   देश के एक वरिष्ठ राजनेता भी है।  उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन के बड़े ध्वजवाहक रहे महाराज पूर्व केंद्रीय मंत्री भी रहे महाराज। उत्तराखंड राज्य गठन के  लिये पहली बार लाल किले के प्राचीर से भारत सरकार की  वचन रुपि घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री देवगौड़ा से कराने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। उत्तराखंड राज्य गठन के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ।
हालांकि उत्तराखंड राज्य का विधिवत गठन अटल बिहारी वाजपेई के शासनकाल में हुआ। मुजफ्फरनगर कांड के पीड़ितों को अपने नारसन से लेकर हरिद्वार प्रेम नगर आश्रम में आश्रय देने का उन्होंने  कार्य किया व
प्रदेश की राजधानी गैरसैंण बनाने के
प्रमुख ध्वजवाहकों में एक रहे।उनके मजबूत कद काठी को देखकर प्रदेश की सभी नेता प्रायः उनसे आशंकित रहते हैं। इन्ही की जुगलबंदी के कारण राजनीतिक दलों के आका उत्तराखंड राज्य को विश्व का सर्वश्रेष्ठ सुंदर राज्य बनाने की कल्पना को धरातल पर साकार करने के लिए राजनीति में पदार्पण करने वाले सतपाल महाराज को प्रदेश का नेतृत्व नहीं सौंप पाए।
गढ़वाल लोकसभा के सांसद रहे प्रदेश के वर्तमान कबीना मंत्री सतपाल महाराज विधानसभा क्षेत्र चौबटाखाल  है।
इसी विधानसभा क्षेत्र से उनकी धर्मपत्नी अमृता रावत  जीतकर प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री रही ।
हंस जी महाराज व माता राजराजेश्वरी देवी के नाम से  विश्व विख्यात धर्मगुरु के चार बेटों में सबसे बड़े पुत्र सतपाल महाराज  ही  धर्म गुरू होने के साथ राजनीति में  भी दखल रखते हैं।

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