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योगी आदित्यनाथ को पितृशोक

89 वर्षीय आनंद सिंह बिष्ट ने दिल्ली के अभाआ संस्थान में ली अंतिम सांस, अंतिम संस्कार पैतृक गांव पंचूर उतराखण्ड के निकटवर्ती गंगा तट घाट पर  हुआ

 

कोरोना महामारी को रोकथाम में लगे रहने के कारण अंतिम संस्कार में नहीं सम्मलित हो पायें  योगी

 

 

 

योगी आदित्यनाथ का फैसला अनुकरणीय है और इसकी सराहना होनी चाहियेवरिष्ठ पत्रकार आशुतोष
देवसिंह रावत-
’देश के सबसे तेजतरार संत व उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के 89 वर्षीय पिता आनंद सिंह बिष्ट ने आज 20 अप्रैल 2020 के सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर स्वर्गवास हो गया। दिवंगत श्री बिष्ट गूर्दे  और लिवर की बीमारी से पीड़ित होने के कारण दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 13 मार्च से  अपना इलाज करा रहे थे। दिवंगत आनंद सिंह बिष्ट का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव पंचूर  के निकटवर्ती गंगा तट पर स्थित घाट पर ही हुआ । उनका शव दिल्ली से सडक मार्ग द्वारा उतराखण्ड लाया गया।।  स्व. आनंद सिंह बिष्ट के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार  ऋषिकेश के लक्ष्मणझूला के पास फूलचट्टी में गंगा तट पर किया गया।बड़े बेटे मानवेंद्र सिंह बिष्ट ने पिता स्व. आनंद सिंह बिष्ट की चिता को मुखाग्नि दी।
फूलचट्टी स्थित गंगा घाट पर 21 अप्रैल की   सुबह नौ बजकर 10 मिनट पर स्व. आनंद सिंह बिष्ट का पार्थिव शरीर फूलचट्टी में गंगा तट पर लाया गया। यहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, स्वामी रामदेव, स्वामी चिदानंद, उत्तर प्रदेश के एडिशनल रेजिडेंट कमिश्नर सौम्य श्रीवास्तव, योगी आदित्यनाथ के ओएसडी राज भूषण सिंह रावत,मदन कौशिक, धन सिंह रावत, संगठन मंत्री अजेय   ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

दिवंगत बिष्ट के निधन पर उनके पैतृक गांव पंचूर (यमकेश्वर-पौडी गढवाल), उतराखण्ड सहित पूरे देश में शोक की लहर छा गयी। कोरोना महामारी से युद्धस्तर पर संघर्ष में उतरे उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ अपने पिता के  अंतिम संस्कार में उतराखण्ड नहीं हो पाये।। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिता जी के अंतिम दर्शन की दिली इच्छा थी परन्तु कोरोना महामारी के चलते बंद हटने के बाद जा पाऊंगा।
दिवंगत आनंद सिंह बिष्ट को अपने गांव से गहरा लगाव रहा। इस कारण उन्होने 1991 में वन विभाग से रेंजर पद से सेवा निवृति के बाद देहरादून व रिषिकेश में बसने के बजाय अपने गांव में ही सपरिवार रहे। दिवंगत आनंद सिंह बिष्ट के शोकाकुल परिवार में उनकी धर्मपत्नी सावित्री देवी व सात संतान (3पुत्रियों व 4पुत्रों ) व उनके परिवार है। उप्र के वर्तमान मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी पांचवीं संतान है। योगी आदित्यनाथ की तीनों बहिने सबसे बडी हैं उसके बाद एक बडे भाई तथा दो छोटे भाई है। दिवंगत आनंद सिंह बिष्ट  के शोकाकुल पुत्रों में महेंद्र सिंह बिष्ट, मनवेन्द्र मोहन, शशि सिंह, शैलेंद्र मोहन है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ का जन्मना नाम अजय सिंह  बिष्ट है।   अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें थे एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं।। 1972 में जन्में अजय सिंह बिष्ट (योगी आदित्यनाथ) छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में जुडने के साथ राममंदिर आंदोलन में भी समर्पित रहे। 1994 में उन्होने गोरखनाथ पीठाधीश्वर श्रीमहंत अवैद्यनाथ से संन्यास दीक्षा ग्रहण करके योगी आदित्यनाथ के रूप में विख्यात हो गये। 12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद योगी आदित्यनाथ को गोरखनाथ मंदिर का पीठाधीश्वर श्रीमहंत बनाया गया।गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से कई बार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ भारत के तेजतरार संत राजनेताओं में विख्यात है।19 मार्च 2017 से श्री आदित्य नाथ योगी को उप्र के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन है। श्री योगी कठोर निर्णय लेने वाले, कुशल प्रशासक व भारतीय संस्कृति के प्रखर ध्वजवाहक नेता के रूप में पूरे देश में विख्यात है। श्री योगी  द्वारा सन्यास लेने के बाद अपने परिजनों से यदाकदा ही मिलते थे। वे अपने पिता के अंतिम संस्कार में सम्मलित होने पर अटकले लगाई जा रही थी।
आदित्यनाथ योगी के पिता जी के निधन की खबरें 19 अप्रैल की रात से ही इंटरनेटी जगत में आने लगी थी। अंतत अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने सुबह 10 बज कर 40 मिनट पर उनके निधन का ऐलान कर दिया। आनंद सिंह बिष्ट के निधन होते ही उनके बेटे आदित्यनाथ योगी से सम्पर्क किया गया तो उस समय मुख्यमंत्री कोरोना अवरोध दल से विशेष मंत्रणा कर रहे थे।
योगी जी को पितृशोक की खबर मिलते ही देश में श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया। प्रसिद्ध योग गुरू रामदेव ने अपनी श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि योगी आदित्य नाथ जी जैसे एक महान संन्यासी के पिता,जो हम सबके लिए भी श्रद्धेय, अनुकरणीय व आदर्श प्रेरक रहे हैं,
ऐसे पूज्य आनंद सिंह बिष्ट जी के दिवंगत होने पर उनकी दिव्य-आत्मा की भगवत शरणागति के लिए प्रार्थना करते हैं तथा समस्त साधु समाज व संन्यास परंपराकी ओरसे श्रद्धांजलि देते हैं ।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष बर्धन ने अपनी श्रद्धांजलि प्रकट करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री आदित्यनाथ योगी जी के पूज्य पिताजी श्री आनंद सिंह बिष्ट जी के गोलोकगमन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि उनकी दिव्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें व शोक संतप्त परिजनों को यह आघात सहने की शक्ति दें।
उतराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि लंबे समय से एम्स दिल्ली में भर्ती उत्तर प्रदेश के मा. मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी के पिताजी श्री आनंद सिंह बिष्ट जी के निधन की खबर सुनकर गहरा दुःख पहुंचा। उपचार के दौरान जब भी मैं उनसे मिला। हमेशा उनके चेहरे की मुस्कान उनके स्वस्थ होने का एहसास दिलाती, लेकिन आज हमारे बीच से उनका यूँ चला जाना हम सबके लिए बेहद दुःखद। परमपिता परमेश्वर पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें व शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करें। !!शान्ति शान्ति शान्ति!!

कांग्रेस के राष्ट्रीय महामंत्री व उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आदरणीय आनंद सिंह बिष्ट जी के निधन के समाचार से अत्यधिक दुःख हुआ। आनंद सिंह जी ने एक राजकीय कर्मचारी के रूप में उच्च आदर्श स्थापित किये। सेवानिवृत्त के बाद उन्होंने समाज के लिये अपने जीवन को अर्पित कर दिया। उनके इन्हीं पुण्यों के प्रताप स्वरूप, उनको योगी आदित्यनाथ जी, जिनका जन्म से नाम अजय है, पुत्र रत्न के रूप में प्राप्त हुये। यह हम सब के लिये गर्व का विषय है कि, उनके पुत्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में जनसेवा और राष्ट्रीय निर्माण के नये आयाम स्थापित कर रहे हैं। मैं, आनंद सिंह जी के आकस्मिक निधन पर गहरी संवेदना, शोक संतप्त परिवार तक प्रेषित करता हूँ और मृत आत्मा की शांति के लिये परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना करता हूँ।

आदित्य नाथ योगी द्वारा कोरोना महामारी में अपने पिता के अंतिम संस्कार में सम्मलित होने जाने के बजाय उप्र को कोरोना महामारी से बचाने में जुटे रहने की सराहना करते हुए भाजपाई विचारधारा के घोर विरोधी वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने कहा कि योगी आदित्यनाथ का फैसला अनुकरणीय है और इसकी सराहना होनी चाहिये । ईश्वर उनके पिता की आत्मा को शांति दे ।

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