उत्तराखंड देश

उत्तराखंड का चहुंमुखी विकास राजधानी गैरसैण बनाने से होगा न कि देहरादून,दिल्ली और मुंबई में पंचतारा भवनों को बनाने से त्रिवेंद्र जी,

राज्यपाल महाराष्ट्र श्री  कोश्यारी एवं मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री रावत ने नवी मुम्बई में किया ‘‘उत्तराखण्ड भवन‘‘ का  लोकार्पण।

उत्तराखण्ड भवन में दो कमरे रोगियों के तीमारदारों के लिए आरक्षितः मुख्यमंत्री

मुम्बई से प्याउ व उतराखण्ड सूचना कार्यालय
15जनवरी 2020 को मुम्बई में कई वर्षोें से बन रहे उतराखण्ड भवन का लोकार्पण महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी व उतराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने संयुक्त रूप से किया।इस भवन के लोकार्पण करने के बाद उतराखण्ड सरकार, पूरे देश में इसका ऐसा डंका बजा रही है कि मानों  त्रिवेन्द्र सरकार ने उतराखण्ड के लिए कोई बहुत बड़ा काम कर दिया हो। इस काम से उतराखण्डियों की दिशा व दशा में क्रांतिकारी सुधार होगा। जबकि इस भवन का निर्माण का कार्य कई वर्षों से चल रहा था।
इस पर त्वरित प्रतिक्रिया करते हुए उतराखण्ड राज्य गठन के वरिष्ठ आंदोलनकारी देवसिंह रावत ने उतराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत सहित उन तमाम लोगों को इस भवन का निर्माण पूरा करने के लिए बधाई देते हुए साफ शब्दों में कहा कि त्रिवेंद्र जी,उत्तराखंड का चहुंमुखी विकास राजधानी गैरसैण बनाने से होगा न कि देहरादून,दिल्ली और मुंबई में पंचतारा भवनों को बनाने से।त्रिवेेन्द्र सरकार को एक बात गांठ बांध लेनी चाहिए कि प्रदेश की राजधानी गैरसैंण न बनाये जाने से व जनांकांक्षाओं को रौंदकर बलात देहरादून में कुण्डली मारकर बैठे रहने से उतराखण्ड के पर्वतीय जनपदों से शिक्षा, चिकित्सा,रोजगार, उद्यम व शासन सब उजड़ कर देहरादून व उसके आसपास मैदानी जनपदों में सिमट कर रह गये है। इससे जहां उतराखण्ड की जनता बेहतर शिक्षा, चिकित्सा व रोजगार आदि सुविधाओं के लिए मजबूरन अपने गांव खलिहाल छोड़ कर शहरों की खाक छानले के लिए पलायन करना पड़ रहा है। इससे हजारों गांव विरान हो गये है। चीन से लगे उतराखण्ड के सीमांत जनपदों से हो रहे इस प्रकार का पलायन देश की सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। इससे उबरने के लिए प्रदेश सरकार को प्रदेश की करोड़ों रूपये लागत की बनी प्रदेश की एकमात्र विधानसभा गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी तुरंत घोषित करनी चाहिए। गैरसैंण में राजधानी बनने से जहां प्रदेश के पर्वतीय व सीमान्त जनपदों में शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, विकास व शासन की स्थिति में भारी सुधार होगा। इससे जहां इन क्षेत्रों से हो रहे विनाशकारी पलायन पर अंकुश लगेगा। राजधानी गैरसैंण बनने से जहां प्रदेश गठन आंदोलन की जनांकांक्षाओं व आंदोलनकारी/शहीदों का सपना पूरा होगा।वहीं प्रदेश का चहुंमुखी विकास होगा। पलायन पर अंकुश लगेगा और देश की सुरक्षा पर सीमांत जनपदों से हो रहे पलायन से मंडरा रहा खतरा भी दूर होगा।इसलिए उतराखण्ड के हुक्मरानों ने अपनी पंचतारा सुविधाओं के मोह में देहरादून में ही कुण्डली मार कर बने रहने का दुराग्रह त्याग कर देश की सुरक्षा, उतराखण्ड की जनांकांक्षाओं व प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए तुरंत गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी घोषित कर देनी चाहिए।अन्यथा बिना गैरसैंण राजधानी घोषित किये देहरादून, दिल्ली व मुम्बई में बन रहे ये तमाम पंचतारा भवन प्रदेश के लिए टोटके ही साबित होगें।

उल्लेखनीय है कि 15 जनवरी को मुम्बई में महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री कोश्यारी व उतराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री रावत ने संयुक्त रूप से उतराखण्ड भवन का लोकार्पण किया। इस अवसर पर    राज्यपाल महाराष्ट्र  भगत सिंह कोश्यारी ने उत्तराखण्ड भवन के निर्माण के लिए उत्तराखण्ड वासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी। उन्होंने मकर सक्रांति की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश द्रुत गति से प्रगति कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऑल वेदर रोड व हवाई सेवा के विकास से कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है। उन्होंने कहा कि अपने गाँवों से जुड़े रहने से हम अपनी संस्कृति को भी संरक्षित रख सकेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति का वरदान प्राप्त है। उत्तराखण्ड गंगा-यमुना जैसी पावन नदियों का प्रदेश है। उन्होंने कहा कि मराठी और उत्तराखण्ड की भाषा में भी समानता है, जो हमें एकत्व का बोध कराती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भविष्य में दोनों राज्यों के लोगों को एक दूसरे की संस्कृति को निकट से जानने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि मकर सक्रांति के पावन पर्व पर उत्तराखण्ड भवन का लोकार्पण व शुभारम्भ उत्तराखण्ड व महाराष्ट्र के लिए सांस्कृतिक व आर्थिक क्षेत्र में एक नई क्रान्ति का प्रारम्भ है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने मकर संक्रांति की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए सभी के जीवन में सुख समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि मकरैण पर्व के अवसर पर लोकार्पित उत्तराखण्ड भवन निश्चित रूप से राज्य के सम्मान का प्रतीक साबित होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड भवन के द्वार प्रदेश व प्रदेश के बाहर के लोगों के लिए सदैव खुले रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि उत्तराखण्ड भवन में दो कमरे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के रोगियों के तीमारदारों के लिए आरक्षित रहेंगे। उत्तराखण्ड भवन में उत्तराखण्ड के उत्पाद भी उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही, पर्यटकों एवं निवेशकों की सहायता हेतु इनमें कार्यालय स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आज उत्तराखण्ड की ओर फिल्म इंडस्ट्री का रूझान बढ़ा है। उत्तराखण्ड को हाल ही में बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट का अवार्ड प्राप्त हुआ है। फिल्म कॉन्क्लेव के आयोजन के बाद मिले सुझावों के अनुसार अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। जिसके चलते उत्तराखण्ड में लगभग 200 से अधिक विभिन्न भाषाओं की फिल्मों और सीरियल्स की शूटिंग चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने छोटे-छोटे ग्रामों को मोटर मार्गों से जोड़ा है। राज्य को रोड कनेक्टिविटी और विलेज कनेक्टिविटी के क्षेत्र में 10 अवार्ड प्राप्त हुए हैं। राज्य के घर-घर को बिजली पहुंचायी जा चुकी है। देश के पहले तीन ओडीएफ राज्यों में उत्तराखण्ड शामिल है। उन्होंने कहा कि नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिये राज्य सरकार लगातार कार्य कर रही है। कोसी और रिस्पना नदियों के पुनर्जीवीकरण का कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इनवेस्टर समिट के बाद 01 लाख 84 हजार करोड़ के एमओयू साईन किए गए जिसमें से 18 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट ग्राउण्ड पर आ चुके हैं इससे लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। राज्य में चीड़ से बिजली उत्पादन के 37 प्रोजेक्ट प्रारम्भ हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से कार्य हो रहा है। राज्य सरकार एडवेंचर टूरिज्म में बढ़ावा देने के लिए इससे सम्बन्धित अलग से विभाग बनाने जा रही है। प्रदेश में नये पर्यटन क्षेत्रों के विकास के लिए 13 डिस्ट्रिक्ट 13 न्यू डेस्टिनेशन योजना पर कार्य कर रही है। एयर कनेक्टिविटी के विकास पर भी कार्य किया जा रहा है। सीमान्त क्षेत्रों के विकास के लिए मुख्यमंत्री सीमान्त क्षेत्र विकास योजना लायी जा रही है। इसके अन्तर्गत प्रदेश के 27 सीमान्त विकासखण्डों के विकास के लिए कार्य किया जाएगा। इससे सीमान्त क्षेत्रों से पलायन को रोकने में सहायता मिलेगी। ऊन उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ऑस्ट्रेलिया से मरीनो भेड़ें लायी गयी हैं, ताकि पशुपालन से जुड़े किसानों को अधिक लाभ हो सके।
इस अवसर पर राज्य मंत्री श्रीमती रेखा आर्या, विधायक धन सिंह नेगी, महाराष्ट्र से स्थानीय विधायक  गणेश नाईक, श्रीमती मंदा विजय म्हात्रे, मेयर देहरादून सुनील उनियाल ‘गामा’, मेयर एन.एम.एम.सी वाशी नवीं मुम्बई  जयवंत दत्तात्रेय सुतार, सचिव राज्य सम्पत्ति  अरविन्द सिंह ह्यांकी, महानिदेशक सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग एवं अपर सचिव मुख्यमंत्री डा. मेहरबान सिंह बिष्ट, अपर सचिव राज्य सम्पत्ति  प्रदीप सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखण्डी उपस्थित थे।

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