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शहीद देवसिंह नेगी की पहली पुण्य तिथी पर राजधानी दिल्ली में आंदोलनकारियों ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

गैरसैंण राजधानी सहित उतराखण्डी जनांकांक्षाओं को साकार करने सेे होगा उतराखण्ड का कल्याण व स्व. देवसिंह नेगी सहित शहीदों की शहादत का सम्मान

नई दिल्ली (प्याउ)।  6 मई को उतराखण्ड राज्य व राजधानी गैरसैंण सहित उतराखण्डी जनांकांक्षाओं के लिए समर्पित रहे शहीद देवसिंह नेगी की पहली पुण्य तिथि पर उतराखण्ड समाज के हितों के लिए समर्पित उतराखण्ड राज्य आंदोलनकारियों व समाजसेवियों ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राजधानी गैरसैंण बनाने के लिए समर्पित होने का संकल्प लिया। इस श्रद्धांजलि सभा का आयोजन जगमोहन जिज्ञासू की पहल पर वायस आफ माउंटेन ने किया। वहीं शहीद देव सिंह नेगी के आवास पर लक्करपुर सूरजकुंड फरीदाबाद में उनके परिजनों की उपस्थिति में सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रथम वरसी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

सभा में उपस्थित आंदोलनकारियों ने एक स्वर में उतराखण्ड प्रदेश की सरकार सहित सभी राजनैतिक दलों की इस बात के लिए कडी भत्र्सना की कि उन्होने राजधानी गैरसैंण सहित राज्य गठन की तमाम जनांकांक्षाओं को निर्ममता से रोंदने का कृत्य किया। इसके साथ प्रदेश की त्रिवेन्द्र सरकार की इस बात के लिए कडी भत्र्सना की कि तमाम ज्ञापन दिये जाने के बाबजूद न तो प्रदेश सरकार ने शहीद देवसिंह नेगी के परिवार की सुध ली व नहीं उनके सपनों की राजधानी गैरसैंण बनाने की दिशा में एक कदम भी उठाया।
गौरतलब है कि गत वर्ष 6 मई 2018 को संसद की चैखट संसद मार्ग पर उतराखण्ड की राजधानी गैरसैंण बनाने की पुरजोर मांग को लेकर उतराखण्डी समाज ने ‘उतराखण्ड एकता मंच दिल्ली’ के आवाहन पर विशाल प्रदर्शन ‘हुंकार रैली का आयोेजन किया था। राजधानी गैरसैंण के लिए 6 मई 2018 को संसद की चैेखट संसद मार्ग पर आहुत ‘हुंकार रैली’ में सम्मलित होने के लिए आते समय दिल्ली तुगलकाबाद मेट्रो स्टेशन के समीप एक सडक दुर्घटना में देवसिंह नेगी शहीद हो गये। इस दुर्घटना के बारे में जानकारी देते हुए दुर्घटना के साक्षी रहे समाजसेवी युवा जगजीत सिंह बिष्ट ने बताया कि 6 मई को संसद मार्ग पर आयोजित गैरसैंण रैली में भाग लेने के लिए देवसिंह नेगी के साथ  बाईक पर सवार होकर आ रहे थे । जैसे ही दिल्ली तुगलकाबाद मैट्रो स्टेशन पर उनकी बाईक के आगे से अचानक सूअर आने के कारण उन्होने ब्रेक लगायी उनके पीछे से तेजी से  आ रहा आटो ने उनकी बाईक पर टक्कर मारी जिससे पिछली सीट पर बेठे देवसिंह नेगी जी नीचे गिर गये , उनके सर पर चोट लग गयी। यकायक आयी इस आपदा से वह स्तब्ध था आनन फानन में  शहीद देवसिंह नेगी को  सफदरजंग ट्रामा सेन्टर (अस्पताल) ले जाया गया जहाँ डाक्टर उनको बचा नही पाये। इस दुर्घटना से मै आज भी स्तब्ध हूॅ। शोकाकुल परिवार में उनकी पत्नी दो बेटियाँ व एक बेटा है।
प्रथम पुण्यतिथी पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी वक्ताओं ने राजधानी गैरसैंण सहित उतराखण्डी समाज से राज्य गठन की जनांकांक्षाओं को साकार करने के लिए दलगत राजनीति से उपर उठ कर एकजूट होने का आवाहन किया। इस अवसर पर जहां शहीद परिवार के साथ के सुख दुख में साथ खडे होने पर भी गहन विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर जहां उतराखण्ड एकता मंच के शशिमोहन कोटनाला  व दिगमोहन नेगी ने शहीद देवसिंह नेगी के परिजनों को आर्थिक सहयोग के साथ उनके बेटे के रोजगार दिलाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर अनैक युवाओं ने ऐसी दुर्घटनाओं के समय समाज के लिए समर्पित समाजसेवियों के परिजनों का साथ खडा होने के लिए एक कोष बनाने पर भी जोर दिया।
शहीद देवसिंह नेगी की प्रथम पुण्य तिथी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा का संचालन प्रदीप बेलवाल ने किया। सभा में शहीद देवसिंह नेगी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलिदेने वालों में उतराखण्ड राज्य गठन आंदोलन के शीर्ष आंदोलनकारी देवसिंह रावत, शहीद देवसिंह नेगी के करीबी मित्र जगमोहन जिज्ञासू, शशिमोहन कोटनाला, दिगमोहन नेगी, पत्रकार चारू तिवारी, उतराखण्ड जनमोर्चा के अध्यक्ष दलवीर रावत,  नंदन सिंह रावत व श्री पंत आदि आंदोलनकारी प्रमुख है।
सभा में सम्मलित प्रमुख आंदोलकारियों व समाजसेवियों में उतराखण्ड एकता मंच के डा विनोद बछेती, उतराखण्ड महासभा के अनिल पंत, उक्रांद नेता देवसिंह बिष्ट, उतराखण्ड राज्य आंदोलनकारी शीर्ष रंगकर्मी खुशहाल सिंह बिष्ट, उमेश रावत, नरेश देवरानी, साहित्यकार दिनेश ध्यानी,पृथ्वीसिंह केदारखण्डी व रमेश हितैषी,  जगत सिंह बिष्ट, देव सौंटियाल व श्री भट्ट  आदि  ने भाग लिया।

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