देश

72 साल तरस रहा है भारत एक देशभक्त चौकीदार के लिए

जो देश को अंग्रेजी व इंडिया की  गुलामी से मुक्त कर सके, जो  आतंकी व देश द्रोहियों से भारत की रक्षा कर सके, जो सबके शिक्षा, रोजगार न्याय, सम्मान व सुशासन दे सके, भारत को गो हत्या व नशा से मुक्ति दिला सके

नई दिल्ली (प्याउ)। आजकल देश में चारों तरफ मैं भी चौकीदार हूॅ का ही हाय हल्ला है। आज 31 मार्च की सांय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में ‘मैं चौकीदार हॅू’ सम्मेलन को संबोधित करते हैं। मै चैकीदार हॅू नामक कार्यक्रम देशभर में करीब 500 स्थानों पर होगा जिसमें करोड़ लोग खुद को मै चौकीदार हॅू की हुंकार भरेंगे।
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा मैं चौकीदार हॅू कहने के बाद भाजपा के तमाम नेता व कार्यकत्र्ताओं में ऐसी हौड मच गयी कि जिसे देखों वह खुद को मैं भी चौकीदार हॅू कहने में लगा है। न केवल मै चैकीदार हॅू की हुंकार भर रहा है अपितु ट्वीटर सहित इंटरनेटी दुनिया में ऐसा धमाल मचा हुआ है कि लाखों लोग खुद को चौकीदार बनने, स्वयं घोषित करने की व कहलाने की । पूरी दुनिया हैरान है कि यह भारत में हो क्या रहा है। जिसे देखों वह खुद को चौकीदार कह रहा है।

मैं चैकीदार हॅू की हुंकारों के बीच जहां एक तरफ भारत की 130 करोड़ जनता 17वीं लोकसभा के गठन की जिद्दोजहद में जुटी हुई है। वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का राजग गठबंधन व कांग्रेस सहित तमाम विरोधी महागठबंधन एक दूसरे को देश के हितों पर कुठाराघात करने वाला व भ्रष्टाचारी बता कर देश की जनता से जनादेश की गुहार लगा रहा है। ‘मैं चौकीदार हॅू ’की हुंकार सुन कर देश स्तब्ध है। यह मैं चौकीदार हॅू की हुंकार देश के जनमानस को अचानक झकझोरने वाला नारा इस साल उसी तरह देशव्यापी बना, जिस प्रकार 2014 के लोकसभा चुनाव में चायवाला छाया था। तब चाय पर एक चर्चा, इत्यादि अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। एक प्रकार से 2014 को लोकसभा चुनाव चाय पर केन्द्रीत हो गया। ठीक उसी प्रकार 2019 का लोकसभा चुनाव भी ‘मैं चौकीदार हॅू ’एक प्रकार से आम जनता की जुबान पर छा गया। जो लोग कल तक चौकीदार को हेय समझते थे वे भी बडे गौरव से खुद को ‘मैं चौकीदार हॅू ’ कह रहे हैं।
यह ‘मैं चौकीदार हॅू ’की जय घोष अचाचक भारती जनमानस की जुबान पर तक चर्चा में आया जब गत लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने मोदी को चायवाला कह कर करारे प्रहार किया। यानी मोदी को चायवाला बता कर उसका तिरस्कार सा किया। ठीक उसी तरह इस समय मोदी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में खुद को चैकीदार कहने पर जब राहुल गांधी ने राफेल विमान सौदे प्रकरण में ‘मैं चैकीदार हॅू ’पर कटाक्ष करते हुए चौकीदार चोर है’ के नारों से कडे प्रहार किये। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद को ईमानदार चौकीदार बताते हुए ‘कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष को भ्रष्टाचारी बताते हुए विरोधियों के प्रहारों ंका अपना कवच बना कर ‘मैं चौकीदार हॅू ’ का देशव्यापी अभियान बना कर पूरे देश को स्तब्ध कर दिया।

इस पर कडी प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए भारतीय मुक्ति सेना के प्रमुख देवसिंह रावत ने कहा कि 72 साल से देश के हुक्मरानों ने देश को विदेशी भाषा अंग्रेजी व इंडिया नाम का बेशर्मी से गुलाम बनाया है। देश की अपनी भाषा व भारत नाम से वंचित रखा है।
इन लाखों चौकीदारों के भरमार के बाबजूद हकीकत यह है कि देश 72 सालों से एक मजबूत देशभक्त चौकीदार की राह ताक रहा है। एक मजबूत चौकीदार न होने से कभी संसार में विश्व गुरू व विकास में सोने की चिडिया के नाम से विख्यात भारत दुनिया का असहाय,गरीब, उपेक्षित व पीडित देश बन गया है। दुनिया के सबसे अधिक नेता, इंजीनियर, चिकित्सक, वैज्ञानिक, बुद्धिजीवी, दार्शनिक, वीर होने के बाबजूद भारत की इस बर्बादी का एक ही कारण है कि यह देश भारत दुनिया का सबसे अधिक अभागा देश है जिसका अपना नाम, अपनी भाषा व अपना कोई इतिहास व सम्मान नहीं है। लाखों सपूतों द्वारा भारत को विदेशी दासता से मुक्ति के लिए अपना सर्वस्व बलिदान देने से अर्जित आजादी को देश के हुक्मरानों ने 1947 से अंग्रेजों के भारत से जाने के बाद भारत को उन्हीं अंग्रेजों की भाषा ‘अंग्रेजी’ व उनके द्वारा थोपे गये ‘इंडिया’ नाम का गुलाम बना दिया है। अंग्रेजों के जाने के 72 सालों से बाबजूद भारत आज भी अंग्रेजी व इंडिया का गुलाम बना हुआ है। संसार में सभी देश अपने नाम व अपनी भाषा में शिक्षा, रोजगार, न्याय, शासन व सम्मान विकास का परचम पूरे विश्व में लहरा रहे है। परन्तु भारत के 72 साल के तमाम शासक विश्व को न तो इस देश का नाम न बता पाये व नहीं ंदेश का अपनी भाषा में शिक्षा, रोजगार, न्याय, सम्मान व सुशासन ही दे पाये।
देश की सुरक्षा करने में पूरी तरह असफल रही सरकारें- देश की सुरक्षा की यह हालत है कि जो पाकिस्तान भारत के हर शहर व हर गली में धर्म के नाम पर नफरत व आतंक का विष वमन करने के साथ भारत की सर्वोच्च सदन संसद, मुम्बई, पठानकोट, उड़ी व पुलवामा तक निरंतर हमला कर भारत को बर्बाद करने में दशको से लगा हुआ है। परन्तु देश की सरकारें इस भारत को तबाह करने वाले आतकी देश पाकिस्तान को करारा सबक सिखाना तो रहा दूर वह बेशर्मी से इस आतंकी देश पाकिस्तान को दुश्मन व आतंकी देश घोषित कर सभी सम्बंध तोड़ने का अपना प्रथम संवैघानिक दायित्व का निर्वहन तक नहीं कर पाये। इन हुक्मरानों के देश हितों की शर्मनाक उपेक्षा का ज्वलंत उदाहरण है कि जब गत माह पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद ही पाकिस्तान से सबसे मित्र राष्ट्र का दर्जा हटाया गया। उसे आतंकी देश घोषित नहीं किया गया। उससे सभी प्रकार के संबंध नहीं तोडे गये।
देश की संस्कृति, गौरव, सम्मान, इतिहास को गौ हत्या, नशा, भारतीय इतिहास विकृत करके पतित किया हुआ है। देश में भारतीय मूल्यों को संचारित करने वाली शिक्षा, इतिहास व गौरव के अभाव में अंग्रेजीयत की लूटवादी तंत्र संचारित है। इससे पूरा देश भ्रष्टाचार, राष्ट्र विरोधी तत्वों का ऐशगाह बन गया है। पूरा तंत्र भारत को जमीदोज करने में लगा है। देश के गौरव राम ,कृष्ण व शिव के आराध्य स्थलों पर अन्याय का  कलंक लगाया हुआ है। गौ हत्या व कत्लगाहों को जारी रख कर भारतीयों की आस्थाओं को रोंदा जा रहा है। देश की सरकारें, दल व न्याय व्यवस्था न्याय व देश के हितों की रक्षा करने में असफल रही।  
देश के युवाओं को रोजगार, न्याय व सुशासन से वंचित कर पतन के गर्त में धकेला जा रहा है। चीनी उत्पादों से भारतीय अर्थव्यवस्था व कल कारखाने व लघु उद्योेग चौपट हो गया है। उनको केवल अच्छे दिनों के सब्जबाग दिखाया जा रहा है। राजनैतिक दल मात्र अपनी अंध सत्तालोलुपता को शांत करने के लिए देश में जातिवाद,क्षेत्रवाद, अधर्म व भ्रष्टाचार के गर्त में धकेल रहे है। देश की कोई राष्ट्रीय, सामरिक, आर्थिक ठोस नीति नहीं है। अमेरिका,रूस, चीन व इजराइल सहित तमाम विकसित देश अपने देश की मजबूती के लिए काम कर रहे है भारत की सरकारें देश की भाषा, नाम, इतिहास, संस्कृति, सम्मान सहित देशहितों को अपनी सत्ता के लिए बेशर्मी से रौंद रहे है। ऐसे में जरूरत है देश को एक ईमानदार चौकीदार की।

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