देश

न्यायालय का फैसला आने से पहले कानून नहीं बनाने की हुंकार भरने वाले प्रधानमंत्री मोदी की सरपरस्ती किया गया सांसदों का वेतन दुगुना

सर्वोच्च न्यायालय के फेसले तक अध्यादेश या संसद में कानून नहीं बनायेगी सरकार – प्रधानमंत्री मोदी सरकार
 वहीं 16 वीं लोकसभा में सांसदों का वेतन दुगुना करने सहित 171 विधेयक हुए अधिनियमित
प्रधानमंत्री के बयान के बाद संघ व विहिप ने पुन्न दोहराई राममंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने की मांग

 

नई दिल्ली से देवसिंह रावत
पहली जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, देश की एक प्रतिष्ठित समाचार ऐजेन्सी को  अपने साक्षात्कार में दो टूक शब्दों में स्पष्ट कर रहे थे कि उनकी सरकार राम मंदिर के मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने के बाद ही कदम उठायेगी। ठीक उसी दिन उनकी सरकार का  संसदीय कार्य मंत्रालय, मोदी सरकार के कार्यकाल में यानी 16वीं लोकसभा  मई 2014- दिसम्बर 2018तक के कार्यकाल में सांसदों का वेतन दुगुना करने सहित 171 विधेयकों को अधिनियमित किये। प्रधानमंत्री मोदी के इस साक्षात्कार से साफ हो गया कि मोदी सरकार ने संघ सहित देश के करोड़ों भारतीयों की न्याय पालिका द्वारा राम मंदिर  वाद को जानबुझ कर उपेक्षा करने से व्यथित हो कर शीघ्र अध्यादेश या कानून बना कर श्रीराम मंदिर निर्माण की राह बनाने की पुरजोर मांग को दरकिनारे कर दिया है। प्रधानमंत्री के इस बयान से व्यथित संघ ने बहुत ही संयमित प्रतिक्रिया प्रकट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के बयान का स्वागत करते हुए कहा कि हमें प्रधानमंत्री का बयान एक सकारात्मक कदम लगता है। संघ ने   प्रधानमंत्री को  भाजपा के पालमपुर अधिवेशन(1989) में राम मंदिर निर्माण के पारित प्रस्ताव का भी स्मरण कराया। परन्तु मोदी के इस बयान से आम भारतीयों को बेहद आहत व स्तब्ध है कि भगवान राम के मंदिर के निर्माण के लिए दशकों तक देशव्यापी आंदोलन किया। जनादेश मांगते हुए देश से राम मंदिर निर्माण का वादा किया। अब सत्ता में आने के बाद आम जनता को अच्छे दिन का शासन लाने का वादा करने वाली भाजपा की मोदी सरकार को सांसदो का वेतन दुगुना करने की फुर्सत है परन्तु अपने देश से किये गये ‘राम मंदिर निर्माण’ का वादा याद नहीं रहा। विश्व हिंदू परिषद ने प्रधानमंत्री के बयान के बाद पुन्न राम मंदिर बनाने के लिए न्यायालय के फैसले का अनंत काल तक इंतजारी करने के बजाय तुरंत कानून बनाने की मांग की।
संसदीय कार्य मंत्रालय, मोदी सरकार के कार्यकाल में यानी 16वीं लोकसभा  मई 2014- दिसम्बर 2018तक के कार्यकाल पर प्रकाश विस्तार से डाला गया।

संसदीय कार्य मंत्रालय, केन्द्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों में से एक है। संसदीय कार्य मंत्रालय को संसद में सरकार की ओर से विविध और संसदीय कार्यों को कुशलतापूर्वक संभालने का दायित्व सौंपा गया है। इस प्रकार संसदीय कार्य मंत्रालय संसद में सरकार के कार्य के संबंध में संसद के दोनों सदनों और सरकार के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है। नीचे दिए गए विवरण मई 2014 से मंत्रालय की उपलब्धियों को दर्शाते हैं,  इसमें वर्ष 2018 की उपलब्धियों पर विशेष जोर दिया गया है-

विधायी कार्य

16 वीं लोकसभा में राज्यसभा के समक्ष लंबित विधेयक-120

 

16 वीं लोकसभा के समक्ष लंबित विधेयक-00

16वीं लोकसभा में संसद का विधायी कार्य राज्य सभा लोक सभा योग
प्रस्तुत किये गये विधेयक 07 204 211
पारित विधेयक 189 145 334
अधिनियमित विधेयक 171

 

1 जनवरी 2018 से 30 नवंबर 2018 तक संसद का विधायी कार्य राज्य सभा लोक सभा योग
प्रस्तुत किये गये विधेयक 01 30 31
पारित विधेयक 17 30 47
अधिनियमित विधेयक 30

 

16वीं लोकसभा में विशेष उल्लेख/नियम 377 कुल उत्तर लंबित
विशेष उल्लेख 373 78 295
नियम 377 2283 721 1562

 

1 जनवरी 2018 से 30 नवंबर 2018 तक विशेष उल्लेख/नियम 377 कुल उत्तर लंबित
विशेष उल्लेख 111 11 100
नियम  377 694 163 531

 

विभिन्‍न राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक

संसदीय कार्य मंत्री ने प्रत्‍येक सत्र के पहले पारस्‍परिक हित के विषयों पर विचार विमर्श करने के लिए विभिन्‍न राजनीतिक दलों /समूहों के नेताओं के साथ बैठक की।  मई 2014 से 31 दिसम्‍बर 2017 की अवधि के दौरान ऐसी 13 बैठकें हुईं। 1 जनवरी, 2018 से दिसम्‍बर 2018 तक ऐसी तीन बैठकें आयोजित की गई।

सद्भाव शिष्‍टमंडल

देश के सांसद देश की नीति निर्धारण तथा अन्‍य देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेषकर भारत जैसे लोकतांत्रिक और विकासशील देश के लिए कुछ सांसदों तथा विशिष्‍ट व्‍यक्तियों को चुनने और उन्‍हें दूसरे देशों के समकक्षों के साथ अपने देश की नीतियों, कार्यक्रमों तथा विभिन्‍न क्षेत्र में उपलब्धियों को प्रस्‍तुत करने में उनकी सेवाएं प्राप्‍त करने के लिए उपयोगी और आवश्‍यक है।

इस उद्देश्‍य को ध्‍यान में रखते हुए संसदीय कार्य मंत्रालय संसद सदस्‍यों के लिए दूसरे देशों की सद्भावना यात्रा को प्रायोजित करता है और विदेश मंत्रालय के माध्‍यम से आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत दूसरे देशों के प्रायोजिक शिष्‍ट मंडलों की अगवानी करता है।

मई 2014 से 31 दिसम्‍बर, 2017 तक संसदीय कार्य मंत्री/संसदीय कार्य राज्‍य मंत्री के नेतृत्‍व में 5 सद्भावना शिष्‍टमंडल विदेश गये। इन शिष्‍टमंडलों में विभिन्‍न राजनीतिक दलों के सांसद थे। 1 जनवरी, 2018 से दिसम्‍बर 2018 तक एक सद्भावना शिष्‍टमंडल ने विभिन्‍न देशों की यात्रा की।

अखिल भारतीय सचेतक सम्‍मेलन

संसदीय कार्य मंत्रालय केन्‍द्र और राज्‍य स्‍तर पर विभिन्‍न राजनीतिक दलों के सचेतकों के बीच संपर्क स्‍थापित करने, समान हित के विषयों पर विचार करने और संसदीय लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए अखिल भारतीय सचेतक सम्‍मेलन का आयोजन करता है। मई 2014 से मंत्रालय द्वारा निम्‍नलिखित सम्‍मेलन आयोजित किये गये हैं।

16वां 13-14 अक्‍टूबर, 2014 गोवा
17वां 29-30 सितम्‍बर, 2015 विशाखापत्‍तनम
18वां 08-09 जनवरी, 2018 उदयपुर

 

विभिन्‍न अधिनियमों में संशोधन

संसद के अधिकारियों का वेतन और भत्‍ता संशोधन अधिनियम, 1953 को वित्‍त विधेयक 2018 के माध्‍यम से पारित किया गया है, जिसके अनुसार राज्‍यसभा के माननीय सभापति का वेतन 1.25 लाख रूपये से बढ़ाकर 4 लाख रूपये कर दिया गया है।

संसद सदस्‍यों का वेतन, भत्‍ता तथा पेंशन संशोधन अधिनियम, 1954 को वित्‍त विधेयक 2018 के माध्‍यम से पारित किया गया है, जिसके अनुसार संसद सदस्‍यों का वेतन प्रति महीने 50,000 रूपये से बढ़ाकर 100,000 रूपये प्रतिमाह कर दिया गया है। पूर्व सांसदों की पेंशन राशि 20,000 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 25000 रूपये प्रतिमाह कर दी गई है और प्रतिमाह 1500 रूपये की अतिरिक्‍त पेंशन राशि को बढ़ाकर प्रतिमाह 2000 रूपये कर दिया गया है। यह 5 वर्ष से अधिक की अवधि में दी गई प्रत्‍येक वर्ष की सेवा के लिए है।

केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने 28.2.2018 को (i) आवास और टेलीफोन सुविधाएं (संसद सदस्‍य) नियम, 1956 (i i) संसद सदस्‍य (निर्वाचन क्षेत्र भत्‍ता) नियम 1986 (i i i) संसद सदस्‍य (कार्यालय व्‍यय भत्‍ता) नियम, 1988 में संशोधन के मंत्रालय के प्रस्‍ताव को अपनी मंजूरी दे दी है।

संबंधित अधिनियमों में उपरोक्‍त संशोधनों को प्रभावी बनाने के लिए कानून और विधि मंत्रालय द्वारा 29 मार्च, 2018 को गजट अधिसूचना जारी की गई। अधिनियम के अंतर्गत पैरा 4 में उल्लिखित संशोधनों को शामिल करने वाले प्रासंगिक नियम 28 मार्च, 2018 को संसद के संबंधित सचिवालय द्वारा गजट अधिसूचना में जारी किये गये हैं।

मंत्रालय ने ई-ऑफिस को लागू करना

मंत्रालय ने उत्‍पादकता बढ़ाने तथा बेहतर रिकॉर्ड रखने के लिए ई-ऑफिस लागू किया है। इस ऑनलाइन पद्धति से फाइल प्रस्‍तुत करने तथा उसकी गतिविधि, अवकाश प्रबंधन, प्राप्ति प्रबंधन आदि के काम से फाइलों के निष्‍पादन की गति बढ़ी है। मंत्रालय अब ई-ऑफिस के माध्‍यम से पूरी तरह ऑटोमेशन कर रहा है और इसके लिए मंत्रालय को कार्मिक, पीजी  तथा पेंशन राज्‍य मंत्री की ओर से प्रशस्ति प्रमाण पत्र दिया गया है। भारत सरकार में संसदीय प्रक्रिया मैनुअल को मई 2018 में अद्यतन किया गया।

नेशनल ई-विधान ऐप्‍लीकेशन (एनईवीए)

सदस्‍य केंद्रित ऐप्‍लीकेशन एनईवीए सदन के दैनिक कामकाज से संबंधित विषयों का समाधान करता है। सभी 40 सदन एक ऐप्प पर हैं जिससे यह राष्‍ट्रीय ऐप्प ‘एक देश एक ऐप्‍लीकेशन’ की धारणा प्रदान करता है। एनईवीए कार्य सूची की तैयारी, प्रश्नोत्‍तर रिपोर्ट तथा अन्‍य संबंधित दस्‍तावेजों सहित सदन के कामकाज में प्रबंधन के लिए क्‍लाउड (मेघराज) में तैनात कार्य प्रवाह आधारित ऐप्‍प है। मोबाइल ऐप्‍प, एनईवीए ऐप्‍लीकेशन का मूल स्‍तम्‍भ है।

एनईवीए का इस्‍तेमाल केन्‍द्र और राज्‍य दोनों स्‍तरों पर सांसदों/विधायकों तथा सभी सरकारी विभागों द्वारा किया जाएगा जिससे सदनों के कामकाज में व्‍यापक परिवर्तन होगा और संसद /राज्‍य विधानमंडलों के सदस्‍य अपने विधायी उत्‍तरदायित्‍वों को सुविधाजनक तरीके से पूरा करेंगे।

विभिन्‍न राज्‍यों ने डिजिटल विधायिका के लिए एनईवीए को परियोजना रूप में अपनाया है और इस पर काम कर रहे हैं। विधान पालिकाओं, सीपीएमयू के अधिकारियों के क्षमता सृजन के लिए ज्ञान हस्‍तांतरण के एक मात्र उद्देश्‍य के साथ एनईवीए ने संबंधित विधानसभा / विधान परिषद /राज्‍य एनआईसी के साथ सहयोग करके सदन प्रशिक्षण/ कार्यशाला कार्यक्रम प्रारंभ किया है। विभिन्‍न विधानमंडलों में निम्‍नलिखित कार्यशालाएं आयोजित की गईं :

चंडीगढ़ में 16-17 अक्‍टूबर, 2018 को पंजाब विधान सभा में कार्यशाला

हैदराबाद में 23-24 अक्‍टूबर को तेलांगना विधानमंडलों में कार्यशाला

गंगटोक में 2-3 नवम्‍बर, 2018 को सिक्किम विधानसभा में कार्यशाला

कर्नाटक विधानसभा – बेंगलुरु में 2-3 नवंबर, 2018

बिहार विधानसभा – पटना में 5-6 नवंबर, 2018

मणिपुर विधानसभा – इंफाल में 19-20 नवंबर, 2018

नगालैंड विधानसभा – कोहिमा में 19-20 नवंबर, 2018

गुजरात विधानसभा – गांधीनगर में 26-27 नवंबर, 2018

अरूणाचल प्रदेश विधानसभा – ईटानगर में 26-27 नवंबर, 2018

आश्वासन (राज्यसभा)

 

1 कुल प्राप्त की गई लागू रिपोर्टें 378
2 प्राप्त किए गए पत्र 786
3 बहस 54
4 चयनित आश्वासन 389
5 सदन में रखी गई लागू रिपोर्टें  (जनवरी से नवंबर, 2018) 375
6 समाप्त किए गए 1607

 

आश्वासन (लोकसभा)

 

1 कुल प्राप्त की गई लागू रिपोर्टें 944
2 प्राप्त किए गए पत्र 1150
3 बहस 54
4 चयनित आश्वासन 553
5 सदन में रखी गई लागू रिपोर्टें  (जनवरी से नवंबर, 2018) 552
6 समाप्त किए गए 1333

 

पहल

संसदीय कार्य मंत्रालय ने 24 अप्रैल, 2018 और 01 मई, 2018 को ऑनलाइन आश्वासन निगरानी प्रणाली (ओएएमएस) के शुभारंभ के संदर्भ में सभी मंत्रालयों/विभागों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया।

 

युवा संसद प्रतियोगिता

युवा संसद प्रतियोगिता के लिए संसदीय कार्य मंत्रालय निम्न चार योजनाओं का संचालन करता हैः-

दिल्ली के स्कूलों के लिए युवा संसद प्रतियोगिता

केन्द्रीय विद्यालयों के लिए राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता

जवाहर नवोदय विद्यालयों के लिए राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता

विश्वविद्यालयों/कॉलेजों के लिए राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता

 

पिछले 12 महीनों के दौरान इन योजनाओं की उपलब्धियां

क्रमांक योजना उपलब्धि
1. दिल्ली के स्कूलों के लिए युवा संसद प्रतियोगिता प्रतियोगिता के 52वें संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए 23 अक्टूबर, 2018 को जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम, पीएलबी, नई दिल्ली में एक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के 53वें संस्करण के लिए मई 2018 में उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम का आयोजन किया गया था।
2. केन्द्रीय विद्यालयों के लिए राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता प्रतियोगिता के 31वें संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए 12 सितंबर, 2018 को जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम, पीएलबी, नई दिल्ली में एक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के 32वें संस्करण के लिए अप्रैल 2018 में उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम का आयोजन किया गया था। क्षेत्रीय स्तर पर मूल्यांकन का कार्य जुलाई-अगस्त, 2018 में पूरा कर लिया गया था। मंडल स्तर पर मूल्यांकन का कार्य अक्टूबर-नवंबर, 2018 में पूरा कर लिया गया था।
3. जवाहर नवोदय विद्यालयों के लिए राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता प्रतियोगिता के 21वें संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए 07 सितंबर, 2018 को जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम, पीएलबी, नई दिल्ली में एक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के 32वें संस्करण के मूल्यांकन का कार्य दिसंबर, 2018 में पूरा कर लिया गया था।
4. विश्वविद्यालयों/कॉलेजों के लिए राष्ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता प्रतियोगिता के 14वें संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करने के लिए 20 सितंबर, 2018 को जीएमसी बालयोगी ऑडिटोरियम, पीएलबी, नई दिल्ली में एक पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के समूह स्तर मूल्यांकन का कार्य सितंबर-नवंबर, 2018 में पूरा कर लिया गया था।

 

उक्त योजनाओं के अतिरिक्त मंत्रालय विभिन्न राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के युवा संसद प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है। इस संदर्भ में मंत्रालय ने इस वर्ष निम्न राज्यों / केन्द्रशासित प्रदेशों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है।

 

क्रम संख्या राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश वित्तीय सहायता
1. मध्य प्रदेश Rs 5,00,000/-
2. हरियाणा Rs 3,00,000/-

 

भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष तथा 2022 में स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर संसदीय कार्य मंत्रालय ने पिछले वर्ष अगस्त-सितंबर के दौरान केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों, डीएवीपी, संगीत व नाटक प्रभाग तथा दिल्ली दूरदर्शन के प्रदर्शनी-सह-सांस्कृतिक कार्यक्रमों को आयोजित करने में समन्वय प्रदान करने का कार्य किया। ये कार्यक्रम पूरे देश में 39 स्थानों पर (अनुलग्नक) आयोजित किए गए थे और इन कार्यक्रमों की थीम – ‘नया भारत, करके रहेंगे’ थी।

राजभाषा संबंधित

 

वर्ष 2014

 

  1. 1 से 15 सितम्बर, 2014 के दौरान मंत्रालय में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया।
  2. भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा हिंदी दिवस अर्थात 14 सितंबर,2014 को मंत्रालय को इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कारों (2012-13) का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।
  3. भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा 15 नवंबर, 2014 को मंत्रालय को इंदिरा गांधी राजभाषा पुरस्कारों (2013-14) का तृतीयपुरस्कार प्रदान किया गया।

 

वर्ष 2015

 

  1. 24 जुलाई, 2015 को मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई।
  2. 1 से 14 सितम्बर, 2015 के दौरान मंत्रालय में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया।
  3. भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा हिंदी दिवस अर्थात 14 सितम्बर,2015 को मंत्रालय को राजभाषा कीर्ति पुरस्कारों (2014-15) का प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।

 

वर्ष 2016

 

  1. 30 मार्च, 2016 को मंत्रालय की हिन्दी सलाहकार समिति समिति की बैठक आयोजित की गई।
  2. 14 से 28 सितम्बर, 2016 के दौरान मंत्रालय में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया।
  3. भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा हिंदी दिवस अर्थात 14 सितंबर,2015 को मंत्रालय को राजभाषा कीर्ति पुरस्कारों (2015-16) काप्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।

 

वर्ष 2017

 

  1. दिनांक 17.5.2017 और 6.12.2017 को मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति की बैठकें आयोजित की गई।
  2. 1 से 14 सितम्बर, 2017 के दौरान मंत्रालय में “हिन्दी पखवाड़ा” मनाया गया।
  3. योग दिवस समारोह के भाग के रूप में दिनांक 24.5.2017 को मंत्रालय में एक योग प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

 

वर्ष 2018

 

  1. 14 से 28 सितम्बर, 2018 के दौरान मंत्रालय में हिंदी पखवाड़ा मनाया गया।
  2. भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा हिंदी दिवस अर्थात

14 सितंबर, 2018 को मंत्रालय को राजभाषा कीर्ति पुरस्कारों (2017-18) का द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

  1. कर्मचारियों को हिंदी भाषा, राजभाषा अधिनियम और राजभाषा नियमों की जानकारी देने के लिए

दिनांक 12.2.2018 को एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।

  1. चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में दिनांक 13.6.2018 को योग पर एक विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया।

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