उत्तराखंड देश

उमेश शर्मा के जेल से रिहा होने से उतराखण्ड में आयेगा स्टिंगों का जलजला!

भाजपा के वे केन्द्रीय नेता कौन है जो उमेश शर्मा को दे रहे है संरक्षण  ?

उतराखण्ड की सरकार, नेताओं व नौकरशाहों का स्टिंग करके भयादोहन के आरोप में जेल में बंद समाचार प्लस के प्रमुख उमेश शर्मा को रांची की अदालत ने किया रिहा

देहरादून (प्याउ)। उतराखण्ड की सरकार, नेताओं व नौकरशाहों का स्टिंग करके भय दोहन के आरोपों में जेल में बंद समाचार प्लस  के प्रमुख  उमेश शर्मा को रांची की अदालत द्वारा रिहा किये जाने से उतराखण्ड में स्टिंगों का एक जलजला आने की आशंका से से सत्तापक्ष ही नहीं विरोधी व नोकरशाही भी सहमी हुई है। सबको आशंका है कि उमेश शर्मा के पास जो नेताओं व नौकरशाहों के कृत्यों की स्टिंग कुण्डली है वह उजागर हो सकती है।
रांची में जमानत मिलने पर  कई दिनों से जेल में बंद उमेश शर्मा ने उतराखण्ड सरकार पर अपने खिलाफ षडयंत्र रच कर उसे सालों तक जेल में बंद रखने का षडयंत्र रची हुई थी। जिसे न्याय पालिका ने विफल कर दिया। इसके लिए न्याय पालिका का धन्यवाद दिया। उमेश शर्मा ने पुन्न अपने खिलाफ चलाये जा रहे मामलों की केन्द्रीय जांच ब्यूरों से जांच कराने की मांग करते हुए पुन्न दोहराया कि उसको झूटे मामलों में फंसाया गया।
सबसे चैकान्ने वाली खबर यह है कि उमेश शर्मा ने इस विवाद में उसके खिलाफ उतराखण्ड सरकार के षडयंत्र को समझने के लिए भाजपा के केन्द्रीय नेताओं का भी आभार प्रकट किया। लोग हैरान है जिस व्यक्ति पर उतराखण्ड की भाजपा सरकार भय दोहन करने का आरोप लगा कर जेल में ही बंद रखने के लिए उतारू है उस व्यक्ति को भाजपा का कोन कोन केन्द्रीय नेता कर रहे है। आखिर इस प्रकरण से जहां जनता में त्रिवेन्द्र सरकार की वाहवाही हुई। जनता चाहती थी कि प्रदेश के भ्रष्ट नेताओं व नौकरशाहों के स्टिंग को कर उनको बेनकाब किया जाय परन्तु स्टिंग के नाम पर भयदोहन करने वालों पर भी भ्रष्ट नेताओं की तरह ही जनता को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है। जनता हैरान है कि इतने भ्रष्टाचारियों ंव जनविरोधी नेताओं व नौकरशाहों का स्टिंग करने के बाबजूद इनको प्रसारित क्यों नहीं किया गया? इसलिए जनता को त्रिवेन्द्र सरकार के आरोप पर कोई हैरानी नहीं हुई जनता चाहती है कि भ्रष्ट नेता, नोकरशाहों के साथ भ्रष्ट पत्रकारों से भी प्रदेश को मुक्ति मिले।

गौरतलब है कि 29 नवम्बर को रांची की अदालत ने एक अन्य मामले में रांची की जेल में बंद उमेश शर्मा को जमानत दे दी। उमेश शर्मा के जेल से रिहा होने की आशंका से उतराखण्ड पुलिस एक मामले में उन्हें अपने शिकंजे में लेने की मंशा पर उतराखण्ड उच्च न्यायालय ने उमेश शर्मा के खिलाफ जारी बी-वारंट पर रोक लगाने से उमेश शर्मा को जेल में रखने की सरकार की मंशा पर पानी फिर गया। ऐसा माना रा रहा है कि उमेश शर्मा की सरपरस्ती में प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत के करीबियों, उनके मुंह लगे नौकरशाह आदि का स्टिंग किया गया। इसकी भनक लगते ही प्रदेश सरकार ने स्टिंग करके पूर्ववर्ती सरकार के मुखियों के पसीने छुडाने वाले उमेश शर्मा पर शिकंजा कसा। उमेश शर्मा पर मामला उसी के एक विश्वसनीय स्टिंग करने में महारथी समझे जाने वाले कर्मचारी द्वारा किया गया तो उमेश शर्मा को पुलिस प्रशासन ने दबोच कर जेल में बंद कर दिया।

जनता यह देखकर हैरान है कि न पुलिस प्रशासन अन्य आरोपियों को ही दबोच पायी व नहीं उमेश शर्मा की हकीकत सामने ला पायी। अपनी मजबूत पंहुच के कारण उमेश शर्मा के साथी इस मामले में सह आरोपियों को दबोचने में पुलिस प्रशासन विफल रहा। जिस प्रकार से उमेश शर्मा ने खुद भाजपा के केन्द्रीय नेताओं का आभार प्रकट किया उससे साफ लगता है कि भाजपा का कोई ऐसी मजबूत लाबी है जो अपनी ही सरकार को परेशानी में धकेलने वालों का संरक्षण दे  रहे है।

परन्तु चंद ऐसे भी विशेषज्ञ है जिनको पूरा विश्वास है कि उमेश शर्मा , त्रिवेन्द्र सरकार के खिलाफ नहीं अपितु भाजपा के विरोधियों के ही स्टिंग चलायेगे। हो सकता है उनके मित्र, भाजपा के केन्द्रीय नेताओं ने उनको प्रदेश भाजपा सरकार के खिलाफ किये गये स्टिंग न करने की बात समझा दिया हो।

About the author

pyarauttarakhand5