शासन प्रशासन व नेता इन दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए गंभीर नहीं
उतरकाशी/पिथोरागढ़(प्याउ)। उतराखण्ड में 18 नवम्बर को तीन सड़क दुर्घटना में 14 लोगों की दर्दनाक मौत होे गयी और 17 लोग घायल हो गये। सुत्रों के अनुसार सबसे भीषण बस दुर्घटना 18 नवम्बर की दोहपरी को उतरकाशी जनपद के यमुनोत्री राजमार्ग पर डामटा क्षेत्र में स्थित किमथात मेें नौगांव से विकास नगर को जा रही एक बस डामटा के पास गहरी खाई में बह रही यमुना में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी। पुलिस व स्थानीय लोगों ने मिल कर इस बस दुर्घटनाग्रस्त बस में बचाव कार्य प्रारम्भ किया।
इस बस में सवार 25 यात्रियों में से 9 लोगों की घटना स्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गयी और 14 लोग घायल हो गये। दो घायल यात्रियों की भी दर्दनाक मौत अस्पताल ले जाते समय हो गयी। गंभीर रूप से घायल यात्रियों को हेलीकाॅप्टर से देहरादून भेजा गया। दूसरी दुर्घटना बारात की एक कार के दुर्घटना होने से इसमें सवार तीन युवको की दर्दनाक मौत हो गयी और दो घायल हो गये। इसी के साथ बदरीनाथ राजमार्ग पर सेना के बाहन के साथ एक बस की यकायक हुई हल्की टक्कर में बस चालक घायल हो गया। वहीं इस दुर्घटना की खबर सुन कर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने ट्वीट करके गहरा शोक प्रकट करते हुए लिखा-
डामटा के पास दर्दनाक सड़क हादसे की खबर से मन व्यथित है। हादसे में मृतकों की आत्मा की शांति व घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। घायलों को त्वरित उपचार के लिए हेलीकॉप्टर से देहरादून लाया जा रहा है। मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि देने के निर्देश दिए हैं।
— त्रिवेंद्र सिंह रावत (@tsrawatbjp) November 18, 2018
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इन दुर्घटनाओं में मारे गये लोगों के परिजनों को मुआवजा राशि देने के भी निर्देश दिए ं। उतराखण्ड में आये दिन कहीं न कहीं सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की दर्दनाक खबरें यत्र तंत्र सुनायी देती है। सरकारें भी ट्वीटृर पर शोक संदेश व मुआवजा देकर अपना कर्तव्य इतिश्री समझते है। परन्तु इन संदेशों व मुआवजे से न तो इन दुर्घटना के शिकार बने परिजनों के घाव कभी नहीं भरते हैं और नहीं बडी संख्या में हो रही दुर्घटनाओं पर ही अंकुश लगता है। शासन प्रशासन व नेता इन दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए गंभीर नहीं है।